लापरवाह प्रबंधन या शून्य हो चुकी है मानवीय संवेदनाएं

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नवजात बच्ची के शव के वारिसों को तलाशेगी पुलिस

मौत के 24 घंटे बाद भी चिकित्सालय प्रबंधन नहीं करवा सका पीएम

जिला चिकित्सालय के कचरे में मिला था नवजात बच्ची का शव

शहडोल। बुधवार की सुबह कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय परिसर के पिछले हिस्से में नवजात बच्ची के शव की खबर ने हलचल मचा दी, चिकित्सालय प्रबंधन सहित पुलिस मौके पर पहुंची, पहले यह खबर आई कि बच्ची के शव को श्वानों को नोचते हुए देखा गया, बाद में शव को उठाकर एक बोरी में भर के मर्चुरी में शव विच्छेदन प्रक्रिया के लिए रखवा दिया गया, घटना को 24 से अधिक घंटे बीत चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार प्रबंधन संभवत: चिकित्सकों की कमी या व्यस्तता के कारण, मौत के बाद भी बच्ची के शव का इंसाफ नहीं दिला पाया।
बीते 24 घंटे, पीएम का इंतजार
बुधवार की सुबह बच्ची के शव के मिलने के बाद अमानवीय तरीके से भरकर मर्चुरी में रखवा दिया गया, चिकित्सालय प्रबंधन ने कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई और शव किसने और कब फेंका, इसकी पड़ताल में प्रबंधन और पुलिस दोनों अपनी ओर से जुट गये। बुधवार को न तो पुलिस ने कोई अपराध कायम किया और न ही करोड़ों के बजट और दर्जनों चिकित्सकों की टीम होने के बाद भी शव को बोरी से निकालकर, उसका पीएम करवाया जा सका।
दर्ज होगा मामला, जांच शुरू
कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जी.एस. परिहार ने बताया कि मंगल और बुधवार की सुबह तक चिकित्सालय में दो महिलाओं ने मृत बच्चियों को जन्म दिया था, जिसकी जानकारी पुलिस को दे दी गई है, यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि बच्चियां इन्हीं में से किसी परिवार की है, यह पुलिस की जांच का विषय है, कोतवाली प्रभारी राजेन्द्र चंद्र मिश्र ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन से जानकारी मिली है, कल गुरूवार को आईपीसी की धारा 318 के तहत अज्ञात पर मामला कायम करने के बाद जांच शुरू की जायेगी। अभी यह कहना मुश्किल होगा कि बच्ची का शव कब, कैसे और किसने यहां फेंक दिया था। पीएम के लिए अस्पताल प्रबंधन को बुधवार की दोपहर को ही कहा गया था, लेकिन पीएम बुधवार को नहीं हो सका।

बच्ची का जन्म लेना, आज भी गुनाह?
प्रदेश सहित केन्द्र सरकार हर वर्ष दर्जनों शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से करोड़ों रूपये खर्च कर लड़के व लड़कियों को एक समान मानने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है। एक तरफ देश चांद पर पहुंच रहा है और इसके बाद भी कन्या भू्रण हत्या के मामले सामने आते रहते हैं। बुधवार को मिले बच्ची के शव के संदर्भ में अभी जांच और निष्कर्ष आना बाकी है, लेकिन बच्ची के शव को इस तरह कचरे में फेंक देना और फिर पीएम के लिए बोरी में 24 घंटे से अधिक समय तक वह भी गर्मी के समय डालकर मर्चुरी में रख देना अमानवीयता का द्योतक हैं।

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