सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सिर्फ जनता की जिम्मेदारी ???
Santosh Sharma
धनपुरी। कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में लगभग 3 माह लॉकडाउन किया गया था लॉक डाउन की गाइडलाइन बनाई गई थी और बीते 3 माह से फोन पर यह सुन सुनकर जनता के कान पक चुके हैं कि घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढके हाथों को समय-समय पर धोते रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस के द्वारा आम जनता को जमकर सबक सिखाया गया था और कहीं ना कहीं पुलिस की मेहनत की लॉक डाउन का इमानदारी से पालन करवा रही थी लेकिन जैसे-जैसे देश में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ता जा रहा है अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है वैसे वैसे लोगों की लापरवाही बढ़ती जा रही है कोरोनावायरस संक्रमण के दुष्प्रभाव को बढ़ने से रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सावधानी सोशल डिस्टेंसिंग को माना जाता है लेकिन वर्तमान समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सिर्फ जनता की जिम्मेदारी बनती जा रही है क्योंकि नगर में आए दिन होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों को देखकर तो कहीं से ऐसा नहीं लगता कि राजनीतिज्ञों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा हो नगर में कुछ लोग चर्चा करते हैं कि बताओ कोरोना बड़ा या फिर चुनाव तो लोग ऐसा सवाल पूछने पर जवाब देते हैं चुनाव ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.
वह चुनाव रूपी यज्ञ में शामिल कार्यकर्ताओं नेताओं का कोरोना वायरस कुछ नहीं बिगाड़ सकता इसलिए आए दिन होने वाले विरोध प्रदर्शन तो कहीं नेताओं के स्वागत वंदन अभिनंदन में सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से नदारद रहती है बड़े नेताओं के साथ तस्वीर खिंचवाने की होड़ में सोशल डिस्टेंसिंग सबसे बड़ी बाधा मानी जाती है वहीं कुछ लोग कहते हैं मास्क लगाने से तस्वीर खिंचवाने का क्या मतलब यदि मास्क लगाकर तस्वीर खिंचवाई तो फिर हमें कौन पहचाने का इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं फेस मास्क लगाने जैसी महत्वपूर्ण सावधानियों का पालन करना सिर्फ और सिर्फ जनता की जिम्मेदारी है राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता एवं नेता कोरोना वायरस संबंधी सावधानियों को उपयोग करने को अपनी शान के खिलाफ समझते हैं जहां लॉक डाउन की गाइडलाइन के अनुसार शादियों में 50 व्यक्ति से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते किसी की मौत हो जाने पर उसकी अंतिम यात्रा में ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते यदि होते हैं तो उन पर कार्यवाही होती है लेकिन आज नगर की जनता सब कुछ अपनी आंखों से देखती है कि इस प्रकार से सारे नियम कानून तोड़ते हुए राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और उन पर किसी का जोर नहीं है जनता कहती है कोरोना वायरस सिर्फ हमारा नुकसान कर सकता है प्रशासन सिर्फ हम पर कार्यवाही कर सकता है बाकी राजनैतिक कार्यक्रमों में कितनी सावधानी बरती जाती है वह तो आप सभी लोग जानते हैं