परम श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणी जी की जब भारतीय जनता पार्टी नहीं हुई तो शहडोल संभाग के सिंधियों की क्या औकात है जो आडवाणी जी ने भारतीय जनता पार्टी को जीरो से हीरो बनाय कश्मीर से कन्या कुमारी तक देश के कोने कोने में संगठन का अलख जगाया भूखे प्यासे धूप में ठंडी में बरसात में अपने प्राणों की परवाह न करते हुए मात्र एक भारतीय जनता पार्टी को सत्ता तक पहुंचाना था सत्त आते ही आडवाणी जी मार्गदर्शक लाइन में जा पहुंचे रही बात शहडोल संभाग के नगरीनिकय चुनाव मे औकात दिखाने की आवश्यकता है नगरी चुनाव को पता नहीं चुनाव वार्डों का थोड़ी-थोड़ी या औकात दिखाने पर ही सत्ता के घमंड में चूर लोगों को सिंधी समाज की औकात समझ में आ जाएगी पिछले अभी हाल ही में नगरी चुनाव में मैं अपने आंखों से देखा हूं और कानों से सुन रहा था जब एक जिलाध्यक्ष एव विधायक जैतपुर से सिंधी समाज के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एक टिकट के लिए गिड़गिड़ा रहे थे तब जिलाध्यक्ष एव विधायका लाजवाब हो कर हम जीतने वाले कैंडिडेट हो टिकट दे रहे है आपको नहीं दे पाऊंगा पूरा सिंधी समाज और सिंधी समाज के पदाधिकारी बैरंग लौट आए थे उसी समय से स्पष्ट हो चुका था कि आने वाले चुनाव में भी सिंधी समाज के साथ आडवाणी जी जैसे ही हाल होगी पूरे संभाग में आगे आपको विचार करना है क्या आप का अस्तित्व रहेगा या समाप्त हो जाएगा या आप सब पर निर्भर है आप सभी को हमारी तरफ से धन्यवाद