आखिर किसके संरक्षण में हो रहा ताला बांधवगढ़ क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार

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शासन को ठेंगा दिखा रहे शराब दुकान के ठेकेदार

उमरिया/ मानपुर। मानपुर नगर परिषद अन्तर्गत क्षेत्र के ताला बाँधवगढ मुख्यालय में खुलेआम शराब ठेकेदार व माफियाओं द्वारा अवैध शराब की तस्करी कराई जाती है जिसका जीता-जागता नजारा शाम होते ही एवं सुबह के समय मोटर साइकल से व चार पहिया बोलेरो वाहन से ठेकेदार के गुर्गों द्वारा अवैध शराब परिवहन करते देखा जा सकता है। हाल ही में देखा जाये तो ताला मुख्यालय में लाइसेंसी शराब दुकान के नाम पर केवल एक ही शराब दुकान संचालित है लेकिन क्षेत्र भ्रमण के दौरान अगर देखा जाए तो उक्त शराबदुकान के ठेकेदार द्वारा आबकारी पुलिस के सहयोग से ताला के साथ-साथ क्षेत्र के आस पास करीब आधा सैकड़ा ग्रामो में अपने अवैध शराब बिक्री के ठीहे बनावा कर आसानी से बेचवाई जा रही है, ऐसा नही है कि आबकारी विभाग व स्थानीय प्रशासन को गांव-मोहल्ले में बिकने वाली शराब के साथ खुलेआम तस्करी की जानकारी न हो, लेकिन ताला शराब दुकान के ठेकेदार व उनके कर्मचारियों द्वारा महीना में गांधी के साथ किये गए बैठक व मुलाकात के आगे मजबूरन प्रशासन को आंखों में चश्मा लगाना पड़ रहा है लिहाजा ठेकेदार को आसानी से शराब की तस्करी कर अवैध कमाई करने का सहयोग प्रशासन द्वारा मुहैया कराया जा रहा है!
आने वाली पीढ़ी हो रही बर्बाद
ग्रामीण अंचल के जनप्रतिनिधि व बुजुर्गों का मानना है कि प्रशासन की लचर व सुस्त व्यवस्था के कारण क्षेत्र के हर गांव हर बस्ती में शराब ठेकेदार के गुर्गों द्वारा जगह-जगह अपने अवैध ठीहे बनाये गए हैं, जहां सुबह व रात्रि के समय आसानी से शराब पहुंचाई जाती है और शाम होते ही गांव के शराबियों का उधम मचता है, जहां हर रोज किसी न किसी का विवाद शराब के पीछे होना सम्भावित रहता है। इतना ही नहीं ग्रामीण अंचलों में आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने के कारण युवा पीढ़ी अत्यधिक नशेे के आदि हो चुके हैं और इसी कारणों से ही गंभीर व जघन्य अपराध जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाना शराब की बिक्री को ही माना जा रहा है।
क्षेत्र में बढ़ गई चोरियां, नहीं मिल रहा सुराग
क्षेत्र के बुजुर्ग ग्रामीणों का मानना है कि गांव-गांव बिकने वाली अवैध शराब को माफियाओं आसानी से बिना कोई हिचकिचाहट के अवैध ठीहों तक पहुँचाई जा रही है जिस वजह से नशा के आदि हो चुके युवाओं के पास हर दिन रुपयों की व्यवस्था नहीं हो पाती, जिस कारण शराब पीने के लिए पैसों की व्यवस्था भी बनाना जरूरी रहता है और गांव में कोई कमाई का जरिया रहता नहीं, ग्रामीणों की मानें तो बिना मेहनत आसानी से रुपयों की व्यवस्था करने के लिए शराबियों द्वारा चोरी का धंधा अपना लिया गया है, आये दिन ग्रामीण अंचल क्षेत्र में चोरियों की वारदात बढ़ती ही जा रही हैं। सूत्रों की माने तो शराब के लिए पैसे उपलब्ध करने के लिए लूटपाट व मारपीट की घटना होना आम बात सी हो गई है, गांव के सुंदर माहौल को बिगाडऩे व इन तमाम अपराधों को बढ़ावा देने में शराब माफियाओं का सर्व प्रथम योगदान है जो कि उत्तर प्रदेश व बिहार से आकर स्थानीय ग्रामीणों को चंद रुपये की अवैध कमाई का लालच देकर गांव की बस्तियों में अपने अवैध शराब के बिक्री के ठीहे बनाये गए हैं।
रोक लगाने की मांग
शासन -प्रशासन से जानापेक्षा है कि ग्रामीण अंचलों में शराब माफियाओं द्वारा कराई जा रही शराब की बिक्री पर रोक लगाया जाए और संबंधित माफियाओं पर कानूनी कार्यवाही की जाए, जिससे आये दिन क्षेत्र में होने वाले जघन्य अपराध व चोरी जैसी घटनाओं से ग्रामीणों को निजात मिल सके। इस संबंध में जब जिला आबकारी अधिकारी से संपर्क किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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