जिले के रवि सिंह ने बनाई मात्र ५०० लागत से ऑटोमेटिक हैंड सेनेटाइजर मशीन
बिना मशीन को टच करे मिलता है सेनेटाइजर
कोरोना काल में मददगार हो सकती है ये ऑटोमेटिक मशीन
संक्रमण का खतरा लगभग न के बराबर
शिरीष नंदन श्रीवास्तव 9407070665
शहडोल। जिले के होनहार छात्र और अब बालाघाट में सरदार पटेल विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर पद अपनी सेवाएं दे रहे रवि सिंह ने एक स्वचालित हैंड सैनिटाइजर मशीन बनाई है जिससे बिना टच किये उपयोग कर्ता को सेनेटाइजर मिल जाता है। इस मशीन से रोगो के संक्रमण का खतरा भी बहुत कम बल्कि न के बराबर है इस मशीन की लागत बाजार में मिलने वाली ऑटोमेटिक हैंड सेनेटाइजर मशीन से बहुत कम है।
अपने अविष्कार के बारे में बताते हुए रवि सिंह ने कहा कि यह पूरी तरह से स्वचालित मशीन और कम बिजली की खपत करने वाली मशीन है। मैंने इसमें मैं IR सेंसर का उपयोग किया है जिसके कारन जब इस मशीन के नीचे किसी का हाथ आता है तो यह मशीन स्वयं ही सैनिटाइजर को प्रवाहित कर देती है और इस पूरी प्रक्रिया में उपयोगकर्ता को कही भी मशीन को हाथ से छूने की जरुरत नहीं पड़ती है मशीनरी की बात करे तो इस मशीन में मॉड्यूल,एसी / डीसी सर्किट के साथ पंप फिट किया है।
ऐसे आया मशीन बनाने का विचार
यह लॉकडाउन का काल है हर कोई सुरक्षित ढंग से अपने हाथ को सेनेटाइज़ करने की बात करता है। इसलिए मुझे शरीर और हाथों को साफ करने के लिए एक मशीन बनाने का विचार आया और मैंने यह मशीन बनाई । हम इस मशीन का उपयोग दुकान, कार्यालय, घर और किसी भी कार्य में कर सकते हैं। बचपन से मैं बहुत खोजी प्रवित्ति का था नए तरीके या काम करने की विधि जानने के लिए किसी भी मशीन को खोलकर उस पर काम करना शुरू किया जिसकी वजह से मैंने भी बचपन में कई खिलौने और मशीन को नुकसान भी पहुंचाया। इस मशीन की लागत बाजार में मिलने वाली ऑटोमेटिक हैंड सेनेटाइजर मशीन से बहुत कम है। इसे बनाने में कुल लागत ४५० से ५०० रुपये मात्र आती है। इसके अलावा भी रवि सिंह ने कई और भी स्वचालित यंत्र बनाये है जिनमे सेंसर कार और ड्रोन शामिल है।