नौकरशाह ही कर रहे नजूल पर अतिक्रमण

पटवारी पर लग रहे अवैध कब्जा कराने के आरोप
एक तरफ माफिया के खिलाफ कार्यवाही, दूसरी तरफ अतिक्रमण
(अमित दुबे)
शहडोल। एनएच-43 बनने के बाद हाईवे के दोनों तरफ की भूमियां कौडिय़ों से करोड़ों तक पहुंच गई, खासकर शहडोल से बुढ़ार मार्ग पर नजूल की भूमि राजस्व की शह पर रसूखदार लगातार कब्जा कर रहे हैं। कंचनपुर राजस्व हल्के की आराजी खसरा क्रमांक 1429 भूमि पर अतिक्रमण कर रहे प्रवेश पाण्डेय नामक नौकरशाह की शिकायत बीते दिनों तहसील कार्यालय में हुई, तहसीलदार के निर्देशन में आरआई भास्कर दत्त गौतम ने मौका मुआयना भी किया और जांच रिपोर्ट भी सौंप दी, लेकिन मौका मुआयना के दौरान और इससे पहले तथा बाद में अतिक्रमण लगातार होता रहा, जो वर्तमान में भी जारी है। निचले स्तर पर कार्यरत नौकरशाह, तहसील और अनुभाग में बैठे जिम्मेदारों को गुमराह कर पहले खुद नजूल की भूमि का लोभ दिखाते हैं और बाद में उस पर कब्जा करने के रास्ते भी बताते हैं, लेकिन जब कार्यवाही होती है, तब अतिक्रमणकारी भू-माफिया बन जाता है और नौकरशाह जेब गर्म करने के बाद भी अतिक्रमण विरोधी टीम की अगुवाई करते नजर आते हैं।
लुट रही करोड़ों की भूमि
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 की घोषणा और सड़क बन जाने के बाद बड़े कारोबारियों और उद्योगपतियों की नजर शहडोल से बुढ़ार मार्ग पर जा टिकी, इसी के साथ ही भू-माफिया भी सक्रिय हो गये, परिवहन कार्यालय का निर्माण होने के बाद इसके आस-पास के भू-खण्डों की कीमत भी कौडिय़ों से करोड़ों तक पहुंच गई। जिस भूमि पर स्थानीय ग्रामीण द्वारा की गई शिकायत के बाद राजस्व निरीक्षक ने जांच कर तहसीलदार को रिपोर्ट सौंपी है, उस भूमि का बाजार मूल्य करोड़ों आंका गया है।
एनएच-43 से सटे भू-खण्डो का हाल
जिला और पुलिस प्रशासन प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप माफिया को जमींदोज करने की मुहीम दो से तीन महीनों से लगातार चला रहा है, लेकिन प्रशासन की इस मुहीम को निचले स्तर पर कार्यरत कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं, एनएच-43 के दोनों तरफ शहडोल से लेकर अनूपपुर तक भू-खण्डो का यही हाल है, भू-माफिया स्थानीय काश्तकारों से अनुबंध कराकर, तो कहीं नजूल की भूमि को निजी बताकर अपना हित साध रहे हैं, शर्म तो इस बात की है कि निचले स्तर के जिम्मेदार सबकुछ जानते हुए भी अपना हित साधने में लगे हैं।
कार्यवाही की जगह पत्रों का खेल
नजूल की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण के संदर्भ में कंचनपुर के पटवारी अमित द्विवेदी ने बताया कि खसरा नंबर 1429 नजूल की भूमि है, कुछ दिनों पूर्व वहां अतिक्रमण हो रहा था, बीते दिनों वहां हाईवा से मिट्टी गिराने की भी जानकारी आई, इस मामले में सिन्हा नामक स्थानीय ग्रामीण ने तहसीलदार को शिकायत भी दी है, जिसकी जांच राजस्व निरीक्षक भास्कर दत्त गौतम कर रहे है, कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने के कारण मैं घर पर हूं, मामले की जांच संभवत: गौतम जी ने कर ली है। इस संदर्भ में भास्कर दत्त गौतम कहते हैं कि मौके की जांच कर अतिक्रमण होने की रिपोर्ट तहसीलदार को दे दी है। वरिष्ठ कार्यालय से निर्देश मिलने पर आगे कार्यवाही करेंगे, हालाकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मौके पर अतिक्रमण हो रहा था, तो उन्होंने उसे रोकने की कार्यवाही तत्काल क्यों नहीं की।
24 घंटे चल रहा निर्माण
बीते कुछ दिनों से प्रवेश पाण्डेय नामक रसूखदार नजूल की भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं, मामले की शिकायत और जांच होने के दौरान न तो अतिक्रमण रूका और न ही नौकरशाहों ने इसे रोकने के शायद प्रयास ही किये। नागरिकों ने अपने जिम्मेदारी निभाते हुए शिकायत तो कर दी, लेकिन अब कार्यवाही न होने के कारण आपसी विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है, आरोप तो यह भी है कि प्रवेश पाण्डेय पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में सरकारी मुलाजिम हैं और यहां उसके द्वारा भू-खण्ड क्रय किया गया है तथा उसके सामने नजूल की भूमि पर बेजा कब्जा किया जा रहा है।
इनका कहना है…
शिकायत के बाद आरआई को जांच सौंपी गई है, अवैध अतिक्रमण बिल्कुल बर्दास्त नहीं किया जायेगा। जल्द ही टीम भेजकर अतिक्रमण हटाया जायेगा और वैधानिक कार्यवाही भी होगी।
लवकुश शुक्ला
तहसीलदार
सोहागपुर