राजस्व की जमीन में संचालित हो रही ताला शराब दुकान
आखिर क्यो नहीं हो रही कार्यवाही, किसके संरक्षण
में फल-फूल रहा अवैध कारोबार
उमरिया/ मानपुर। नेशनल पार्क ताला बाँधवगढ़ हाइवे पर राजस्व की जमीन तालाब के मेढ पर अंग्रेजी शराब दुकान संचालित हो रहा है पर शासन को ठेंगा दिखाते हुए हाइबे रोड पर शराब दुकान का संचालन करना मना है, फिर भी शराब दुकान का संचालन किया जा रहा हैं, शासन को मिलने वाली राशि का नुकसान किया जा रहा हैं, शासन के गाईड लाईन के अनुसार ग्राम पंचायत मे हाइवे रोड पर शराब दुकान का संचालन करना मना है व तालाब की मेढ़ पर जो राजस्व की जमीन है, जो कि यह मामला संदेह के घेरे में है, फिर राजस्व की भूमिका एग्रीमेंट कैसे करा लिया जाता है। बिना डायवर्शन के इतनी बड़ी दुकान की मंजूरी कौन प्रदान कर देता है।
खुलेआम हो रही शराब की तस्करी
बाधवगढ़ नेशनल पार्क अन्तर्गत क्षेत्र के ताला मुख्यालय में खुलेआम शराब ठेकेदार माफियाओं वा उप निरीक्षक विजय सिंह के द्वारा अवैध शराब की तस्करी कराई जाती है, जिसका जीता जागता नजरिया शाम होते ही एवं सुबह के समय मोटर साइकल से व चार पहिया बोलेरो वाहन से सराब ठेकेदार के गुर्गों द्वारा अवैध शराब परिवहन करते देखा जा सकता है, हाल ही में देखा जाय तो ताला मुख्यालय में लाइसेंसी शराब दुकान के नाम पर केवल एक ही शराब दुकान संचालित है, मेन मुद्दा तो यह है कि ताला शराब दुकान का ठेका कोइ मनीष सक्सेना के नाम पर है लेकिन सोचने की बात यह है कि ताला बांधवगढ़ शराब दुकान ताला क्षेत्र भ्रमण के दौरान अगर देखा जाए तो उक्त शराब दुकान के ठेकेदार द्वारा आबकारी विभाग वा पुलिस के सहयोग से ताला के साथ-साथ क्षेत्र के आस पास करीब आधा सैकड़ा ग्रामो में अपने अवैध शराब बिक्री के ठीहे बनावा कर आसानी से शराब बेचवाई जा रही है ।
सीसीटीव्ही कैमरा बना शोपीस
शॉप पर लगे सीसीटीवी कैमरा खाली दिखाने के लिए लगाए गए हैं यदि इस कैमरे को चालू हालत में रखा जाए तो दुकान के अंदर बाहर की असलियत सामने आ सके। बिल तो ग्राहक को देते ही नहीं, एक बार फिर किसी ग्राहक के नाम से कट गया है, तो उसका बिल उसके नाम से हर रोज काटा जाता है, चाहे वह वाइन खरीदा हो या ना खरीदा हो। ऐसा नहीं है कि आबकारी विभाग व स्थानीय प्रशासन को गांव मोहल्ले में बिकने वाली अवैध शराब के सांथ खुलेआम हो रही शराब की तस्करी की जानकारी न हो लेकिन ताला शराब दुकान के ठेकेदार व उनके कर्मचारियों द्वारा महीना में गांधी प्रतिमा के साथ किये गए, बैठक व मुलाकात के आगे मजबूरन प्रशासन को आंखों में चश्मा लगाना पड़ रहा है, लिहाजा शराब दुकान ठेकेदार को आसानी से शराब की तस्करी कर अवैध कमाई करने का सहयोग प्रशासन द्वारा मुहैया कराया जा रहा है
बनाया जा रहा है दबाव
यदि स्थानीय लोग क्षेत्रों में हो रही अवैध शराब की पैकारी की शिकायत सीएम हेल्पलाईन नम्बर पर करता है, तो ठेकेदार के द्वारा दबाव बनाया जाता है की आप अपनी शिकायत कटवा दो यदि शिकायत नहीं कटवाते तो उल्टा केश में फंसाने की बात कही जाती है।
ठंडे बस्ते में फाइल
ताला बांधवगढ़ क्षेत्र में राजस्व की जमीन पर शराब दुकान संचालित हो रही है जिसकी जानकारी रही हरिभूमि प्रतिनिधि ने एसडीएम सिद्धार्थ पटेल को फोन के माध्यम से अवगत कराया गया, जिन्होंने बोला की हम नायब तहसीलदार बृजेश पांडे को आदेश दे दिए की, प्रकरण कायम कर राजस्व की जमीन को बेदखल किया जाए, आज एक माह पहले हरिभूमि ने ताला शराब दुकान को लेकर खबर प्रकाशन किया गया था, जिसके बावजूद आज दिनांक तक नायब तहसीलदार बृन्देश पांडे के द्वारा कार्यवाही कोई नहीं की जाती सिर्फ दिया जाता है, तो आश्वासन नायब तहसीलदार बृन्देश पांडे से कई बार फोन के माध्यम से चर्चा की गई तब पांडे के द्वारा कहा जाता है कि हम संबंधित को नोटिस भेज दिए हैं और आगे की कार्यवाही की जाएगी, उमरिया जिले के संवेदनशील कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से जना अपेक्षा है कि मामले को संज्ञान में लेते हुए राजस्व की जमीन खाली करवाकर उचित कार्यवाही किए जाने की कृपा करें।
आने वाली पीढ़ी हो रही बर्बाद
ग्रामीण अंचल के जनप्रतिनिधि व बुजुर्गों का मानना है कि प्रशासन की लचर व सुस्त व्यवास्था के कारण क्षेत्र के हर गांव की हर बस्ती में सराब ठेकेदार के गुर्गों द्वारा जगह जगह अपने अवैध ठीहे बनाये गए हैं, जहां की रात के समय व सुवह के समय आसानी से शराब पहुंचाई जाती है और शाम होते ही गांव के शराबियों का उधम मचता है, जहां हर रोज किसी न किसी का विवाद शराब के पीछे होना सम्भावित रहता है। इतना ही नही आज कल देखा जाए तो ग्रामीण अंचलों में आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने के कारण युवाओं की आने वाली युवा पीढ़ी अत्यधिक शराब के नसे के आदि हो चुके हैं और इसी कारणों से ही आज कल होने वाले कई सारे गंभीर व जघन्य अपराध जैसे घटनाओं को अंजाम दिया जाना अवैध शराब की बिक्री को ही माना जा रहा है।
क्षेत्र में बढ़ गई चोरियां
क्षेत्र के बुजुर्ग ग्रामीणों का मानना है की गांव-गांव बिकने वाली अवैध शराब को माफियाओं द्वारा आसानी से बिना कोई हिचकिचाहट के अवैध ठीहों तक पहुँचाई जा रही है, जिस वजह से नशा के आदि हो चुके युवाओं के पास हर दिन रुपयों की व्यवस्था नहीं हो पाती, जिस कारण शराब पीने के लिए पैसों की व्यवस्था भी बनाना जरूरी रहता है और गांव में कोई कमाई का जरिया रहता नहीं। ग्रामीणों की माने तो बिना मेहनत आसानी से रुपयों की व्यवस्था करने के लिए शराबियों द्वारा चोरी का धंधा अपना लिया गया है, देखा जाए तो आये दिन ग्रामीण अंचल क्षेत्र में चोरियों की वारदात बढ़ता ही जा रहा हैं
पैसों के लिये करते हैं लूटपाट
सूत्रों की मानें तो शराब के लिए पैसे उपलब्ध करने के लिए लूटपाट व मारपीट की घटना होना आम बात सी हो गई है, गांव के सुंदर माहौल को बिगाडऩे व इन तमाम अपराधों को बढ़ावा देने में शराब माफियाओं का सर्व प्रथम योगदान है, जो कि उत्तर प्रदेश व बिहार से आकर स्थानीय ग्रामीणों को चंद रुपये की अवैध कमाई का लालच देकर गांव की बस्तियों में अपने अवैध शराब के बिक्री के ठीहे बनाये गए हैं। शासन-प्रशासन से जानापेक्षा है कि ग्रामीण अंचलों में शराब माफियाओं द्वारा कराई जा रही अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाया जाए और संबंधित शराब माफियाओं पर कानूनी कार्यवाही की जाए, जिससे आये दिन क्षेत्र में होने वाले जघन्य अपराध व चोरी जैसी घटनाओं से ग्रामीणों को निजात मिल सके, ताकि उनके पूर्वजों की निशानी व उनकी मेहनत की संपत्ति चोरी होने से बच सके एवं उनके घर के बच्चों समेत मर्यादा को भी बचाई जा सके।
इनका कहना है
मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है, जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
एस.के. सिंह
अतिरिक्त जिला आबकारी अधिकारी, उमरिया