गंगा स्नान करने जा रहे अज्ञान संत की मौत के बाद समाजसेवियों ने किय अंतिम संस्कार…..#समाज के हीरो 💐

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गंगा स्नान करने जा रहे अज्ञात संत की मौत के बाद समाजसेवियों ने किया अंतिम संस्कार…

प्रयागराज महाकुंभ अमृत स्नान के लिए साधु संतों का आना जान लगा हुआ है। इस बीच छत्तीसगढ़ की ओर से महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जा रहें एक संत की अचानक शहडोल में तबियत बिगड़ जाने पर उपचार के लिए मेडिकल कालेज शहडोल भर्ती कराया गया था, जहां उनका उपचार के दौरान मौत हो गई, लेकिन उनका कोई लोकेशन या फिर पहचान न होने पर मेडिकल कालेज के द्वारा शहडोल के समाज सेवी रंजीत बसाक व सिल्लू रजक को अज्ञात शव सौंप दिया गया, आपको बता दे की समाजसेवी रंजीत बसाक अब तक 2 हजार से अधिक अज्ञात लाशों का कफ़न दफन कर चुके है ।

 

 

शहडोल के रंजीत बसाक और सिल्लू रजक के द्वारा संत संत के शव को पारंपरिक रीति-रिवाज से दफनाने का पहला मामला नहीं है, बीते एक दशक से रंजीत बसाक जो खुद लकवा ग्रस्त हैं और टाइपिंग की दुकान संचालित करते हैं वह इसी तरह हिंदू _ मुस्लिम_ सिख या इसाई किसी भी जात के या वर्ग के व्यक्ति की लाश मिलने पर किसी तरह अपने खर्चे पर उसका अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं,शहडोल कोतवाली पुलिस हो या रेलवे पुलिस या फिर बस स्टैंड और अस्पताल पर पड़ी लावारिस लाश, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जगह पुलिस और अन्य सभी सबसे पहले लावारिस लाश के अंतिम संस्कार के लिए रंजीत को ही याद करते हैं।

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