जिला सहित जनपद को लल्लू बना रहे भईया

0

पंचायती राज्य व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे कांग्रेस नेता

खन्नौधी सरपंच ने नहीं दिया सचिव को प्रभार

शासकीय राशि की खेली जा रही होली, जिम्मेदार मौन

शहडोल। जिले की ग्राम पंचायतों में सरकारी पैसे के गबन को रोकने के लिए जितने प्रयास हो रहे हैं उतनी ही तेजी से पंचायतों में आर्थिक गड़बडिय़ां बढी हैं। पंचायतों में फर्जीवाड़ा इस स्तर का हो रहा है कि सीमेंट, रेत, सरिया, बोरिंग सहित अन्य अन्य सामग्री सप्लाई के लिए फर्जी फर्मों की बाढ़ आई हुई है। अधिकांश पंचायतों में सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक परिचित के नाम ऐसी फर्जी फर्मे बनाकर पंचायत की राशि को मिलकर डकार रहे हैं, जो अस्तित्व में ही नहीं है, पंचायती राज्य व्यवस्था की जिले में खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है, जनपद और जिला पंचायत में बैठे जिम्मेदार आंखे मूंदकर सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर वरिष्ठ कार्यालयों से वाह-वाही बटोर रहे हैं।
मलाई छान रहे लल्लू
जमीनी स्तर पर विकास के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार के द्वारा भेजी जा रही राशि किस कदर बंदर बांट हो रही है, ग्राम पंचायत खन्नौधी में सीताशरण इलेक्ट्रिकल वर्कशॉप को पंचायत के जिम्मेदारों ने बोरिंग और क्रेसिंग के नाम पर लगभग 80 हजार रूपये का भुगतान कर दिया गया है, मजे की बात तो यह है कि फर्म संचालक ने लगता है, पूरी बिल बुक ही उठाकर लल्लू को दे रखी है और लल्लू भईया पूरे जनपद सहित जिला पंचायत को लल्लू समझ जमकर मलाई छानने में लगे हैं।
40 लाख का भ्रष्टाचार
कोरोना संक्रमण काल के कारण पंचायतों की चुनावों की तिथियां क्या बढ़ी, पंचायतों में बैठे सरपंच और अन्य पंचायती राज्य व्यवस्था के जनप्रतिनिधि खुद को भस्मासुर मानने लगे। अकेले ग्राम पंचायत खन्नौधी वर्तमान महिला सरपंच और तीन माह पहले तक सचिव रहे क्रमश: हीरालाल प्रजापति, रामकृपाल सिंह व बिसाहू सिंह गोंड के ऊपर 40 लाख से अधिक का भ्रष्टाचार शिकायत के बाद प्रमाणित हुआ था, मजे की बात तो यह है कि इसके बाद भी न तो वसूली हुई और न एफआईआर और तो और महिला सरपंच वहीं पदस्थ हैं और शासकीय राशि की होली बदस्तूर खेली जा रही है।
सरपंच को बनाया रबर स्टांप
शासन द्वारा तीन माह पूर्व भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित होने के बाद तात्कालीन सचिव बिसाहू सिंह गोड़ को खन्नौधी से हटा दिया गया, महिला सरपंच के खिलाफ धारा 40 की कार्यवाही प्रस्तावित की गई और दोनों से 40 लाख रूपये गबन की राशि वसूलने के आदेश हुए, महिला सरपंच उच्च न्यायालय से स्थगन लेकर आ गई, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उसके वित्तीय अधिकार नहीं छीने, जिस कारण सचिव तो हट गये, लेकिन नये सचिव के आने के बाद भ्रष्टाचार करने के रास्ते फिर साफ हो गये, किन्तु महिला सरपंच और उसे रबर स्टांप के रूप में इस्तेमाल करने वाले कांग्रेस नेता ओम प्रकाश मिश्रा उर्फ लल्लू के इशारे पर सचिव के न चलने के कारण उसे महिला सरपंच ने पंचायत का प्रभार ही नहीं दिलवाया।
बिना लल्लू नहीं होता काम
खन्नौधी पंचायत के वाशिंदे तथा जनपद में बैठे दर्जनों कर्मचारी और अधिकारी अर्से से इस बात के गवाह हैं कि खन्नौधी में भले ही सरपंच कोई भी रहा हो, लेकिन वहां चलती सिर्फ लल्लू की है, खुद महिला सरपंच इस संदर्भ में बड़ी बेबाकी से बताती भी हैं कि बिना लल्लू भईया के मैं कुछ नहीं करूंगी। लल्लू न तो गांव में पंच या किसी अन्य जनप्रतिनिधी वाले पद पर है, बल्कि बीते कई वर्षाे से वे कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता और संभवत: पार्टी में पदाधिकारी भी हैं।
महिला सरपंच की हठधर्मिता
तीन माह पूर्व प्रशासन के द्वारा अवधेश कुशवाहा को ग्राम पंचायत खन्नौधी का प्रभार दिया गया था, लेकिन सरपंच द्वारा किये जा रहे असहयोग करने के कारण सचिव को वित्तीय प्रभार नहीं मिल पा रहा है, इस वजह से गांव का विकास भी रूका हुआ है, मजे की बात तो यह है कि जनपद पंचायत गोहपारू के सीईओ द्वारा बीते 10 सितम्बर को विभागीय पत्र क्रमांक 1245 के माध्यम से ग्राम पंचायत की कथित महिला प्रधान (सरपंच) को पंचायत का खाता संचालन कराने के संदर्भ में नोटिस दिया गया था, जिसमें जिला पंचायत के द्वारा भेजे गये पूर्व के पत्रों का भी हवाला भी दिया गया था। 10 सितम्बर के इस पत्र में सरपंच को तीन दिवस के अंदर खाता संचालन करने के आदेश दिये गये थे और न करने पर कार्यवाही का अल्टीमेटम भी दिया गया था, लेकिन लल्लू का अडंगा और महिला सरपंच की हठधर्मिता पूरे प्रशासन पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
इनका कहना है…
मेरी खन्नौधी में मोटर वाइडिंग की दुकान हैं, छोटी फर्म होने के कारण फर्म का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, लल्लू भईया पंचायत में काम करते हैं,जब उनको बिल की जरूरत होती होगी तो, मुझसे बिल ले जाते हैं, मेरी कोई बोरिंग मशीन भी नही है।
सीताशरण सिंह कंवर
संचालक
सीताशरण इलेक्ट्रानिक वर्कशॉप, खन्नौधी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed