नियम-कानून रौंदकर गली-गली चल रहे कोचिंग सेंटर, ट्यूशन का गोरखधंधा मुख्यालय में अपने चरम पर , विभाग के जिम्मेदार बेखबर
नियम-कानून रौंदकर गली-गली चल रहे कोचिंग सेंटर, ट्यूशन का गोरखधंधा मुख्यालय में अपने चरम पर , विभाग के जिम्मेदार बेखबर
कटनी/रीठी।। शिक्षा को हर बच्चे के अधिकार के रुप में प्रचारित करने वाला शिक्षा विभाग इन दिनों कुंभकर्णीय नींद में सोया हुआ है और शिक्षा माफिया अभिभावकों की जेब में डाका डाल रहे हैं। देखा गया कि कटनी जिले की रीठी तहसील मुख्यालय में इन दिनों अवैध कोचिंग सेंटरों की बाढ़ आई हुई है। बिना रजिस्ट्रेशन के गली-गली कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं। ट्यूशन का गोरखधंधा मुख्यालय में अपने चरम पर है और विभाग के जिम्मेदार बेखबर हैं।
बताया गया कि रीठी मुख्यालय में ट्यूशन माफियाओं के साथ-साथ हाई स्कूल, प्राईमरी और मिडिल स्कूलों से लेकर नामी गिरामी प्राईवेट स्कूल तक के शिक्षक ट्यूशन का गोरखधंधा कर रहे हैं। अभिभावक बच्चों की पिछली पढ़ाई को देखकर किसी तरह ट्यूशन की फीस का इंतजाम करने मजबूर हैं। यह स्थिति संपन्न परिवारों पर तो असर नहीं डालती लेकिन मध्यम वर्गीय परिवारों की इस मंहगाई के दौर में कमर टूट रही है। जबकि ऐसा नहीं है कि रीठी में चल रहे ट्यूशन प्रथा की जानकारी शिक्षा विभाग व अन्य प्रशासन के आला अधिकारियों को नहीं है बल्कि हकीकत यह है कि इस दिशा में प्रशासन सुधार के कोई प्रयास नहीं करना मुनासिब समझता।
जानकारी के बाद भी बने अनजान
रीठी तहसील क्षेत्र में गली-गली खुली शिक्षा की अवैध दुकानों की जानकारी होने के बाद भी इन कोचिंग सेंटर संचालकों पर नकेल कसने के लिए जिले में स्थापित शिक्षा विभाग का महकमा कोई कड़ी कार्रवाई करने में अपने आप को असक्षम साबित करने में क्यों भूमिका निभा रहा है यह समझ से परे है। लोगों का कहना है कि कहीं इन अवैध कोचिंग सेंटर संचालकों से विभाग की सांठ-गांठ तो नहीं, जिस कारण विभाग सब जानकर भी अनजान बन रहा है।
शिक्षा को बना लिया आमदनी का जरिया
देखा गया कि स्कूलों में पढ़ाने के बजाय घरों में ट्यूशन को वरीयदा देने वाले शिक्षकों में सिर्फ सरकारी स्कूलों के शिक्षक ही शामिल नहीं है, बल्की नामी गिरामी प्राईवेट स्कूल के शिक्षकों सहित कुछ शिक्षा के माफिया भी ऐसा कर रहे हैं। जिस कारण रीठी में शिक्षा को व्यापार बनकर कारोबार को धड़ल्ले से जारी किया गया है। रीठी क्षेत्र में कोचिंग सेंटरों का मकड़जाल पूरी तरह फैला हुआ है और जैसे-जैसे बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक आती जा रही है। इन सेंटरों के संचालकों व शिक्षकों द्वारा छात्रों के अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने की कवायद तेज कर दी गई हैं।
शिक्षा के नाम पर खुली लूट
शिक्षा के नाम पर लूट खसोट का जो गोरखधंधा पूरे रीठी में विकराल रूप ले चुका है, और हर गली मोहल्लों में ट्यूशन की दुकान चलाने वालों का जमावड़ा देखा जा रहा है। उससे जहां छात्र-छात्राओं के पालकों का शोषण हो रहा है तो वहीं कोचिंग संचालकों द्वारा बगैर पंजीयन के अपने कोचिंग सेंटरों को संचालित कर शासन को दिए जाने वाले टेक्स आदि की चोरी भी की जा रही है और शासन की आंख में धूल झोंकते हुए चूना लगाने का क्रम जारी रखा गया है।
इनका कहना है
मुझे जानकारी नहीं थी, मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है तो मैं जांच करवाता हूँ. बिना पंजीयन के चल रहे कोचिंग सेंटरों पर नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी. जिसमें कोई संदेह नहीं है।
अनिल चक्रवर्ती, प्रभारी बीईओ, रीठी ।