कोरोना को लेकर गंभीर नहीं ब्लड बैंक के जिम्मेदार

रक्तदान करने वाले लापरवाही से हो सकते हैं संक्रमण का शिकार
नोटिस तो लगाया पर ग्लब्स, सेनिटाइजर का उपयोग नहीं
(Anil Tiwari+91 88274 79966)
शहडोल। संभाग के इकलौते ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मचारी और प्रभारी अपने जिम्मेदारी को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है, न तो जमीनी स्तर पर यहां कोरोना संक्रमण से बचने के उपायों को अपनाया जाता है, बल्कि प्रभारी ने तो, अपनी प्रतिक्रिया में मातहतों पर जिम्मेदारी डालकर खुद को किनारे कर लिया, जबकि जिले के मुखिया कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह ने इसे बड़ी लापरवाही बताते हुए व्यवस्था को दुरूस्त करने की बातें कहीं। ब्लड बैंक में कोई भी व्यक्ति बिना मॉस्क, स्क्रीनिंग आदि के अंदर जाकर न सिर्फ रक्तदान कर सकता है, बल्कि रक्त लेने वाले कर्मचारी भी ग्लब्स आदि का उपयोग नहीं कर रहे हैं, पूरा शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश व देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, वहीं दूसरे का जीवन बचाने के लिए रक्तदान करने यहां पहुंचे रक्तदाता कहीं खुद संक्रमण का शिकार न हो जायें।
दिखावे का नोटिस
ब्लड बैंक के बाहर दीवाल पर विभाग द्वारा 8 से 10 बिन्दुओं का नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें कोरोना से बचाव के लिए उपाय सुझाये गये हैं, यही नहीं यहां आने वाले लोगों और कर्मचारियों को मॉस्क व सेनिटाइजर के साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की समझाईश दी गई है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका पालन कितना हो रहा है, यह मौके पर पहुंचकर खुद देखा जा सकता है।
कहीं संक्रमण न ले जायें रक्तदाता
शुक्रवार को ब्लड बैंक में एबी पॉजीटिव की रक्त की आवश्यकता पर कई रक्तदाताओं को उनके परिचित यहां लेकर आये थे, चूंकि ब्लड बैंक में इस ग्रुप का रक्त नहीं था, इस कारण कई समाजसेवी दूसरों का जीवन बचाने के लिए यहां पहुंचे थे, जिस दौरान उनसे रक्त लिया जा रहा था, उस दौरान यहां कार्यरत कर्मचारी योगेश्वर के द्वारा ग्लब्स आदि का इस्तेमाल नहीं किया गया। यही नहीं इससे पूर्व भी सेनिटाइजर न तो हाथ आदि सफा कराये गये और न ही स्क्रीनिंग आदि की व्यवस्था चुनिंदा लोगों के लिए की गई है। इस कारण यहां रक्त देकर दूसरों का जीवन बचाने वाले कहीं खुद यहां से बीमारी न ले जाये, इसका भी भय बना हुआ है।
अभी अनसुलझी है पुरानी गुत्थी
बीते सप्ताह ही ब्लड बैंक से राकेश कुशवाहा नामक वाहन चालक द्वारा अनाधिकृत तौर पर यहां अपनी पैठ जमाकर रक्त बेचने का मामला सामने आया था, जब इस मामले का खुलासा हुआ तो, उसे यहां से हटाकर ओपीडी में बैठा दिया गया, सप्ताह भर बीतने के बाद भी खून के दलालों और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ गठित की गई टीम किसी निर्णय पर नहीं पहुंची है, यदि टीम ने रिपोर्ट सौंप भी दी तो, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की, जिस कारण यहां खून की दलाली तो हो ही रही है, लापरवाही का आलम यह है कि अब इन्हें कोरोना जैसी महामारी का भय तक नहीं रहा।
इनका कहना है…
मेरे सामने कोई रक्त नहीं लिया गया, जिन्होंने ग्लब्स नहीं लगाये, आप उन्हीं से इस संदर्भ में पूछिए।
डॉ. सुधा नामदेव
ब्लड बैंक प्रभारी, शहडोल
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मैं तत्काल ही इसकी जांच करवा कर व्यवस्था ठीक करवाने की पहल करता हॅू।
डॉ. विक्रम बारिया
सिविल सर्जन, शहडोल
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आपने जानकारी दी है, इसे संज्ञान में लेकर तत्काल व्यवस्था दुरूस्त करवाई जायेगी।
डॉ. राजेश पाण्डेय
सीएमएचओ, शहडोल
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कोरोना काल में यदि ऐसी लापरवाही बरती जा रही है तो, यह गंभीर मामला है, मैं सिविल सर्जन से कहकर व्यवस्था दुरूस्त करवाता हंू।
डॉ. सतेन्द्र सिंह
कलेक्टर, शहडोल