कबाड़ की आड़ में चल रही चोरी के सामानों की खरीदी-बिक्री

एसईसीएल सहित ताप विद्युत गृह का कीमती सामान गला रहा कबाड़ी
इन्ट्रो-आए दिन होने वाली चोरी की घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं, इन दिनों शहर में एक दर्जन से भी अधिक कबाड़ की दुकानें संचालित हो रही है। कबाड़ की आड़ में चोरी का माल खपाना पुराना पेशा बन गया है। लोग अपने यहां होने वाली चोरी के पीछे अपराधियों को कबाडिय़ों द्वारा संरक्षण होने की बात कह रहे है। लोगो की माने तो पुलिस कबाड़ियों की दुकान एवं माल खाने की जांच करे तो वहां से कबाड़ की आड़ में चोरी का माल खरीदने की पोल से पर्दा उठ जाता।
उमरिया। जिले के बिरसिंहपुर पाली में कुछ कबाड़ की दुकान ऐसी भी हैं, जिन पर चोरी का माल खरीदा जाता है और तो और हर दिन लाखों का टर्नओवर करने वाले कबाड़ की दुकानों के संचालकों द्वारा जो की जीएसटी के दायरे में आते हैं, उनके द्वारा जीएसटी की भी चोरी की जाती है और कुछ कबाड़ की दुकानें तो ऐसी भी है, जिन पर चोरी की गाडिय़ां भी काटी जाती है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इन लाखों का व्यापार कर रहे दुकानदारों को पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग है, क्योंकि शहर में इतने दो नंबर के काम हो रहे हैं और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ रख कर बैठा है। बिरसिंहपुर पाली में शंभू नामक कबाड़ कारोबारी का सिक्का चलता है, हालाकि इसके अलावा भी कबाड़ के ठीहे हैं, जहां एसईसीएल, संजय ताप विद्युत गृह का चोरी किया हुआ बेसकीमती कबाड़ कौडिय़ों के दाम पर खपाया जाता है।
शंभू की आड़ में बबलू का कारोबार
बिरसिंहपुर में शंभू के माध्यम से बबलू कबाड़ का कारोबार कर रहा है, नगर के वार्ड नंबर 10 में स्थित ठीहे पर एसईसीएल से चोरी किया हुआ कन्वेयर बेल्ट का रोलर, पाईप, जीआई सीट, रोल के अलावा संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के कोल हापड़ से निकला हुआ कबाड़ उक्त कबाड़ी के ठीहे पर गलता है, आये दिन साहब का सुरक्षाकर्मी कबाड़ी के ठीहे पर नजर आता है, चर्चा है कि इस पूरे कबाड़ के खेल में ताप विद्युत गृह के बोर्ड सुरक्षाकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है, इनके संरक्षण में राखड़ पाईप जो कटिंग होकर किनारे पड़े रहते है, उनको भी पार कराया जाता है, अगर प्रबंधन कटिंग किये हुए पाईप की गिनती रिकार्ड के अनुसार करवा ले तो, लाखों का माल पार होने की जानकारी बाहर आ सकती है। इसके अलावा वर्तमान में कबाड़ बाउण्ड्री के बाहर चिन्हित स्थान पर अंदर से फेंका जाता है, जहां कथित कबाड़ी के गुर्गे पहले से तैनात रहते हैं या फिर उन्हें जानकारी दी जाती है कि कबाड़ बाहर फेंका गया है और फिर वह कबाड़ शंभू के ठीहे पर तक पहुंच जाता है।
हो सकता है बड़ा खुलासा
कबाड़ की दुकानों में चोरी के शासकीय सामानों की भी खरीदी हो रही है। खबर है कि शंभू के ठीहे पर एसईसीएल, ताप विद्युत गृह के अलावा रेलवे ट्रैक के अलावा वजनी इस्पात लाकर धड़ल्ले से खपाया जा रहा है, वहीं बिजली विभाग के एल्युमिनियम तार एवं कीमती सामानों को लाकर कबाडिय़ों की दुकान में खपाने का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शहर के सामानों के अलावा यहां के कुछ कबाड़ी बाहर से आने वाले चोरी के सामान को भी खरीदकर उसे खपाने का काम कर रहे हैं। इन कबाडिय़ों के गोदामों की जांच की जाती तो चोरी के अनेक मामलों का खुलासा हो सकता है।
बड़ी घटना को दे सकते हैं अंजाम
स्थानीय कबाडिय़ों के अलावा बाहर से आकर भी लोग इस काम में लग गए है। वे कबाड़ बीनने की आड़ में कर्मचारियों को शासकीय एवं स्थानीय लोगों के घर के सामने रखे सामान को उठाने की ट्रेनिंग देते है। इससे शहर में इन दिनों चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई है। घर के बाहर रखा सामान कहीं पर भी सुरक्षित नहीं है। ताप विद्युत गृह के अंदर से बाहर सामान आने के बाद कबाड़ी ऐसे ही लोगों को भेजकर सामान उठवाता है, इसके अलावा जो राखड़ पाईप कटिंग होकर पड़े हैं, उन्हें वाहनों में लोड कर पार करवा दिया जाता है, बीते माहों में अवैध गतिविधियों के चलते ठीहो पर नकेल कसी गई थी, लेकिन एक बार फिर इन ठीहो से अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा है। अगर स्थानीय थाना की पुलिस ने जल्द इन पर नकेल नहीं कसी तो, आने वाले दिनों यह बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।