मंत्री के नाम की धौंस देकर घटिया निर्माण कार्य करा रहा उपयंत्री

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पंचायतों में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद निर्माण एजेंसी को दे रहा स्टीमेट

उपयंत्री के कारनामों से तंग पंचायतों के सरपंच-सचिव

उमरिया। जिले की पाली जनपद की उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर के पास दर्जनों पंचायत का प्रभार है, उपयंत्री के प्रभार वाली लगभग पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं, कही कार्य अधूरे पड़े हैं तो, कहीं निर्माण के बाद उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, ग्राम पंचायत खोलखमरा पंचायत में तालाब निर्माण में उपयोग होने वाले पिचिंग के मटेरियल सप्लाई करने वाले आज तक भुगतान को तरस रहे हैं, सूत्रों की माने जिन-जिन पंचायतों का प्रभार कथित उपयंत्री के पास है, उन पंचायतों में राज कुमार श्रीवास्तव नामक फर्म के बिल लगाये हैं, खबर है कि कथित उपयंत्री द्वारा दबाव बनाकर कथित फर्म में भुगतान करा दिया गया, जिसके बाद पैसा लेकर शासकीय राशि की होली खेली गई।
ठण्डे बस्ते में भ्रष्टाचार की जांच
दर्जनों ग्राम पंचायतों के प्रभारी उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर पर आरोप लग रहे हैं कि उनके द्वारा हर एक काम पर कमीशन लिया जा रहा है, खबर है कि पाली जनपद से पूर्व कथित उपयंत्री मानपुर जनपद में पदस्थ थे, जहां खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल-खेला गया है, मजे की बात तो यह है कि वर्षाे बीतने के बाद भी आज तक उक्त मामला ठण्डे बस्ते में पड़ा हुआ है, सूत्रों की माने तो वर्तमान में भी कथित उपयंत्री द्वारा पाली जनपद की पंचायतों में भ्रष्टाचार का खुला-खेल खेला जा रहा है, जिससे लगभग निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
मंत्री की छवि हो रही धूमिल
जनपद पंचायत पाली में पदस्थ उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर पर पूर्व में भी पंचायतों में हुए निर्माण कार्याे में गुणवत्ता की अनदेखी के आरोप लग चुके हैं, बावजूद इसके इन पर कार्यवाही न होना इनके रसूख की अलग ही कहानी बयां कर रहा है। आरोप है कि कमीशन के फेर में उपयंत्री द्वारा घटिया सामग्री के उपयोग और मनमाने गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों का आंख बंद कर मूल्यांकन कर दिया जाता है, जिसमें कमीशन नहीं मिलता, वह निर्माण कार्य आज भी मूल्याकंन को तरस रहे हैं। चर्चा है कि कथित उपयंत्री द्वारा मंत्री के नाम का फायदा उठाकर जनपद में दबाव बनाया जाता है, जिससे अजाक मंत्री की छवि धूमिल हो रही है।
उपयंत्री को हटाने सरपंच-सचिव लामबंद
भ्रष्टाचार में लिप्त उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर को हटाने के लिए अधिकांश पंचायतों के सरपंच-सचिव लामबंद हो रहे हैं, नाम न छापने की शर्त पर सरपंच-सचिवों ने बताया कि उपयंत्री स्टीमेट का दरकिनार कर निर्माण कार्य कराने का दबाव बनाते हैं, इतना ही नहीं वेण्डर के खाते में सीधे राशि ट्रांसफर कराकर खुद जेब भरते हैं। सरपंच-सचिव चाह कर भी स्टीमेट के अनुसार कार्य नहीं करा पा रहे हैं। शिकायत में बताया गया है कि उपयंत्री कभी फिल्ड भी नहीं जाते, उपयंत्री मुख्यालय छोड़कर संभागीय मुख्यालय में डेरा जमाये हुए हैं। टेलीफोन से सचिव और सरपंचों को धौंस देते रहते हैं। इतना ही नहीं कमीशन न मिलने पर निर्माण कार्य का मूल्याकंन करने में भी हीलाहवाली करते हैं।
इनका कहना है…
उपयंत्री की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, सरपंच-सचिवों के नाखुश होने की भी खबर है, इसकी उच्च स्तरीय टीम से जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी।
दीक्षा जैन
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत, बिरसिंहपुर पाली

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