अतिक्रमण विरोधी मुहीम में खुद कटघरे में प्रशासन
प्रशासन पर लग रहे आर्थिक मैनेजमेंट के आरोप
बुढ़ार सहित शहडोल में दर्जनों अतिक्रमण पर प्रशासन मौन
(Amit Dubey -8818814739)
शहडोल। ट्रांसपोर्ट नगरी बुढ़ार में मुख्य मार्ग पर संजय पाण्डेय नामक कारोबारी के द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और इस मामले में प्रशासन का कार्यवाही न करना चर्चाओं में है, दिखावे के लिए तो, तहसील कार्यालय और स्थानीय निकाय ने न सिर्फ नोटिस जारी किये, बल्कि दिन व तिथि तय करते हुए कार्यवाही व जुर्माने का अल्टीमेटम भी दे दिया, लेकिन कार्यवाही और कार्यवाही करने वाले कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। यही स्थिति मुख्यालय के गांधी चौक स्थित रेमण्ड शोरूम के संचालक नेमचंद जैन और उनके परिवार के द्वारा लीज की जमीन में खेल किया गया और जब नपा व राजस्व महकमें से नोटिस मिले तो, आर्थिक मैनेजमेंट कर समय की छूट ले ली, जिसके बाद मामला न्यायालय पहुंच गया, ऐसे दर्जनों मामले और भी हैं, जिसमें मोहनराम तालाब न्यास की भूमि और मुख्यालय के दर्जनों तालाबों की भूमि के अतिक्रमण के मामले शामिल हैं। इसी क्रम में जयसिंहनगर बस स्टैण्ड में दर्जनों अतिक्रमण भी शामिल है, जो प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनसे किनारा करता नजर आ रहा है।
नपा-तहसील के नोटिस बेअसर
बुढ़ार में संजय पाण्डेय के द्वारा वार्ड 4 में आराजी खसरा क्रमांक 1148 में 25 डिस्मिल भूमि शासकीय आराजी खसरे की कब्जा कर निर्माण कराया गया है। जिसमें ग्राम तथा नगर निवेश और नपा के आदेशों का उल्लंघन हुआ है, नपा ने इसमें अतिक्रमण हटाने का पत्र भी लिखा, वहीं इसी कारोबारी द्वारा वार्ड नंबर 7 होम्यो पैथिक अस्पताल के समीप भी अतिक्रमण किया गया है, जिसमें तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने की डेड लाईन तो तय की, लेकिन कार्यवाही की जगह आर्थिक मैनेजमेंट के कारण इसे भी नेमचंद जैन का रास्ता दिखाया जा रहा है। लाखों की शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा करने के बाद भी वर्तमान में भी अतिक्रमण जारी और शासन के आदेश का कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
यह लिखा गया नोटिस में
तहसील कार्यालय द्वारा दिये गये नोटिस में यह उल्लेख किया गया कि भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत ग्राम बुढ़ार के शासकीय आराजी खसरा क्रमांक 1544/1 रकवा 0615 हेक्टेयर के अंश रकवा 0.020 हेक्टेयर पर संजय पाण्डेय पिता स्व. कालिका प्रसाद पाण्डेय द्वारा बाऊंड्रीवाल करके अतिक्रमण कर लिया गया है। नोटिस के जवाब में संजय पाण्डेय ने अतिक्रमण करना स्वीकार भी कर लिया, यही नहीं हलका पटवारी की जांच में भी अतिक्रमण प्रमाणित पाया गया। इसके बाद सुनवाई में नायब तहसीलदार ने प्रकरण क्रमांक 01 ए 68/2018-19 दिनांक 1 मार्च 2019 को बेदखल किये जाने के आदेश दिये। 2 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी किया, 15 दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिये, लेकिन कार्यवाही शून्य रही।
यह है नपा के नोटिस का सार
नगर परिषद के सीएमओ द्वारा संजय पाण्डेय पिता कालिका पाण्डेय, नारायण पाण्डेय, राजेन्द्र पाण्डेय, स्व. ललिता देवी पाण्डेय के नामों का उल्लेख कर नोटिस जारी किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 का हवाला देते हुए, सीएमओ नगर पालिका बुढ़ार ने 18 दिसम्बर को पत्र जारी किया, पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि उक्त अधिनियम के तहत 1500 वर्गमीटर पर सड़क का 50 छोड़कर निर्माण करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन स्वीकृत नक्शे के हिसाब से निर्माण नहीं किया गया। पूर्व में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2028, 8 नवम्बर 2020 को तथा पत्र क्रमांक 1602, 1 दिसम्बर 2020 को दिया गया था। कई बार स्थल पर भी उपस्थित होकर नगर पालिका के अधिकारियों कर्मचारियों ने अवैध निर्माण के लिए मना किया, लेकिन अनुज्ञा शर्तों का उल्लंघन आपके द्वारा किया गया। भवन निर्माण कार्य मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 26, 88, 89 के अंतर्गत स्ट्रक्चर उपयंत्री की देखरेख में बनाना चाहिए था, पार्किंग स्थल नक्शे के हिसाब से छोडऩा चाहिए था, लेकिन ऐसा न करके मनमानी की गई और अनुज्ञा शर्तांे का उल्लंघन किया गया। 7 दिवस के अंदर अवैध निर्माण हटा देने के आदेश नगर पालिका सीएमओ ने दिये। 10 दिसम्बर को नगर पालिका द्वारा पुलिस को भी पत्र लिखा गया, 3 दिसम्बर को सीएमओ बुढ़ार ने तहसीलदार को भी कार्यवाही के लिए पत्र लिखा।
यह भी लिखा तहसीलदार ने
8 दिसम्बर को तहसीलदार बुढ़ार ने मामले की सुनवाई के दौरान संजय पाण्डेय को पत्र लिखा, जिसमें 15 दिसम्बर को न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया और यह भी लिखा कि पक्ष रखने नहीं आये तो, बेदखल करने के साथ ही क्यों न आपसे 1 लाख रूपये अर्थदण्ड के रूप में वसूला जाये, तथा निर्माण कार्य तत्काल रोकने का भी उल्लेख किया, लेकिन दिन बीतते गये और नोटिस पर नोटिस जारी होते गये, न तो स्थानीय और न ही मुख्यालय में बैठे जिम्मेदारों को अतिक्रमण नजर आया।
इधर स्टे पर करोड़ों की भूमि पर छूट
संभागीय मुख्यालय के गांधी चौराहे के समीप नेमचंद व खेमचंद जैन नामक व्यापारियों द्वारा करोड़ों की भूमि पर किये गये अतिक्रमण व नगर पालिका-एसडीएम कार्यालय द्वारा उसे तोडऩे का मामला कहां गायब हो गया। गौरतलब है कि बीती 20 अगस्त को विभागीय पत्र क्रमांक 1785 के माध्यम से नजूल अधिकारी शहडोल सहित तहसीलदार सोहागपुर और एसडीएम सोहागपुर को यह अवगत कराया गया था कि आराजी खसरा क्रमांक 119/2 एवं खसरा नंबर 120 के अंश भाग में नेमचंद जैन पिता शेखर चंद जैन द्वारा अनाधिकृत निर्माण किया गया है। खुद अतिक्रमणकारियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शहडोल के न्यायालय में परिवाद क्रमांक 1051/14, दिनांक 03 जून 2014 को न्यायालय के समक्ष नेमचंद जैन ने अतिक्रमण करने का जुर्म भी स्वीकारा था। साथ ही नपा ने भी खसरा नंबर 119/2 और 120 के अंश भाग पर 6224 वर्गफिट का भू-खण्ड श्रीमती सरस्वती बाई बडेरिया पत्नी महेश बडेरिया के नाम पर लीज हेतु स्वीकृत होना स्वीकारा, लेकिन आर्थिक लाभ में नपाध्यक्ष सहित सब चुप्पी साध गये और अतिक्रमणकारी को माननीय न्यायालय से स्टे लेने की ऑफ रिकार्ड छूट दे दी गई।
इनका कहना है…
नोटिस भेजा गया है, 7 दिन का समय दिया गया है, जवाब आने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
शिवांगी सिंह बघेल
मुख्य नगर पालिका अधिकारी
नगर परिषद बुढ़ार
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दल गठित किया है, आरआई, पटवारी के नाप-जोख के बाद प्रतिवेदन देंगे, उसके बाद विधिवत कार्यवाही की जायेगी।
भारत सोनी
नायब तहसीलदार
बुढ़ार