ब्यौहारी सिविल अस्पताल का हाल बेहाल: ओपीडी छोड़ मेडिकल दुकान में बैठ मरीज देख रहे डॉक्टर, वीडियो वायरल स्वास्थ्य विभाग मौन
(सतीश तिवारी)ब्यौहारी। सिविल अस्पताल ब्यौहारी की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। यहां तैनात डॉक्टर खुलेआम सरकारी ओपीडी छोड़ सामने की निजी मेडिकल दुकानों में मरीज देखने का काम कर रहे हैं। इसका ताज़ा उदाहरण सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो है, जिसमें डॉ. राघवेन्द्र सिंह, जो सिविल अस्पताल ब्यौहारी में पदस्थ हैं, अस्पताल की ओपीडी के बजाय सामने खुली सारांश मेडिकल स्टोर में मरीजों को पर्ची लिखते हैं।
लोगों का कहना है कि डॉक्टर साहब सरकारी ड्यूटी टाइम में ही निजी दुकान पर बैठकर ‘डबल कमाई’ का खेल खेल रहे हैं। एक तरफ मरीजों से फीस वसूलते हैं और दूसरी तरफ मेडिकल स्टोर संचालक व दवा कंपनियों से कमीशन लेकर मोटी कमाई कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि डॉ. सिंह मरीजों को गैरज़रूरी जांच और महंगी दवाएं लिखते हैं ताकि दुकान का स्टॉक खप सके और दुकान मालिक को फायदा हो।

स्थानीय युवा नेता रोशन सिंह, निवासी ग्राम बोड्डिहा, ने बताया कि 29 अक्टूबर की रात वे अपनी बीमार पत्नी को दिखाने सिविल अस्पताल पहुंचे थे। वहां ड्यूटी रूम खाली मिला। जब उन्होंने स्टाफ से पूछा तो जवाब मिला डॉक्टर साहब सामने मेडिकल में बैठे हैं। जब वे बाहर पहुंचे तो देखा कि डॉ. सिंह सारांश मेडिकल स्टोर में मरीजों को देख रहे थे। उन्होंने वहीं पर्ची लिखी और कहा, इंजेक्शन अस्पताल से लगवा लो, बाकी दवा दुकान से लेना।
रोशन सिंह ने आरोप लगाया कि डॉक्टर गरीबों को लूटने का खुला खेल खेल रहे हैं। सरकारी अस्पताल की सुविधा लेने आए मरीजों को निजी दुकान पर भेजा जा रहा है, जहां उन्हें गैरज़रूरी दवाएं थमाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि गरीब वर्ग के साथ सीधा अन्याय है।
स्थानीय नागरिकों ने भी इस वीडियो के सामने आने के बाद गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की आंखों के सामने सरकारी अस्पताल को निजी कमाई का जरिया बना दिया गया है, और अधिकारी मौन हैं।
जनता ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ला से मांग की है कि वायरल वीडियो की जांच कर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि सरकारी अस्पतालों को निजी दुकान का ठिकाना बनने से रोका जा सके।