शौचालय निर्माण में करप्सन का कीड़ा

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बेलसरा में शौचालय निर्माण में जांच की उठ रही मांग

उमरिया। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का पैसा शासन स्तर से ही पीएफएमएस के माध्यम से लाभार्थी के खाते में डीबीटी के जरिए भेजा जाना था। जिले की करकेली जनपद की बेलसरा पंचायत में खुलेआम नियमों की धज्जियां पंचायतों के जिम्मेदारों ने उड़ाई है, ऐसा नहीं है कि इसकी जनपद पंचायत इंस्पेक्टर से लेकर जनपद में बैठे जिम्मेदारों को नहीं है, लेकिन किसी ने इस मामले में कार्यवाही की जहमत नहीं उठाई, व्यवस्था के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिला पंचायत अधिकारी और निगरानी का जिम्मा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपा गया था, लेकिन ग्राम पंचायत बेलसरा में पंचायत सरंपच सहित वित्तीय प्रभारी ने खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा दी।
बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार
प्रधानमंत्री के राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान के तहत शुरू खुले में शौच मुक्त भारत योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी परत अब खुलने लगी है, सूत्रों की माने तो शौचालय के ज्यादातर मामलों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है, जहां कहीं निर्माण हुआ भी है तो, महज कागजी खानापूर्ति की गई है और हितग्राहियों के खाते में राशि न डालकर खास वेण्डरों के खाते में राशि डालकर राशि खुर्द-बुर्द करने की आशंका जताई जा रही है।
बेलसरा की अलग है हकीकत
स्वच्छ भारत अभियान के तहत वर्ष 2017-18 में जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों के माध्यम से गांवों में घर-घर शौचालय निर्माण का अभियान शुरू किया था, खूब प्रचार-प्रसार हुआ, कहा गया कि अब कोई खुले में शौच करने नहीं जाएगा, बैनर-पोस्टर लगाए गए, वॉल राइटिंग हुई, कईयों पर जुर्माना भी लगा, लेकिन इसकी हकीकत करकेली जनपद की ग्राम पंचायत बेलसरा में खुलकर सामने आने लगी है, हाल ही में पंचायत ने एक ही खाते में शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों की राशि डाल दी।
खुले में शौच के लिए मजबूर
करकेली जनपद की बेलसरा पंचायत में हुए शौचालय निर्माण की अगर जांच हो जाये तो, सरपंच, सचिव सहित रोजगार सहायक द्वारा किये गये भ्रष्टाचार से पर्दा उठ सकता है, खबर है कि आज भी ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, ऐसा नहीं है कि शौचालय हितग्राहियों को नहीं मिले, लेकिन ठेके के चक्कर में लगभग शौचालय अपनी अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं, लगभग शौचालय उपयोग लायक नहीं बचे हैं, किसी में छत नहीं है, किसी में गड्ढा नहीं है, ऐसी कई खामियों के साथ शौचालय निर्माण में पंचायत ने अपनी पीठ-थपथपा ली है।
इनका कहना है…
हितग्राही के खाते में पैसे जाने के बाद हितग्राही निर्माण नहीं करवाते हैं, इसलिए राशि एक ही खाते में डालकर शौचालय का निर्माण करा दिया गया है।
पदमावती मरावी
रोजगार सहायक
ग्राम पंचायत बेलसरा

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