भारतीय रेल की आग बुझाने आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम

प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने में मंडल के अधिकारी
बैतूल। मध्य रेल के नागपुर मंडल के आमला जंक्शन पर उपलब्ध स्वचलित ब्रेक डाउन यूनिट में यह कारनामा युवा मैकेनिकल इंजीनियर, बी.के.सूर्यवंशी (सीनियर सेक्शन इंजीनियर, कैरेज व वैगन ) ने कर दिखाया। अथक परिश्रम के साथ इनोवेटिव सोच रखने वाले इंजीनियर श्री सूर्यवंशी ने अपनी टीम के साथ एक ‘अग्नि दमन यंत्र’ आदित्य प्रकल्प के नाम से तैयार किया है, जो आवश्यकता पडऩे पर ब्रेक डाउन यूनिट में उपलब्ध 1000 लीटर से अधिक पानी व फोम लिक्विड के मिश्रण का उपयोग कर आग बुझाने का काम करेगा।
इस उपक्रम को ऐसे डिजाइन किया गया है कि 105 किमी की गति से स्वचलित ब्रेक डाउन यूनिट वगैर विलंब के घटना स्थल पर पहुंचे और होजरील व जेट लगे पाईप की सहायता से 500 फीट तक आग लगे स्थान को कवर कर प्रभावशाली तरीके से आग को बुझाने वाले दल के रुप में कार्य कर रेल के हितों की रक्षा कर सके।
रेल के इतिहास में पहली बार यह कारनामा महज 75 से 90 हजार की प्रारंभिक राशि खर्च कर बनाया गया है। हमारे लिए गर्व का विषय है कि यह रेल इतिहास का एतिहासिक इनोवेशन हमारे मध्य प्रदेश की धरा के बैतूल जिले के आमला जंक्शन पर हुआ है।