स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मुखर हो रही धनपुरी की आवाज
कोरोना संक्रमण काल मैं हो रही मौतों ने क्षेत्र को झकजोर कर रख दिया
सोशल मीडिया पर दिख रहा स्थानीय बाशिंदों को का गुस्सा
कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद जैसे ही मौतों का सिलसिला तेज हुआ जिले के कोयलांचल नगरी धनपुरी में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लोगों ने प्रशासन से मांगे शुरू कर दी, जिले की सबसे धनी नगर पालिका और शासन को हर माह करोड़ों का राजस्व देने वाले इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था हर नागरिक परेशान है। हालांकि यहां अस्पताल तो बना लेकिन वह सफेद हाथी से कम नहीं है, बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांगों को लेकर लोगों का गुस्सा सतह पर दिखने लगा है। जिले की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कोयलांचल के धनपुरी नगर पालिका जिससे धन की नगरी और जिले की सबसे धनी नगर पालिकाओं में गिना जाता है, यही नहीं पूरे जिले में इसी क्षेत्र से केंद्र व राज्य सरकार को खनिज से मिलने वाला राजस्व सबसे अधिक भी है, बावजूद मुख्यालय के बाद जिले की सबसे बड़े निकाय में रहने वाले हजारों वाशिंदे और आसपास के दर्जनभर ग्रामों के बाशिंदों का केंद्र बिंदु बने इस शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर शासन के द्वारा की गई अनदेखी और सौतेले व्यवहार को लेकर स्थानीय नागरिकों में जनप्रतिनिधियों को लेकर गुस्सा अब सोशल मीडिया पर नजर आने लगा है।
80000 आबादी, सुविधाएं मात्र कागजी
कोरोना काल मे समूचा धनपुरी नगर सहमा हुआ है, रोज 5 से 6 लोगो की मौत की खबर से जनता में भय का माहौल बना हुआ है, बीते दिनों ऑक्सीजन की कमी से 16 लोगो को शहडोल में जान गवानी पड़ी थी, उसमें भी अधिकारियों ने लीपापोती कर के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जनता अब दुख सहने की आदि सी हो गई, यदि कोई आवाज उठता भी है तो धनपुरी नगर के चापलूस नेता उसको प्रशासन का भय दिखा कर, शांत करवा देते थे तथा इसमें भी अपना स्वार्थ सिद्ध करने से बाज नहीं आते, पूरे देश में आज स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था पर आवाज उठ रही है और देश के साथ साथ अब धनपुरी नगर के अंदर भी इसी मांग को लेकर एक मुहिम से चल पड़ी है, कहने को तो पूरे संभाग में इस शहर की पहचान काले हीरे की नगरी के रूप में होती है,जहां पर कोयले का अपार भंडार है,करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में सरकार को दिया भी जा रहा है, लेकिन इन सब के बदले इस शहर को मिल क्या रहा है, इस पर सवाल भी उठ रहे हैं और अब इस पर जवाब भी मांगे जा रहे हैं, सैकड़ों गांव इस शहर से लगे हुए हैं और इस शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छुपा नही है।
करोड़ो खर्च, सुविधाएं सिफर
करोड़ो रुपए खर्च कर 30 बिस्तर अस्पताल का निर्माण दो दशक पहले कराया गया था, मानो लगा लोगों को पर्याप्त इलाज यही पर मिलने लगेगा, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है विशालकाय भवन बन कर खड़ा है और सुविधाओं के नाम पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता ना तो पर्याप्त डॉक्टर पदस्थ है न ही समुचित इलाज मिल रहा है और यहां तक की अस्पताल में एक एंबुलेंस भी नहीं है यही कारण है कि इस संकट के समय पर जब इस समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है।
नक्कारखाने में गूँज रही माँगे
इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय लोगों ने आगे आना शुरू कर दिया है, लोगों ने शोषल मीडिया पर आवाज उठाते हुए कहा है कि प्रशासन समस्याओं पर ध्यान दें, एंबुलेंस की व्यवस्था करें, पर्याप्त संख्या में अस्पताल में डॉक्टरों की पदस्थापना करें, ताकि हर किसी को इलाज मिल सके।
कहाँ पर है अस्पताल लोगो को नही है जानकारी
धनपुरी विलिएस नंबर स्थिति समुदायिक स्वास्थ केंद्र तो है पर स्थानीय लोगो के अलावा धनपुरी नगर से सटे छोटे छोटे गाँव से ईलाज के लिए आए ग्रामीणों को अस्पताल की जानकारी न होने से घंटो धूप में भटकना पड़ता है यदि नगरपालिका धनपुरी अस्पताल जाने वाले मार्गो में दिशा सूचक बोर्ड चस्पा करवा दे तो लोगो को भटकना नही पड़ेगा और जल्दी ही उन्हें उपचार मिल सकेगा, धनपुरी नगरपालिका में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ अधिकारियों को अपनी जेबें भरने से फुर्सत ही नही मिलती की वो इस ओर कोई पहल कर लोगो को होने वाली असुविधा से बचा सके।
अस्पताल में सिर्फ दिखती है समस्याएं
अस्पताल का हाल किसी से छुपा नहीं है, अस्पताल का विशालकाय भवन भले ही विकास की कहानी बता रहा हो, लेकिन विकास की असल कहानी भवन के अंदर जाने के बाद ही पता चलती है, आंदोलन हो, विरोध हो, ज्ञापन हो सब कुछ इस अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए किया गया, लेकिन नतीजा आज जनता के सामने हैं, कोरोना संकट की घड़ी में भी स्वास्थ सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर जोर दिया जा रहा, लेकिन स्थानीय वाशिंदों को प्रशासन से अभी भी यह उम्मीद है कि यहां की समस्याएं भी जल्द दूर होंगी।
कायाकल्प से मिलेगी स्थाई मुक्ति
धनपुरी में नवीन 30 सैया युक्त चिकित्सालय एवं आवासी भवन अनुमानित लागत ₹6500000 का भूमि पूजन बिसाहूलाल सिंह, तत्कालीन ऊर्जा मंत्री, मध्य प्रदेश शासन के द्वारा 8 सितंबर वर्ष 2003 गुरुवार को संपन्न हुआ था, तब नगर पालिका धनपुरी के अध्यक्ष मुबारक मास्टर,उपाध्यक्ष शोभाराम पटेल प्रभारी शासकीय अस्पताल डॉक्टर केके गौतम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आरके वर्मा थे, यह शिलालेख आज भी अस्पताल में मौजूद है, शायद ही उद्घाटन के बाद इनमें से कोई कभी अस्पताल झांकने भी आया हो, इसी प्रकार मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग शहडोल द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपुरी में 30 संयुक्त अस्पताल का लोकार्पण मीना सिंह तत्कालीन राज्य मंत्री मध्य प्रदेश शासन महिला बाल विकास एवं प्रभारी मंत्री शहडोल, स्व. दलपत सिंह परस्ते, तत्कालीन सांसद , हंसराज तंवर नगर पालिका अध्यक्ष, स्व. दिनेश कुमार शर्मा अध्यक्ष जिला पंचायत शहडोल के कर कमलों द्वारा 28 मई 2006 दिन रविवार को संपन्न हुआ था।
*नेताओं ने इस महामारी में नगर से मुँहमोड़ा*
चुनाव जीतने के बाद सांसद और विधायक के बदल जाते हैं,धनपुरी नगर की जनता चुनावों में अपने जनप्रतिनिधियों को उनके लच्छेदार भाषण सुनकर जिताती आई है, जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार जय सिंह मरावी विधायक रह चुके हैं, एक बार तो उन्हें मंत्री पद भी दिया जा चुका था, इस बार भी धनपुरी नगर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की विधायक मनीषा सिंह को जीत दिलाई थी, लेकिन जीत मिलने के बाद विधायकों के तेवर बदल जाते हैं, नगर के कार्यकर्ता भी सिर्फ इन नेताओं के साथ फोटो खिंचवाने को अपनी उपलब्धि मानते हैं, इसी तरह सांसद भी चुनाव जीतने के बाद पूरी तरह से कन्नी काट लेते हैं वर्तमान सांसद चाह ले तो 1 दिन में वर्षों से चली आ रही एंबुलेंस की मांग पूरी हो सकती है, जनता की सेवा करना सिर्फ भाषणों में अच्छा लगता है जमीनी हकीकत यह है कि इस अस्पताल में कुत्ते आराम फरमाते हैं और नगर की जनता इलाज के लिए दरबदर भटकती है।
चंदा करके एंबुलेंस खरीदने की होने लगी तैयारी
शासकीय अस्पताल धनपुरी में लंबे समय से एंबुलेंस की कमी है नगर की जनता को अब यह कमी खलने लगी है इसलिए अब धनपुरी में चंदा करके एंबुलेंस खरीदने की मुहिम शुरू हो रही है धनपुरी नगर के प्रतिष्ठित नागरिक शहीद मार्बल टेंट हाउस के संचालक ने एंबुलेंस खरीदने के लिए ₹10000 देने की घोषणा की, समाजसेवी सतीश कचेर ने 5100, सौ रुपए, मोहम्मद इमरान(इममु) ने भी पहल करते हुए 5100 रुपए एम्बुलेंस हेतु देने की घोषणा की इसी प्रकार यदि और भी दानदाता सामने आए तो धनपुरी नगर की जनता अपने पैसे से ही एंबुलेंस खरीदकर कई सालों से चली आ रही इस मांग को पूरा कर सकती हैं।
*इनका कहना है*
1,धनपुरी नगर को एम्बुलेंस की जरूरत नही है, और धनपुरी नगरपालिका खुद एम्बुलेंस खरीद सकती है, सरकार का पैसा क्यू बर्बाद करना उचित नही बिल्कुल नही।
*विधायक, मनीषा सिंह*
मैं प्रयास करती हूं देखती मैं क्या मदद आप लोगो की कर सकती हूँ, वक़्त लगेगा।
*सांसद हिमाद्रि सिंह*