पैकारी पर नहीं लग पा रहा अंकुश

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ठेकेदार गुर्गाे के माध्यम से परोस रहा शराब

शहडोल। संभागीय मुख्यालय में अवैध शराब की पैकारी का कारोबार फैला हुआ है। शराब ठेकेदार का साम्राज्य शहर की सकरी गलियों तक फैला हुआ है जो बिना भय व बिना रोक टोक के शराब बेचवाने का काम कर रहे हैं। शराब ठेकेदार हर जगह पर अपने गुर्गों को बैठाकर शराब बेचने का अवैध कारोबार क्षेत्र में धड़ल्ले से चलवा रहे हैं। मुख्यालय की सकरी गलियों तक चारो तरफ अवैध शराब बिक्री के चलन ने जोर पकडा है। नगर का युवा शराब के लत में मदहोश होकर अपराध की दुनिया में जा रहा, बावजूद इसके स्थानीय पुलिस का अमला व आबकारी पुलिस का मौन रहना इनके कत्र्तव्यपरायण कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खडा करता।
मुख्यालय बना ठीहा
संभागीय मुख्यालय में पैकारी खुलेआम संचालित है, चर्चा है कि वार्ड नंबर 14 में दिनेश किराना दुकान से अंग्रेजी-देशी शराब एवं वार्ड नंबर 13 में दीनदयाल मार्ग पर सुरेश रजक नामक व्यक्ति के द्वारा पैकारी संचालित कराई जा रही है, जो खुलेआम नगर में भी पैकारी करते हैं। इस तरह की पैकारी की जानकारी बीट प्रभारी को होने के बाद भी कार्यवाही न करने से इनके हौसले बुलंद है।
नाक के नीचे दर्जन ठीहे
संभागीय मुख्यालय में आधा दर्जन अवैध शराब के ठीहे है, जहां शराब के साथ-साथ पीने की भी व्यवस्था दी जाती है। इन ठीहों में देर रात तक जाम छलकता है। जिले में संचालित आधा दर्जन भर ठीहे आखिर देर रात तक खुलेआम किसके दम संचालित हो रहे हैं। लगभग 12 बजे देर रात्रि तक दुकान संचालित रहता है। शाम होते ही नगर में शराब के शौकीनो का मजमा आसानी से शोरगुल गाली-गलौज करते दर्जन भर ठीहों में देखा जा सकता है, जिससे वार्डवासी परेशान हैं।
पुलिस और ठेकेदार की सेटिंग
देश भक्ति जन सेवा का नारा लगाने वाली स्थानीय पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा आज तक इस शराब पैकारी कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित रही। मजे की बात तो यह है कि पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति पर नजर डाली जाये तो, दिखावे की एकाध कार्यवाही छोड़ बाकी कच्ची शराब पकडऩे में मशगूल रहते हैं, सूत्रों की माने तो जिस किसी पर एक बार केश बन गया तो वह शराब बेचने वाला व्यक्ति को समझो खुले तौर पर लायसेंस मिल गया हो।
शराब की नशे से परेशान हैं महिलाएं
नगर की महिलायें जिनके पति और जिसके युवा पुत्र को शराब पीने की बुरी लत पकड़ चुकी है, यदि उन युवकों के माता-पिता नशे के मनाही के लिए किसी प्रकार की डाट फटकार लगाते है तो, वह युवक नशे में क्षुब्ध होकर अपने जान पर आतुर हो जाते हैं। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार नशा मुक्ति राज्य बनाने का सपना देख रही है, सूत्रों की माने तो स्थानीय स्तर पर शासन-प्रशासन व जन प्रतिनिधियों के लोग नशे का विरोध करने के बजाए उन्हे संगठित करने हेतु उन नवयुवकों को नशे का सामान आसानी से मुहैया कराते हैैं।
इनका कहना है…
आपके द्वारा जानकारी मिली है, तत्काल मैं कार्यवाही के लिए निकलता हंू।
आर.एन. पाण्डेय
बीट प्रभारी

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