MP उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने दिया यह नारा- ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए..
विक्रांत तिवारी
भोपाल । मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के चलते कमलनाथ को अपनी सत्ता गवांनी पड़ी. कांग्रेस अब उपचुनाव के जरिए सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुट गई है. प्रदेश की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ का नारा दिया है. कांग्रेस ने इस नारे के जरिए सीधे सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले विधायकों को निशाने पर लिया है, क्योंकि चुनावी मैदान में उन्हीं बागियों से कांग्रेस का मुकाबला है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के बीच लोगों को मास्क वितरण का कार्यक्रम शुरू किया है. कांग्रेस ने ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ नारे वाले मास्क बांटकर प्रचार अभियान की शुरुआत की है. कांग्रेस की रणनीति है कि इन मास्कों को उपचुनाव वाली सीटों के शहर से लेकर गांव देहात स्तर तक लोगों के बीच पहुंचाया जाए.
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मास्क वितरण कार्यक्रम को लॉन्च करते हुए कहा कि जनता से कहेंगे कि वह ऐसे जनप्रतिनिधि चुने, जो ‘टिकाऊ हों, बिकाऊ नहीं.’ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के 22 विधायक बिक गए और कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार गिराने बेंगलुरु चले गए. कमलनाथ की सरकार अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन सरकार गिराकर मध्य प्रदेश का विकास रोक दिया. इसके लिए यही बिकाऊ विधायक जिम्मेदार हैं. पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा की 27 खाली सीटों पर उपचुनाव होना है, इसलिए कांग्रेस जनता से कहेगी कि वह ऐसे प्रत्याशी चुने जो बिकाऊ नहीं, बल्कि टिकाऊ हों. यदि टिकाऊ होगा तो सेवा की भावना से काम करेगा और फिर सरकार भी ठीक चलेगी. उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर उपचुनाव वाली सीटों पर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी और ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ वाले मास्क वितरित कर लोगों के बीच प्रचार करेगी.
दरअसल कांग्रेस की रणनीति है कि इस अभियान के जरिए सीधे मतदाताओं से संपर्क करने के साथ-साथ गांव देहात, गली मोहल्ले में लोगों को मास्क वितरित कर सिंधिया संग बीजेपी में गए नेताओं के खिलाफ माहौल बना सके. कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की जनता उपचुनाव में उन सभी बागी नेताओं को सबक सिखाने वाली है, जिन्होंने अपने निजी फायदे के लिए लोकतंत्र का गला घोंट दिया और मतदाताओं के साथ धोखा देने का काम किया.मध्य प्रदेश की कुल 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा की 27 सीटें रिक्त हैं. कांग्रेस उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने पर जोर लगा रही है ताकि दोबारा से सत्ता में वापसी हो सके. कमलनाथ खुद भी कह चुके हैं कि उन्होंने महज एक ब्रेक लिया है और उपचुनाव में जीतकर दोबारा से वापसी करेंगे. ऐसे में देखना है कि इस नाए नारे जरिए कमलनाथ क्या सियासी गुल खिलाते हैं?