गुणवत्ताविहीन नाली निर्माण कर रहा ठेकेदार, एमपीआरडीसी नही दे रहा ध्यान

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पेटी कॉन्टै्रक्टर के भरोसे हो रहा घटिया निर्माण का खेल
गुणवत्ताविहीन नाली निर्माण कर रहा ठेकेदार, एमपीआरडीसी नही दे रहा ध्यान
बनते ही ढह रहा स्लैब, निम्न दर्जे के उपयोग हो रहे रॉड व सीमेंट
अमरकंटक तिराहे से लेकर चंदास नदी तक वर्षो से निर्मित हो रही नालियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही है, पेटी कॉन्टै्रक्टर सोनू बंजारा के द्वारा निम्न दर्जे की सामग्री उपयोग कर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण जगह-जगह स्लैब टूट चुके है वही कुछ जगहों पर सरिया दिखाई देने लगा है। जिम्मेदार विभाग के अधिकारी चंद सिक्को के खनक के आगे आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए है।
अनूपपुर। मध्यप्रदेश सडक विकास निगम लिमिटेड के द्वारा सडक निर्माण के वर्षो बाद नाली निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। अमरकंटक तिराहे से लेकर चंदास नदी तक निर्मित यह नाली दोनो ही ओर से अधूरा छोड दिया गया था। अनपढ इंजीनियर के सहारे निर्मित इस सडकों को आम नागरिक भी भ्रष्टाचार और मनमानी की कहानी बयां कर रहा है। महज 1 किलोमीटर निर्मित नाली में लगभग 20 जगह अधूरा छोड दिया गया है, जिसे धीरे-धीरे पूर्ण किया जा रहा है, इतना ही नही कई जगहों से बनने से पहले की टूट कर स्लैब गिर गया, लेकिन जिम्मेदारों ने वर्षो बाद भी नगर में संचालित कार्याे की समीक्षा तक नही की।
मुख्यालय में घटिया निर्माण
एमपीआरडीसी के जिम्मेदारों और ठेकेदारो ने अधूरी नालियों में गढ्ढे और लोहे का सरिया निकाल कर महीनों से छोड दिया गया था, जिससे में कई बार मूक पशु गिरकर घायल हो चुके है, वही रात्रिकालीन के दौरान राहगीर भी चोटिल हो चुके है। खुली पडी नालियां व टूटी हुई स्लैब में अचानक हादसा घट जाता है, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों को दुर्घटनाओं से कोई सरोकार नही है। कमीशन के फेर में इन्हे न तो गढ्ढे दिखाई दे रहे है और न ही नालियों में भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है। कुलमिलाकर ठेकेदार और अधिकारी सांठ-गांठ कर कार्य को अंजाम दे रहे है।
सडकों के हालात बद से बदतर
मुख्यालय से सांधा मोड तक निर्मित मुख्य सडक की हालात चंदास नदी से खस्ताहाल होना शुरू हो जाता है, पुल के पास आज भी दुर्घटनाओं के लिए दोनो तरफ गढ्ढे छोड दिया गया है, सडक से लोहे का सरिया तक दिखाई देने लगा, लेकिन किसी से इसकी सुध नही ली। सडक को कहीं चौडाई तो कही सकरी निर्मित किया गया है, इसका क्या माजरा है यह तो इंजीनियर ही समझे, लेकिन सडक और नालियों का निर्माण गुणवत्ता को ध्यान में रखकर नही किया गया है। जिला मुख्यालय के विकास के लिए जिम्मेदार विभागों के पास पैसा खर्च करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन ठेकेदारी प्रथा और कमीशनखोरी ने मूलभूत सुविधाओं से ही नगर को वंचित कर दिया। खराब मुख्य सडके, भ्रष्टाचार और कमीशन से निर्मित अधूरी और गंदगी से लवरेज नालियों को छोडकर एमपीआरडी के ठेकेदार कई महीने काम बंद कर लिये थे, अब फिर से घटिया निर्माण शुरू कर जल्दी-जल्दी पूर्ण कराने में आमादा है।
सोनू करा रहा घटिया निर्माण
सडक और नालियों का ठेका एटकॉन कंपनी को मिला था, लेकिन कंपनी के जिम्मेदारों ने डिंडौरी के किसी सोनू बंजारा नामक ठेकेदार को पेटी कॉन्ट्रैक्ट में यह नाली निर्माण का कार्य दे दिया है और जिसका सुपरविजन बतौर इंजीनियर व सुपरवाईजर उदय सिंह कर रहे है। कुलमिलाकर कंपनी, पेटी कान्ट्रैक्टर और सुपरवाईजर के सांठ-गांठ के कारण गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है, जो घटिया निर्माण कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेंगे और परिणाम नगरवासियों और राहगीरो को भोगना पडेगा।
इनका कहना है
सामग्री सही उपयोग किया जा रहा है, कार्य समय पर पूर्ण कर लिया जायेगा, मैं डिंडौरी में रहता हूं, आपसे जल्द ही आकर मिलता हूं।
सोनू बंजारा, पेटी कॉन्ट्रैक्टर