न्यायाधीश की मौत: आटा जब्त, घर हुआ सील

डॉक्टरों ने नागपुर किया था रेफर, जांच में सावधानी बरत रही पुलिस
भोपाल। बैतूल जिला मुख्यालय में न्यायाधीश महेन्द्र त्रिपाठी और उनके बड़े बेटे अभियान की फुड प्वाजनिंग से मौत से हड़कंप मच गया है, मामला एक वरिष्ठ जज का होने से पुलिस भी सावधानी बरत कर जांच कर रही है, पूरे मध्यप्रदेश के न्यायालयीन क्षेत्रों में इस घटना से सनसनी मच गई है। एडीजे और उनके बेटे की अचानक मौत से हर कोई हैरान है। अचानक मौत इस तरह होना किसी के गले नहीं उतर रहा है, गौरतलब है कि आज तड़के सुबह 3 बजे महाराष्ट्र के नागपुर में इलाज के दौरान महेंद्र त्रिपाठी ने अंतिम सांसे ली। इससे पहले ही नागपुर ले जाते समय उनके पुत्र 35 वर्षीय अभियान राज त्रिपाठी की भी मौत हो की पुष्टि परिवार जनों ने की।
हालत बिगडऩे पर नागपुर किया रेफर
पाढऱ अस्पताल में इलाजरत एडीजे महेन्द्र त्रिपाठी और बड़े बेटे अभियान त्रिपाठी की हालत में कुछ सुधार आया। 25 जुलाई की सुबह भी जो लोग उनसे मिले तो उनकी दोनों से अच्छे से बात हुई थी और जल्द ही अस्पताल से छुट्टी की बात भी की, लेकिन 25 जुलाई की ही शाम दोनों की हालत बिगड़ गई और डॉक्टर्स ने उन्हें नागपुर रेफर कर दिया। खबर है कि नागपुर ले जाते वक्त बेटे अभियान की रास्ते में ही मौत हो गई, जबकि देर रात न्यायाधीश पिता ने भी दम तोड़ दिया। बताया ये भी जा रहा है कि गंज पुलिस ने न्यायाधीश के बयान ले लिए थे, जिसमें उन्होंने आटे की जांच की बात कही थी, पुलिस ने आटा जब्त कर घर सील कर दिया है।
गले नहीं उतर रहा फूड प्वाजनिंग
खबर है कि आटा शायद इंदौर से आया था और एक सूत्र के अनुसार आटे में किसी के द्वारा कुछ मिलाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि न्यायाधीश श्री त्रिपाठी तो डायबिटीज और बीपी के मरीज थे, लेकिन उनका बड़ा पुत्र किसी बाडी बिल्डर से कम नहीं था, ऐसे में सिर्फ फुड प्वाजनिंग से उसकी मौत किसी के गले नहीं उतर रही। एक तथ्य यह भी है कि मौत से पहले दोनों करीब ढाई दिन पाढर अस्पताल में उपचाररत रहे। इतने लंबे समय में फुड प्वाजनिंग सरीखी बीमारी आमतौर पर कंट्रोल में आ जाती है, लेकिन इलाज के बाद भी स्थिति बिगड़ी और पाढर अस्पताल से जाने के कुछ घंटों के अंदर ही बाप-बेटे की मौत हो गई।
प्रसाद खाने के बाद हुई उल्टियां
परिवारजनों से मिली एक अन्य खबर पर यकीन करें तो, इसी माह की 20-21 तारीख को एडीजे महेंद्र त्रिपाठी के परिवार में किसी परिचित के द्वारा प्रसाद दिया गया था, जिसे महेंद्र पार्टी और उनके बड़े पुत्र ने ग्रहण किया, जिसके बाद अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, वहीं उनके छोटे पुत्र ने भी प्रसाद लिया, लेकिन उसकी मात्रा ज्यादा ना होने और उल्टियां हो जाने के कारण उसकी स्थिति खतरे से बाहर हो गई।
शहडोल जिले में गहरा शोक
आज तड़के हुई उनकी मौत के बाद उनके शव को कटनी जिले अंतर्गत स्थित उनके गृह ग्राम में लाया गया है, एडीजे त्रिपाठी की शहडोल जिले के धनपुरी क्षेत्र कर्मभूमि रही है, इससे पहले वह अनूपपुर जिले के विवेक नगर क्षेत्र में भी रह चुके हैं, उन्होंने अपनी पढ़ाई यही की थी और यहीं से उन्होंने सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण कर न्यायिक सेवा क्षेत्र में प्रवेश किया था। उनकी पत्नी धनपुरी स्थित एसईसीएल के केंद्रीय चिकित्सालय में नर्स के पद पर पदस्थ थी, बीते 6 से 8 माह पहले ही उन्होंने बुढ़ार स्थित अपने आवास को बेचकर पूरे परिवार को बैतूल में साथ में रखा था, श्री त्रिपाठी की असमय मौत की खबर से शहडोल जिले खासकर धनपुरी, अमलाई, चचाई क्षेत्र में उनके मित्रों और परिचितों में गहरा दुख व्याप्त है।