संसार के सारे सुंदर एवं अच्छे विचार अमृत तुल्य- कमिश्नर

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(शुभम तिवारी)
मेडिकल कॉलेज में धन्वंतरि देव पूजा कार्यक्रम का हुआ आयोजन
शहडोल। कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा कि संसार के सारे सुंदर एवं अच्छे विचार अमृत तुल्य हैं। अमृत और कुछ नहीं बल्कि एक कल्पना है, संसार की सारी शुभकामनाएं अमृत है, सेवा करने का विचार तथा दूसरों को सुख देने का विचार अमृत है। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति यह सिखाती है कि जरूरी नहीं कि सारे अच्छे विचार किसी व्यक्ति एवं विशेष के हो बल्कि अच्छे विचार तो चारों दिशाओं से आती है। उन्होंने कहा कि निरोगी काया ही दुनिया का सबसे बड़ा सुख है तथा स्वस्थ शरीर  ही जीवन का सबसे बड़ा धन है। खुले मन मस्तिष्क का विज्ञान हमारे भारत की परंपरा है। उक्त विचार कमिश्नर शहडोल संभाग आज बिरसा मुंडा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल में आयोजित धनतेरस के शुभ अवसर पर धन्वंतरि देव पूजा कार्यक्रम में व्यक्त किए।
धार्मिक अनुसंधान एवं संस्था ही पूरे समाज की धुरी
कमिश्नर ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने मंदिरों, आश्रम और गुरुकुल में बहुत सारा अनुसंधान किया है, क्योंकि धार्मिक अनुसंधान एवं संस्था ही पूरे समाज की दूरी होती है। उन्होंने कहा कि हम भारत के लोग हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तत्पर है, हम चुनौतियों का सामना सदा मुस्कुराते हुए करते हैं, क्योंकि हम अगर आनंदित नहीं होंगे तो हमारे पास जो व्यक्ति आएगा हम उसे भी आनंदित नहीं कर सकेंगे। कमिश्नर ने कहा कि हम किसी पैथी के गुलाम नहीं है, हम मनुष्य हैं हम सारी पैथियों के स्वामी हैं। अध्यात्म बहुत दिनों से यह मानता है कि पूरा शरीर हमारे मन से संचालित है और मेरा भी मानना है कि हमारे जीवन का हर कार्य मन से ही संचालित होता है।
खुले मन मस्तिष्क का विज्ञान भारत की परंपरा
कमिश्नर ने कहा कि मैं भगवान धन्वंतरि के जन्म दिवस के अवसर पर सभी से यह कहना चाहता हूं कि विश्व में कोई भी निराशा इतनी बड़ी नहीं है कि मनुष्य उसके सामने घुटने टेक दे। हमें धनतेरस के दिन तनतेरस भी मनाना चाहिए एवं अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए। जिससे हम अधिक अच्छा जीवन जी सके तथा जीवन का आनंद ले सकें और हम खुश होंगे तो आने वाली चुनौतियों का सामना पूरे ताकत से कर सकेंगे। कमिश्नर ने कहा कि हमारे वेदों, पुराणों एवं ऋषि-मुनियों ने कहा है कि सभी व्यक्ति देवों के पुत्र हैं, धन्वंतरि दिवस के अवसर पर मैं यही कहना चाहता हूं जो रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा है कि “उत्सव हमारी जाति तथा आनंद हमारा गोत्र” है आप सभी आनंदित होइए और छोटी-छोटी समस्याओं से मत घबराइए। इस दौरान कमिश्नर ने सभी को धन्वंतरि दिवस की शुभकामनाएं दी।
भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिष्ठाता बिरसा मुंडा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल डॉ. मिलिंद शिलारकर ने कहा कि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। उन्होंने कई प्रकार के शोध एवं अध्यात्म करके आयुर्वेद को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया है। इस दुनिया का सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। इस दौरान अधिष्ठाता मेडिकल कॉलेज में स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मन के संबंध में जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम को जिला अध्यक्ष आरोग्य समिति ओम नारायण त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम का शुभारंभ कमिश्नर शहडोल संभाग  राजीव शर्मा एवं अधिष्ठाता मेडिकल कॉलेज  डॉ. मिलिंद शिलारकर सहित अन्य डॉक्टर्स ने भगवान धन्वंतरि के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम में प्रभारी मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह, डॉ. आकाश रंजन सिंह, डॉ. एस.के. शुक्ला, डॉ  राजेश रेमोर्निकर, डॉ. के.एस.सी. बोस चिकित्सा महाविद्यालय का चिकित्सकीय अमला उपस्थित था।

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