स्वच्छता को लेकर संवेदनहीन हैं सीएमओं-कुछ पार्षद

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कचरे में तब्दील कचरा वाहन, नपा की उदासीनता

अमलाई। स्वच्छता सर्वेक्षण एवं स्वच्छ भारत मिशन को लेकर नगर परिषद बरगवां, अमलाई का परफारमेंस शून्य है। उदासीनता का पर्याय बनीं नगर परिषद सीएमओ एवं नवीन नगर परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित कुछ पार्षद गण जिनके द्वारा अपने-अपने वार्डो से विजयश्री का माला पहन कर सिर्फ नगर परिषद के अंदर कुर्सी में बैठने का लुफ्त उठा रहे हैं, जिन्हें जनता के द्वारा अपने अमूल्य मत देने के बाद उस जगह में पहुंचाने के लिए जहां से उनके वादों का विकास होना सुनिश्चित किया गया था, वह एक दिखावा बनकर रह गया है।

नगर परिषद गठन के पूर्व ग्राम पंचायत बरगवां में पदस्थ सचिव छक्के लाल राठौर के द्वारा शासन के योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर किए गए निर्माण कार्य एवं अन्य कार्यों में व्यापक तौर से किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा नहीं हुआ, किंतु जाते-जाते सचिव के द्वारा एक कचरा वाहन खरीदी की गई, जोकि आज की स्थिति में नगर परिषद के अंदर स्वयं कचरे का ढेर बना हुआ है, जिसका उपयोग नगर परिषद गठन के उपरांत 04 महीनों में दो बार ही वह नगर परिषद के वार्ड क्रमांक-03 तक ही सीमित रहा और नगर परिषद के अंदर ही कचरे के ढेर में पड़ा हुआ है। पूर्व में ग्राम पंचायत के द्वारा जिन निर्माण कार्यों को किया गया था, उन्हीं के ऊपर लीपापोती कर शासन की राशि का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है।

नगर परिषद के अंतर्गत सभी वार्डों में जगह-जगह कचरों का अंबार लगा है किंतु नगर परिषद की उदासीनता साफ तौर पर देखी जा सकती है कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार होने से पहले ही स्वच्छता अभियान स्वच्छ भारत मिशन के प्रति सजगता का अभाव देखने को मिल रहा है, इस प्रकार अनभिज्ञ बने बैठे सीएमओ और नगर परिषद के जनप्रतिनिधि झूठी वाहवाही एवं फोटोग्राफी में लिप्त हैं। स्वच्छता को लेकर नगर परिषद का साथ दे रही सोडा कास्टिंक यूनिट उद्योग का प्रबंधक वर्ग जो स्वयं के कॉलोनियों, कॉलोनी क्वार्टर के पीछे बनी नालियां, कचरे की ढेर से पटा हुआ है और गंदगी बज बजाती हुई दिख रही है। मुख्य मार्ग की साफ-सफाई को लेकर सक्रिय नहीं है वह किसी और का सहयोग कैसे कर सकती है।

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