कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते वर्मा पैथोलॉजी, एसडीएम के दखल के बाद टीआई धनपुरी ने पहुंचकर संभाली व्यवस्था

धनपुरी। नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 2 में संचालित वर्मा पैथोलॉजी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है। लगातार मरीजों की बढ़ती हुई भीड़ को कोई व्यवस्था ना देते हुए, सिर्फ अपने फायदे को देखते हुए वर्मा पैथोलॉजी के संचालक किसी प्रकार की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध ना करा कर लोगों को संक्रमण की ओर और धकेल रहा है। कोई भी व्यक्ति अगर अपने परिजन को जांच कराने आते हैं तो कोरोना ना होने पर भी हो सकता है कि उन्हें घर जाते वक्त कोरोना जरूर हो जाए। क्योंकि पैथोलॉजी के संचालक बाहर की व्यवस्था ना संभालते हुए उल्टा मरीजों से लाइन लगाकर बखूबी काम को अंजाम दे रहे हैं। वैसे भी इस समय बिना डॉक्टर के मरीज भयभीत होकर अपना इलाज खुद करने में लगे हैं और लगभग सभी पैथोलॉजी में सीआरपी की जांच एवं सीटी स्कैन कराने में लगे हुए हैं। ज्यादातर मरीजों को पैथोलॉजी सेंटर द्वारा डराया जाता है कि इस समय इन इन चीजों का जांच करवाना अति आवश्यक है बताकर मजबूर, परेशान, बीमार, लाचार, व्यक्ति जादूगर नामक पैथोलॉजी संचालकों की बात में आकर अंधाधुन धन लुटाने में मजबूर हो रहे हैं । क्योंकि मरीजों को लगने लगा है कि डॉक्टर से ज्यादा पैथोलॉजी वाले ही जानते हैं और उनके कहने के अनुसार जो भी कहते हैं वहीं जांच करवा लेते हैं।
एसडीएम के दखल के बाद, धनपुरी टीआई ने संभाली कमान
धनपुरी वार्ड क्रमांक 2 में वर्मा पैथोलॉजी द्वारा लगभग आधा सैकड़ा लोगों की भीड़ जमी ही रहती है। लगातार शिकायत मिलने के बाद एसडीएम शेर सिंह मीणा द्वारा धनपुरी प्रभारी को भेजकर उक्त जगह की व्यवस्था को दुरुस्त कराए जाने के लिए भेजा गया। पैथोलॉजी पहुंचकर थाना प्रभारी द्वारा कोरोना गाइडलाइन को पालन करने के लिए पैथोलॉजी के संचालक को फटकार लगाते हुए समझाया गया।
पैथोलॉजी संचालक, डॉक्टर बन कर रहे इलाज
नगर पालिका क्षेत्र के कई व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि वर्मा पैथोलॉजी में इन दिनों भीड़ बढ़ने का प्रमुख कारण यहां से इलाज होना भी बताया है। सूत्रों द्वारा बताया गया कि वर्मा पैथोलॉजी में पैथोलॉजी संचालक स्वयं डॉक्टर की भूमिका अदा कर रहे हैं। और लोगों को खून चेक करने के अलावा उनका इलाज भी किया जा रहा है। इस समय डॉक्टर की कमी का भरपूर फायदा उठाते हुए खुद डॉक्टर बन कर मरीजों को इलाज बांटने में लगे हुए हैं। इसलिए लगातार यहां पर भीड़ बनी रहती है । नोट कमाने के अलावा यहां की व्यवस्था को भी सुचारू रूप से करना इन्हीं की जवाबदारी है लेकिन डॉक्टर बनने की खुशी में कोरोना के गाइडलाइन को ही भूल गए हैं। निश्चित रूप से आने वाले समय में अगर गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो इस डॉक्टरी के दुकान से संक्रमण जरूर बढ़ जाएगा। और लोगों का मौत का आंकड़ा।