कैमोर की बहादुर बेटी अर्चना नें एक दिन सांकेतिक कलेक्टर बन संभाला जिले का कार्यभार

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कैमोर की बहादुर बेटी अर्चना नें एक दिन सांकेतिक कलेक्टर बन संभाला जिले का कार्यभार 

कटनी ! अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर  बहादुर बेटी अर्चना केवट कों कटनी जिले की एक दिन की कलेक्टर बनाया गया है़! एक दिन का कलेक्टर बनाने का निर्णय कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने लिया है। गौरतलब है कि अर्चना ने अपने साहस और निडरता के दम पर आपराधिक तत्वों का सामना करते हुये उन्हें सलाखों तक पहुंचाने का साहसिक काम किया है। जिसकी सूचना विजराघवगढ़  विधायक और पूर्व मंत्री Sanjay Satyendra Pathak  को  लगने पर उन्हें ना सिर्फ़ उसका सम्मान किया साथ ही बहादुर अर्चना को अधिकारियों से राजकीय सम्मान देने के लिए कार्यवाही करने को कहा। अर्चना ने कुछ दिन पूर्व मनचलों से दो बच्चियों को बचाते हुए उन्हें पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया था। इसी बहादुरी के लिए उन्हें स्थानीय विधायक के साथ साथ मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chouhan  ने भी  सम्मानित किया था ! वहीं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अर्चना केवट अर्चना केवट को सांकेतिक रूप से कलेक्टर बनाया गया है! अर्चना नें  जिले के समस्त कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर कलेक्टर प्रोटोकॉल के तहत कार्य किया ! अर्चना सांकेतिक रुप से कलेक्टर बन महिला बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित सीरो कार्यक्रम सम्पूर्ण प्रदेश में किया जा रहा है। इसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं को जागरुक करना है, जिसके तहत अर्चना को एक दिन का सांकेतिक रुप से कलेक्टर बनाया गया । सांकेतिक कलेक्टर अर्चना नें  टाईम लिमिट की बैठक में विभिन्न विभागों का रिव्यू किया । साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जिलास्तरीय कार्यक्रम शीरो में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुई । अर्चना नें विभिन्न शासकीय कार्यों को भी संभाला सुश्री अर्चना बतौर कलेक्टर जिला पंचायत सभाकक्ष में समय सीमा की बैठक ली । इसके बाद दोपहर कों  ग्राम पंचायत चाका में अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित विशेष ग्राम सभा में शामिल हुई । इसके बाद अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के जिलास्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने बस स्टेण्ड स्थित ऑडिटोरियम पहुंची । वन स्टॉप सेन्टर का निरीक्षण कें साथ साथ बालिका गृह का निरीक्षण किया । गौरतलब है कि अर्चना ने अपने साहस और निडरता के दम पर आपराधिक तत्वों का सामना करते हुये उन्हें सलाखों तक पहुंचाने का साहसिक काम किया है। अर्चना ने बताया कि उसने कुछ दिन पूर्व मनचलों से दो बच्चियों को बचाते हुए उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। इसी बहादुरी के लिए मुख्यमंत्री ने भी अर्चना को सम्मानित किया है।

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