अमरकंटक में अक्षय नवमी को मां नर्मदा दर्शन , आंवला पूजन और भ्रमण हेतु पहुंचते है श्रद्धालु ।
गिरीश राठौर
अनूपपुर (अमरकंटक)/आज बुधवार को अक्षय नवमी कार्तिक शुक्ल पक्ष मास की तिथि नवमी को आंवला नवमी , कुष्मांडा नवमी , सीताफल नवमी आदि नाम से यह पावन पर्व मनाया जाता है । अक्षय नवमी को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा किया जाता है । अक्षय नवमी को लोग तीर्थ स्थल , जंगल के अलावा अन्य जगह पिकनिक के तौर पर घर से बाहर जाते है । इसी तरह अमरकंटक में दूर दराज से लोक यहां भी पहुंचते है और नर्मदा स्नान , मां नर्मदा दर्शन , पर्यटक स्थलों का भ्रमण दर्शन करते है । आज अक्षय नवमी के मद्देनजर लोग सपरिवार , इस्तमित्रो के साथ आंवला वृक्ष के नीचे बैठ कर विधि विधान से व कई जगह अपने श्रद्धानुसार पूजन कर रक्षासूत्र बांधे और जनेऊ भी अर्पण किया , तिलक लगाकर प्रणाम किया जाता है । आंवला वृक्ष के नीचे ही भोजन प्रसाद बनाया जाता है फिर पूजन उपरांत कन्याभोज , परिवार भोज या इस्तमित्र भोज किया जाता है । इसे समय में गाय हो , बंदर हो कुत्ता , पक्षी व अन्य जीव जंतुओं सभी को अपने टीम का हिस्सा मानकर बना हुआ भोजन का प्रसाद देते है । ऐसा लोगो की मान्यता है की आंवला वृक्ष में हरि विष्णु का निवास होता है । मान्यता यह भी है की आंवला वृक्ष के नीचे जो भोजन करते है उसमे अमृत की बूंदे गिरती है जो आपके सभी रोगों से छुटकारा मिलता है ।

मनेद्रगढ़ व अनूपपुर से पधारे अग्रवाल परिवार अमरकंटक भ्रमण पर आए सपरिवार आज अक्षय नवमी को नर्मदा तट रामघाट में आंवला वृक्ष के नीचे बैठ पूजन कर अक्षत मौली चढ़ाया , आंवला के नीचे सपरिवार प्रसाद खाया साथ ही गौ माता को भी खिलाया । इसी जगह रामघाट पर १२ वर्ष तक २४ घंटे अखंठ रामायण का पाठ चला , उसके बाद भी अनेक वर्षों तक लगातार चलता रहा , वन्हा पर विराजमान माता आज भी निवास कर स्थान की देखभाल करती है व आगंतुक , परिक्रमा वासी ,तीर्थ यात्रियों की सेवा भाव करती है , आज उन्होंने ने भी खीर पूड़ी का प्रसाद काफी लोगो को आमंत्रित कर खिलाया ।
इस तरह अमरकंटक में प्रतिवर्ष बहुतायत संख्या में लोग यंहा पहुंचते है । आज भी सैकड़ों की संख्या में पर्यटक , श्रद्धालु अमरकंटक पहुंचे ।
अमरकंटक :- श्रवण उपाध्याय