बाबा रामदेव को बड़ा झटका : पतंजलि के सरसों के तेल में मिलावट, राजस्थान सरकार ने फैक्ट्री पर छापामार कर किया सीज

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अलवर। एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) के 1000 करोड़ रुपए के मानहानि केस के बाद बाबा रामदेव अब राजस्थान सरकार के निशाने पर भी आ गये हैं। सरकार की ओर से गुरुवार देर रात बाबा रामदेव की पंतजलि कंपनी के सरसों के तेल में मिलावट की आशंका के चलते अलवर स्थित खैरथल फैक्ट्री को सीज कर दिया है। जिला कलेक्टर की अगुवाई में हुई इस कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई।

इससे पहले बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के सरसों के तेल पर खाद्य तेल उद्योग संगठन (एसईए) भी आपत्ति जता चुका है। संगठन को कंपनी के उस विज्ञापन पर ऐतराज था जिसमें दावा किया गया कि सरसों तेल के अन्य ब्रांड के कच्ची घानी तेल में मिलावट है। हालांकि अब राजस्थान के अलवर जिले के खैरथल में बाबा रामदेव की पतंजलि ब्रांड के नाम से सरसों के तेल की पैकिंग और मिलावट किये जाने की सूचना के बाद प्रशासन ने सिंघानिया ऑयल मिल पर छापामार कर फैक्ट्री को सीज कर दिया है।

फैक्ट्री में पतंजलि की भारी मात्रा में पैकिंग सामग्री बरामद की गई है। पतंजलि के नाम पर मिलावटी सरसों तेल सप्लाई करने के आरोप में बुधवार देर रात जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की। खैरथल में इस्माइलपुर रोड पर औधोगिक क्षेत्र में स्थित सिंघानिया ऑयल मिल पर छापा मारा गया और भारी दल बल के साथ पहुंची टीम ने फैक्ट्री को सील कर दिया। इसके बाद गुरुवार शाम को जांच कमेटी की टीम एसडीएम अलवर योगेश डागुर के नेतृत्व में फेक्ट्री में पहुंची। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।

प्रशासन की ओर से फैक्ट्री प्रबंधन को सामान को खुर्द बुर्द न करने के लिए पाबंद किया गया है और पतजंलि को तेल सप्लाई करने और पैकिंग करने, फैक्ट्री का लाइसेंस और पैकिंग करने का लाइसेंस के साथ अनुमति पत्र सहित अन्य दस्तवेज दिखाने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि खैरथल से इस फैक्ट्री से भारी मात्रा में सरसों का तेल बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि को जाता है। पतंजलि इस तेल पर अपना ठप्पा लगाकर बाजार में बेचती है। इस शिकायत के आधार पर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अलवर के उप खण्ड अधिकारी योगेश डागुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया

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