बारडोली में अपराधियों का तांडव चाकूबाजी से एक और हत्या, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल लगातार बढ़ते खून-खराबे से दहशत में शहर, प्रशासन की कार्यशैली पर भी उठनें लगी उंगलियां

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बारडोली में अपराधियों का तांडव चाकूबाजी से एक और हत्या, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल लगातार बढ़ते खून-खराबे से दहशत में शहर, प्रशासन की कार्यशैली पर भी उठनें लगी उंगलियां
कभी शांत और सुरक्षित कहे जाने वाले इस बारडोली को आखिर किसकी नजर लग गई? क्या जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस बढ़ते अपराध ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे या फिर आमजन यूं ही भय और असुरक्षा के साए में जीने को मजबूर होंगे?
नगरवासी सवाल कर रहे हैं—“आखिर हमारे शहर को किसकी नजर लग गई? पहले ऐसा नहीं था, लेकिन अब हर दिन खून से सनी सड़कें दिखाई दे रही हैं।”
आधी रात का सन्नाटा था…
रंगनाथ इलाके की सुनसान गलियों में सिर्फ कुत्तों के भौंकने की आवाज गूंज रही थी। पानी की टंकी के पास से गुजरते हुए 24 वर्षीय आदित्य मिश्रा को शायद इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था कि उसके पीछे मौत साए की तरह चल रही है। अचानक… अंधेरे से तीन परछाइयाँ निकलीं।”अब बचकर दिखा!”-आवाज के साथ ही चमचमाती ब्लेडें हवा में लहराईं।
पलक झपकते ही आदित्य को तीनों ने घेर लिया। चाकू की पहली चोट उसके कंधे पर पड़ी, दूसरी छाती में धंसी और तीसरी ने उसकी सांसें उखाड़ दीं। सड़क पर गूंज रही थी चीखें और चाकुओं की “छन्न” ध्वनि। आदित्य बचने की कोशिश करता रहा लेकिन तीनों हमलावर उसके शरीर को हथियारों से छलनी करते चले गए। खून का लाल तालाब धीरे-धीरे सड़क पर फैल गया। और हमलावर…? वो उतनी ही तेजी से गायब हो गए जितनी तेजी से आए थे—पीछे छोड़ गए खामोशी, डर और मौत। पुराने विवाद की बुनियाद पर रचा गया खूनी खेल।
अब सवाल सिर्फ इतना है—क्या पुलिस उन तीन सायों को पकड़ पाएगी जिन्होंने चाकुओं से एक ज़िंदगी छीन ली? या यह वारदात भी कटनी की अंधेरी गलियों में दबकर रह जाएगी..?एक के बाद एक हो रही चाकूबाजी और हत्याओं ने नगर की पहचान पर दाग लगा दिया है।
कटनी।। नगर में अपराध की तस्वीर दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है। रंगनाथ थाना क्षेत्र के मदन मोहन चौबे वार्ड पानी की टंकी के पास मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात हुई चाकूबाजी की वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया। तीन हमलावरों ने 24 वर्षीय युवक की बेरहमी से चाकू गोदकर हत्या कर दी। वारदात के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है, वहीं पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। मृतक की पहचान आदित्य मिश्रा (उर्फ ढोलू), पिता सूरज मिश्रा, उम्र 24 वर्ष के रूप में हुई है। आदित्य हाल ही में मुंबई से लौटा था और वहां नौकरी करता था। मंगलवार रात वह मोहल्ले में मौजूद था तभी उसके परिचित तीन युवक—नितिन बर्मन, विवेक वंशकार और विशेष वंशकार—ने पुरानी रंजिश को लेकर गाली-गलौज करते हुए हमला कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि तीनों ने चाकुओं से ताबड़तोड़ वार कर आदित्य की हत्या कर दी। आदित्य का पारिवारिक जीवन बेहद सामान्य था। वह मुंबई में नौकरी करता था और तीन दिन पहले ही घर लौटा था। मृतक के मामा अनुभव अग्निहोत्री ने बताया कि आदित्य और आरोपियों के बीच पुराना विवाद चल रहा था। यही विवाद उसकी जान का कारण बन गया।
चाकूबाजी की घटनाओं से दहशत
यह पहली बार नहीं है कि बारडोली नगर में चाकूबाजी से खून बहा हो। हाल ही में हुई घटनाओं में तीन युवकों की मौत हो चुकी है और एक युवक अभी भी मेडिकल कॉलेज जबलपुर में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। अभी इन वारदातों का मातम ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक और हत्या ने नगर की शांति को तोड़ दिया। इतना ही नहीं, बुधवार दोपहर एक युवा व्यापारी पर भी चाकू से जानलेवा हमला किया गया। लगातार बढ़ रही घटनाओं ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिक पूछ रहे हैं कि आखिर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? क्या पुलिस अपराधियों को खुली छूट दे रही है या सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही हो रही है? फिलहाल, पुलिस ने वारदात स्थल पर भारी बल तैनात कर दिया है और आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। लेकिन यह भी सच है कि केवल घटना के बाद की कार्रवाई नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। यह घटना केवल एक हत्या की नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है कि यदि अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में हर परिवार को असुरक्षा का बोझ ढोना पड़ेगा। इन घटनाओं ने नगरवासियों में गहरी बेचैनी और भय का माहौल पैदा कर दिया है।

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