जमुनिहा में बंद फर्म के लगे लाखों के बिल

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2019 से बंद है जीएसटी नंबर, लग रहे लाखों के बिल

वाणिज्य कर की जांच से खुलेंगे राज

शहडोल। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीणों के विकास और उत्थान के लिए सैकड़ो योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। किन्तु पंचायतो में बैठे जिम्मेदारो द्वारा इन विकास कार्यो में भ्रष्टाचार की सेंध लगाकर केवल अपनी जेबे गरम करते हुए शासन की कल्याणकारी योजनाओ को पलीता लगाने से नही चूक रहे है। जिले की जनपद पंचायत जयसिंहनगर की ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार किसी से छुपे नहीं है, जनपद पंचायत जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत में चतुर्वेदी ट्रेडर्स नामक जयसिंहनगर की फर्म के सैकड़ों बिल लगे हैं, लेकिन इन बिलों में जिस जीएसटी नंबर का उल्लेख है, वह वर्ष 2019 के दिसम्बर माह के प्रथम दिन ही विभाग द्वारा बंद कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद भी फर्म संचालक द्वारा पंचायतों में बिल लगाये हैं।
एक दिन में 4 लाख का भुगतान
चतुर्वेदी ट्रेडर्स नामक फर्म 17 जनवरी 2018 को बनी थी, जिसके बाद उसने पंचायतों में जमकर बिल लगाये, वहीं 2019 में फर्म बंद होने के बावजूद जमुनिहा पंचायत में एक दिन लगभग 4 लाख 73 हजार 300 रूपये का भुगतान पंचायत के सचिव शशिकांत शुक्ला द्वारा कर दिया गया, 17 जनवरी को उक्त फर्म द्वारा क्रमश: 19 से 26 तक बिल काटकर भुगतान अपने खाते में लिया गया। सूत्रों की माने तो अगर इन बिलों में हुई सप्लाई के सामग्री जांच जिम्मेदारों द्वारा की जाये तो, फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है।
फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण
सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए देश में जीएसटी प्रणाली लागू की है। जिसके अनुसार कंपोजीशन लाइसेंस वाला जैसे रेत गिट्टी आदि के बिल नहीं दे सकते हैं। ये लाइसेंस धारक सिर्फ ट्रेडिंग ही कर सकते हैं। कंपोजीशन लाइसेंस में एक परसेंट टैक्स क्रय-विक्रय में देना पड़ता है और मजदूरी के बिल में सर्विस प्रोवाइडर के रूप में 18 प्रतिशत टैक्स है। यदि बिना जीएसटी नंबर के बिल या जीएसटी नंबर डाल कर गलत बिल दिया हो तो ऐसे प्रत्येक बिल में दस हजार की पेनाल्टी व 100 प्रतिशत जुर्माना का प्रावधान है। जबकि मेसर्स चतुर्वदी ट्रेडर्स द्वारा पंचायत में कुछ इसी प्रकार के फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण किया है।
जनपद से जुड़े तार
जनपद पंचायत जयसिंहनगर की ग्राम पंचायतों में भारी पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में जनपद स्तर के कुछ अधिकारियों को भी जानकारी है, किन्तु सरपंच, सचिव द्वारा वेण्डर के साथ मिलकर भ्रष्टाचार की हद पार कर दी है, किन्तु प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन पर कार्यवाही की गाज नही गिरा पा रही है। मेसर्स चतुर्वेदी ट्रेडर्स द्वारा बंद हुए जीएसटी के बिल लगाकर शासकीय नियम को ताक पर रखकर बिल लगा रहे है। सूत्रों की माने तो उक्त फर्म द्वारा गोपाल ट्रेडर्स नामक फर्म का संचालन किया जा रहा है।
खरीदी बिक्री का भी खेल
जयसिंहनगर जनपद में दर्जनों ऐसे प्रतिष्ठान संचालित हैं, जिनके द्वारा सीमेंट, रेत, गिट्टी के अलावा भवन निर्माण व अन्य कार्यालयीन उपयोगी सामग्री कहीं से खरीदी नहीं गई है, लेकिन उनकी बिक्री के आंकड़े लाखों के हैं, चर्चा है कि चतुर्वेदी ट्रेडर्स द्वारा पंचायतों में बिल लगाकर खातों में भुगतान लिये गये हैं, हद तो इस बात की है कि पूरे देश में लागू की गई है, लेकिन कथित कंपनी के संचालक ने जीएसटी का पालन तक नहीं किया, टर्न-ओव्हर निर्धारित सीमा से कहीं अधिक है, लेकिन कथित फर्म संचालक ने जीएसटी वसूल कर विभाग को आखिर जीएसटी इन वर्षाे में क्यों नहीं दी गई।
इनका कहना है…
मुझे जानकारी नही थी कि उनकी जीएसटी बंद है, अगर ऐसा हुआ है तो, मैं फर्म संचालक के खिलाफ शिकायत करूंगा।
शशिकांत शुक्ला
सचिव, ग्राम पंचायत जमुनिहा
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