शहडोल : धनपुरी पुलिस पर लगे गंभीर आरोप,प्रताड़ना से तंग 10वीं की छात्रा ने खाया जहर

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शहडोल। शनिवार व रविवार की दरमियानी रात जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 17 में स्थानीय पुलिस और युवतियों के बीच जो कुछ भी घटा, उसमें यदि युवती के द्वारा लगाये गये आरोप, उसकी मां के सर से बहता रक्त यदि सही है तो, यह न सिर्फ शहडोल बल्कि प्रदेश भर की पुलिस के लिए शर्मनाक है। देशभक्ति और जनसेवा की शपथ लेकर आई पुलिस जब महिलाओं को न्याय दिलाने की जगह जब उनकी भक्षक बन जायेगी, तब न्याय की उम्मीद किससे की जायेगी। रविवार को अवकाश होने के बाद भी जब युवती का परिवार न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा तो, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य, उप पुलिस अधीक्षक व्ही.डी.पाण्डेय व अन्य वर्दीधारियों के समक्ष पीडि़ता ने धनपुरी थाना प्रभारी रत्नाम्बर शुक्ला पर आरोप लगाते हुए, अधिकारियों से अपने व परिवार की सुरक्षा की मांग की।

यह कह रही पुलिस

धनपुरी पुलिस की माने तो घटना की रात 100 डॉयल पर सूचना मिली कि दो पड़ोसियों में विवाद हो रहा है। शिकायत के समय व पहुंचने के समय में घंटो विलम्ब क्यों हुआ, यह तो पुलिस ने नहीं बताया, यह जरूर बताया कि जब 100 डॉयल के दो जवान मनोज सिंह व पॉयलट योगेन्द्र वहां पहुंचे तो, मनोज सिंह को कथित युवती और उसके परिजनों ने अपने घरों में बंदी बना लिया, युवती व उसके परिजन शराब के नशे में थे, युवती उसकी दो बहनों और मां के अलावा इरफान खान व अंकित नापित के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 और 332 के तहत अपराध कायम किया और पुलिस लौट आई।

युवती के सामने बेबस वर्दीधारी?

रविवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची युवती, उसकी मां और दो अन्य बहनों ने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि 100 डॉयल में आये मनोज सिंह और योगेन्द्र शराब के नशे में थे। उन्होंने कहा कि मनोज अंदर बैठा था और योगेन्द्र ने बाहर से प्रभारी को फोन कर दिया, इस दौरान हमारे साथ कैटरिंग का कार्य कर रही दो अन्य युवतियां घर पर थी। मनोज ने प्रभारी को बताया कि यहां वैश्यावृत्ति होती है और हमने उसे घर में बंधक बना लिया है, जबकि योगेन्द्र बाहर खड़ा था और दरवाजा भी बाहर से बंद था। सवाल यह उठता है कि 15 से 20 वर्ष की दो से तीन युवतियां मिलकर वर्दीधारी को बंधक कैसे बना लिया।

नाबालिग छात्रा से की अभद्रता

पीडि़त युवती के साथ उसकी वृद्ध मां कौशल्या भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची थी, उसके सर पर चोट थी, जिस पर पट्टी बंधी हुई थी। श्री वैश्य को उन्होंने बताया कि टीआई रत्नाम्बर शुक्ला की मारपीट से सर फूटा हैं। युवती ने बताया कि टीआई ने उसके व उसकी बहन का मोबाइल छीना, जिसमें वह इन हरकतों को रिकार्ड कर रहे थे, जिसे बंदूक की बट से तोड़ दिया। छोटी बहन के बाल पकड़कर घसीटा और उसके साथ अभद्रता की गई।

माईक-2 ने दी राहत

शनिवार और रविवार की पूरी रात यह घटना क्रम चलता रहा, रविवार की सुबह पुलिस फिर घर पहुंची और सादे कागजों में हस्ताक्षर करवाने का दबाव डालने लगी, जिसके बाद युवतियां और उनकी माँ एसपी कार्यालय पहुंची, इसी दौरान 15 वर्षीय किशोरी जिसने प्रभारी पर अश्लीलता के आरोप लगाये, उसने जहरीला पदार्थ खा लिया और एसपी कार्यालय के सामने जमीन पर पड़ी रही, श्री वैश्य ने जानकारी मिलते ही तत्काल अस्पताल पहुंचाया, यही नहीं युवती और उनके परिजनों को निष्पक्ष जांच और न्याय का आश्वासन दिया, जिसके बाद अस्पताल में युवती के बयान पुलिस के द्वारा दर्ज कर मामले को जांच में लिया गया।

इनका कहना है…
युवतियां शराब के नशे में थी, मौके पर पहुंचने के बाद हमनें बंधक आरक्षक को छुड़ाने के बाद अपराध कायम किया। बाकी आरोप झूठे हैं।
रत्नाम्बर शुक्ला
थाना प्रभारी, धनपुरी
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धनपुरी से महिलाएं आई थी, उन्होंने शिकायत की है, जहर खुरानी की शिकायत पर महिला को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है तथा पूरे मामले की जांच एसडीओपी धनपुरी को सौंप दी गई है।
मुकेश वैश्य
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
शहडोल

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