कचरे की झोली थामे हाथों को मिली किताबें कलेक्टर ने मासूम “चाहत” सहित तीन बच्चियों के स्कूल जाने की चाहत को किया पूरा
कचरे की झोली थामे हाथों को मिली किताबें
कलेक्टर ने मासूम “चाहत” सहित तीन बच्चियों के स्कूल जाने की चाहत को किया पूरा
कटनी ॥ कचरा बीनने वाली 5 वर्षीय मासूम “चाहत” की स्कूल जाने की चाहत उस वक्त पूरी हो गई जब इसकी जानकारी कलेक्टर अवि प्रसाद तक पहुंची। जानकारी लगते ही न सिर्फ चाहत बल्कि उसी की तरह शिक्षा से वंचित दो अन्य बालिकाओं को महज 2 घंटे के अंदर सर्वे कराकर कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा स्कूल में एडमिशन कराया गया। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए इस तरह के अन्य बच्चों की जानकारी इक्कठा करने और उन्हें प्रदेश शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में एडमिशन कराने के निर्देश भी दिए।
मासूम चेहरों पर छाई मुस्कान
ढीमरखेड़ा की कचरा बीनने वाली एक मासूम द्वारा स्कूल न जाकर कचरा बीनने की मजबूरी और स्कूल जाने की प्रबल इच्छा जताने का एक वीडियो आज सुबह जैसे ही कलेक्टर अवि प्रसाद को मिला, वे विचलित हो उठे और उन्होंने उस बच्ची चाहत सहित ऐसे अन्य बच्चों का पता लगवाया। जिनमें दो अन्य बालिका कमला और चांदनी की स्थिति ऐसी ही मिली। कलेक्टर श्री प्रसाद के द्वार इन तीनों बालिकाओं को स्थानीय शासकीय स्कूल में पहली कक्षा में तत्काल प्रवेश दिलाया गया। स्कूल में प्रवेश पाकर कचरे की झोलियां थामने वाले तीनों ही बालिकाओं के हाथों में जैसे ही किताबें मिली उनके चेहरों पर मुस्कान छा गई और उनके परिजन भी खुश हो उठे।
स्कूल जाने से नहीं छूटे कोई बच्चा
प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप शिक्षा के अधिकार के तहत हर वर्ष सरकारी स्कूलों में मनाए जा रहे प्रवेशोत्सव को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद ने शिक्षा विभाग के अमले को जमीनी स्तर पर और अधिक प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में किसी भी मासूम को स्कूल जाने की अपनी इच्छा दिल में दबाने की जरूरत नहीं है। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और हर हाल में उन्हें उनके इस अधिकार से वंचित नहीं होने दिया जाएगा।