सीवर लाइन हादसे में दो श्रमिकों की मौत को लेकर उबाल, युवक कांग्रेस ने कलेक्टर कार्यालय का किया घेराव

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परिजनों को न्याय दिलाने उठी आवाज, मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई सहित पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा
शहडोल। नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 1 कोनी में हाल ही में हुए दर्दनाक सीवर लाइन हादसे को लेकर शहर में जनाक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इस हादसे में मिट्टी धंसने से दो श्रमिकों – दादूराम उर्फ महिपाल बैगा (37) एवं मुकेश उर्फ लालू बैगा (36), निवासी ग्राम कोटमा, की मौके पर ही मौत हो गई थी। गुरुवार को युवक कांग्रेस ने इस घटना के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया और मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की।
युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनुपम गौतम के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और मृतकों के परिजन भारी संख्या में शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशासन और ठेका कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की और जिला प्रशासन को पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया।
ये हैं मुख्य मांगें
युवक कांग्रेस ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि सीवर लाइन का कार्य कर रही ठेका कंपनी मेसर्स पी.सी. स्नेहल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., गुजरात और परियोजना से जुड़ा विभाग एमपीयूडीसी (MPUDC) इस दुर्घटना के लिए सीधे जिम्मेदार हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि—
1. मृतक श्रमिकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
2. प्रत्येक मृतक के परिवार से एक सदस्य को शासकीय नौकरी प्रदान की जाए।
3. मामले की उच्च स्तरीय जांच कर असली दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
4. सीवर लाइन कार्य के चलते जो मार्ग और नालियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनकी मरम्मत 10 दिनों के भीतर कराई जाए।
5. कंपनी के अंतर्गत कार्यरत श्रमिकों की जानकारी सार्वजनिक की जाए, जैसे – कितने कुशल/अकुशल श्रमिक कार्यरत हैं, कितनों का पंजीकरण श्रम विभाग में है और किनका बीमा कराया गया है।

घटना में लापरवाही का आरोप
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि हादसे के समय मजदूरों से बिना किसी सुरक्षा उपकरण या मानक के काम कराया जा रहा था। ना तो ठेकेदार और ना ही विभागीय अधिकारियों ने सुरक्षा नियमों का पालन किया। हादसे के बाद जब मजदूर मिट्टी के नीचे दब गए तो तत्काल कोई राहत-बचाव कार्य नहीं हुआ। मोहल्ले के कुछ साहसी युवकों ने प्रयास जरूर किए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
6 लाख का मुआवजा अपर्याप्त
युवक कांग्रेस अध्यक्ष अनुपम गौतम ने कहा कि कंपनी द्वारा दिए गए 6 लाख की मुआवजा राशि बेहद कम और अपमानजनक है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक गरीब आदिवासी मजदूर की जान की कीमत केवल छह लाख रुपये है? उन्होंने कहा कि यह राशि मृतक परिवारों के भविष्य और जीविकोपार्जन के लिए नाकाफी है।
आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन के माध्यम से युवक कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा 10 दिनों के भीतर इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो युवा कांग्रेस शहडोल एमपीयूडीसी कार्यालय के समक्ष तालाबंदी और बड़े आंदोलन की शुरुआत करेगी।
जनता में आक्रोश, जवाबदेही तय करने की मांग
हादसे को लेकर नगरवासियों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते बचाव कार्य शुरू कर दिया जाता और कंपनी द्वारा सुरक्षा उपकरण दिए जाते तो शायद मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस जनआंदोलन को कितनी गंभीरता से लेता है और दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं।
प्रदर्शन में शामिल रहे ये नेता
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता,
पूर्व जिला अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह,कुलदीप निगम, अजय अवस्थी,सूफियान खान,नरेंद्र सिंह मरावी,प्रभात पाण्डेय,अभिषेक शुक्ला, निशांत जोशी, शेख साजिल, प्रियांशु चौबे, प्रदीप तिवारी, श्रीनमो गर्ग, अलीम खान, सत्यम प्रजापति, आशु चौधरी सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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