आखिर नब्बू ने यह क्यों कहा 2012 का बदला लिया …!!

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शहडोल । धनपुरी नगरपालिका में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने कांग्रेसमें आई फूट के बाद अब उन हजारों मतदाताओं का ध्यान इस ओर से बिल्कुल नहीं हट पा रहा है कि आखिर किस पार्षद ने गद्दारी की और अपना जमीर बेच दिया।

सैकड़ों मतदाताओं ने करीब 15 वर्ष के बाद भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए जो जनादेश पार्षदों के माध्यम से दिया था, उसे पार्षदों ने रुपए लेकर भाजपा के हाथों बेच दिया, अभी तक विधायक और सांसद इस तरह अपने जमीर को बेचकर पार्टी बदल रहे थे और सत्ता परिवर्तन कर रहे थे, लेकिन धनपुरी में कांग्रेस के द्वारा जीती हुई पारी को उसी के ही पार्षदों ने उलट दिया।

बहरहाल मतदाता फेसबुक और सोशल मीडिया तथा चौक चौराहों पर पार्षदों की जमीर के सौदे की बातें कर रहे हैं, वही अब 13 के 13 पार्षद खुद को पाक साफ बता रहे हैं, क्योंकि सभी ने पाली स्थित मां बिरासनी से लेकर गीता और कुरान तक की कसमें खाई थी, हिंदू धार्मिक तिथियों के अलावा मुसलमान भाइयों का मोहर्रम पर भी चल रहा था, जिस ने जो किया उसे उसका खुदा या भगवान से हिसाब मिलेगा या नहीं यह तो वही जाने, लेकिन आपसी हिसाब के लिए बुधवार को धनपुरी के वार्ड नंबर 2 में कांग्रेसियों की एक बैठक हुई।

इस बैठक में पार्षदों के अलावा कांग्रेस के युवा व बुजुर्ग नेता, समर्थक आदि थे, बाद में यह बात सामने आई कि बैठक में सिर्फ पार्षद ही रहेंगे, यह बात आने से पहले वहां पर चर्चाओं का दौर शुरू हुआ और आरोप-प्रत्यारोप लगने लगे, इसी दौरान कोयला कारोबारी और धनपुरी नगरपालिका के उपाध्यक्ष हनुमान खंडेलवाल के भतीजे नब्बू खंडेलवाल की बातचीत कांग्रेस के अन्य समर्थकों से होने लगी।

खबर है कि थोड़ी ही देर में मामला गरमा गया जो मौके पर मौजूद थे उन पर यकीन करें तो नब्बू ने इस दौरान यह कहा कि 2012 में जो किया था उसका हिसाब हो गया है।

नब्बू खंडेलवाल हनुमान खंडेलवाल के भतीजे हैं और बड़े कोयला कारोबारी हैं उनकी एक एक बात तथा बयान बहुत मायने रखते है, भले ही नब्बू ने तैश में आकर यह बात कह दी, लेकिन उस बैठक से यह बातें अब पूरी धनपुरी में चर्चा का विषय बनी है, लोग अपनी-अपनी तरह से इसका अलग-अलग मतलब ही निकाल रहे हैं, कुछ का कहना है कि जो आरोप लगे हैं वह सही है दरअसल यह बात भी सुनने में आई कि जब 2012 में धनपुरी नगरपालिका का चुनाव हो रहा था, उस समय नब्बू खंडेलवाल की चाची कांग्रेसी अध्यक्ष की प्रत्याशी थी और चुनाव हार गई थी।

उन्हें चुनाव तो वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती रविंद्र कौर छाबड़ा ने सीधे मुकाबले में हराया था, लेकिन खंडेलवाल परिवार के कान खुद को सबसे बड़ा नेता बनाने वाले ने इस कदर भरे कि यह पूरा मामला और हार का ठीकरा कोयलांचल के नेता और पूर्व उपाध्यक्ष तथा वर्तमान में वार्ड नंबर 2 के प्रत्याशी शोभाराम पटेल के ऊपर फोड़ दिया गया। यह भी बात सामने आई की बैठक के दौरान ही जब नब्बू खंडेलवाल ने यह बातें कहीं..… तो चर्चा आगे बढ़ी और वर्ष 2012 में शोभाराम पटेल को कांग्रेस द्वारा जो दो वार्ड दिए गए थे, उन दोनों वार्डो का खाका सामने रखा गया। जिससे यह बातें भी स्पष्ट हो गई कि उन दोनों वार्डो में शोभाराम और उसके करीबी कांग्रेस के पार्षद ने जितने वोट खुद पाए थे उससे कहीं अधिक वोट हनुमान खंडेलवाल के परिवार को मिले थे।

पूरी बातें तो लगभग दो दशक पुरानी है, लेकिन वर्तमान में जो दौर चल रहा है, उसमें धनपुरी की जनता सिर्फ उन्हें खोज रही है जिन्होंने इन चुनावों में जनता के द्वारा दिए गए मतों और विश्वाश की सौदेबाजी कर दी, बल्कि हाथ में आई जीत और सालों से कमाई गई इज्जत सड़क पर बिखर गई।

कोयला कारोबारी वर्तमान में धनपुरी नगरपालिका के उपाध्यक्ष हनुमान खंडेलवाल के भतीजे नब्बू खंडेलवाल ने जो बयान बैठक में सबके सामने दिया उसके तरह-तरह के बयान निकाले जा रहे हैं कुछ लोग तो यह भी कर रहे हैं कि नब्बू ने भले ही तैश में आकर यह बात कही लेकिन जो उन्होंने किया वह उसकी जबान पर आ गया, बहरहाल यह तो वक्त ही बताएगा कि सच क्या है और झूठ क्या है…!!

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