वार्ड नंबर 2 में सिकुड़ कर न रह जाये धनपुरी का विकास

धनपुरी। आज नगर पालिका में बजट को लेकर बैठक होनी है, बैठक में पार्षदों के साथ ही स्थानीयजनों व व्यापारियों के भी पहुंचने की भी उम्मीद है, लगभग डेढ़ वर्ष पहले जब पालिका के बहुप्रतिक्षित चुनाव हुए तब संभाग की सबसे धनी माने जाने वाली नगर पालिका के नये परिषद से नागरिकों को बड़ी उम्मीदे थी, इधर बीते डेढ़ वर्ष से यह आरोप लगने लगे हैं कि पालिका का विकास सिर्फ वार्ड नंबर 2 के इर्द-गिर्द सिमटा जा रहा है। धनपुरी के मूल वाशिंदे और जिन वार्डाे से धनपुरी की पहचान थी, वह अपनी पहचान खोती जा रही है। आज परिषद में होने वाली बैठक में धनपुरी के प्रमुख वार्डाे में थम चुके विकास के पहिओ और वार्ड नंबर 2 को महानगर बनाने के मामले को लेकर तीखी नोक-जोख होने की उम्मीद है।
प्रतिव्यक्ति होगा लाखों का खर्च
धनपुरी के प्रतिष्ठित व्यवसायी नरोत्तम गुप्ता कहते हैं कि नई परिषद का गठन होने के बाद पूरा फोकस वार्ड नंबर 2 पर है, जबकि यह वार्ड अपने आप में समृद्ध है, पूर्व में इंडोर स्टेडियम मे पास स्वीमिंग पूल और अन्य कई योजनाएं जो वार्ड नंबर 2 में चली गई, वृह्द पार्क, स्वीमिंग पूल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स सहित तमाम कार्य वार्ड नंबर 2 में पहुंच चुके हैं, जनसंख्या के हिसाब से इस वार्ड के प्रति व्यक्ति पर 1 लाख से अधिक का खर्च परिषद ने करने की योजना बनाई है, श्री गुप्ता कहते हैं कि धनपुरी का मूल आजाद चौक, गोल बाजार, रंगमंच और इनके आस-पास के आधा दर्जन वार्ड हैं, जहां जरूरत मंदो की लंबी सूची है, इसके साथ ही सिलपरी और सिद्धबाबा के बीच दर्जनों एकड़ शासकीय भूमि है, इस तरफ शहर का विकास हो सकता है, आजाद चौक के कायाकल्प, सडक़ चौड़ीकरण, डिवाइडर और स्ट्रीट लाईट, बस अड्डा तथा बाजार विकास की योजनाएं पक्ष और विपक्ष दोनों के ही नेता भूल चुके हैं, जिससे धनपुरी-धनपुरी न रहकर बुढ़ार के इर्द-गिर्द सिमटता जा रहा है।
करोड़ो का बजट-अधूरा विकास शासन द्वारा चुंगी कर और अन्य मदों से करोड़ो रूपये प्रतिवर्ष यहां भेजे जाते हैं, इससे कहीं अधिक कोल इंडिया से मिलने वाला वह कर है, जो धनपुरी को नया आयाम दे सकता था, खुद के करोड़ों की आय वाली नगर पालिका आज वाशिंदो को एक अच्छा पार्क, पुस्तकालय, बस स्टैण्ड, मनोरंजन गृह आदि उपलब्ध नहीं करा पाई। सिलपरी मार्ग पर कचरा फेंकने के लिए करोड़ों का पुलिया निर्माण करने की जगह पालिका व इनडोर के समीप पुलिया निर्माण से शहर को विकास की गति मिल सकती थी, वार्ड नंबर 2 के साथ ही धनपुरी के मूल वार्ड और अमराडंडी के वार्डाे को विकास की नितांत आवश्यकता है, लेकिन नई परिषद में भी पक्ष और विपक्ष मूकबधिर बनकर बजट के इर्द-गिर्द ठेकेदार बन चुका है, जिस कारण करोड़ों की आय होने के बाद भी धनपुरी विकास से कोसो दूर हैं।