धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती कल: कंचनपुर में होगा भव्य जिला स्तरीय कार्यक्रम,सांसद रहेंगी मुख्य अतिथि

0
शहडोल | धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के समापन वर्ष पर कल कन्या शिक्षा परिसर कंचनपुर में जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह शामिल होंगी।
कार्यक्रम में विधायक जयसिंह मरावी, विधायक मनीषा सिंह, विधायक शरद कोल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रभा मिश्रा, जिला योजना समिति सदस्य अमिता चपरा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष फूलमती सिंह और जनपद अध्यक्ष हीरावती कोल विशिष्ट अतिथि होंगे।
पूजन-अर्चन, कन्या पूजन से होगा शुभारंभ
भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पूजन-अर्चन एवं कन्या पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद जनजातीय संस्कृति पर आधारित आकर्षक लोकनृत्य प्रस्तुतियां होंगी।
पीएम जनमन व धरती आबा योजनांतर्गत भवनों का लोकार्पण
कार्यक्रम में पीएम जनमन एवं धरती आबा योजना के तहत बने बहुउद्देश्यीय भवन, आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण तथा स्कूल व छात्रावास भवनों का भूमि पूजन भी किया जाएगा। साथ ही मेधावी छात्र-छात्राओं और आदि कर्मयोगी अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोक सेवकों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी और स्टॉल भी लगाए जाएंगे।
पीएम व सीएम के उद्बोधन का लाइव प्रसारण
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जबलपुर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्बोधन का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।जिले की सभी जनपद और ग्राम पंचायतों में भी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखने-सुनने की व्यवस्था की गई है।
1 से 15 नवंबर तक चली गतिविधियों की कलेक्टर ने दी जानकारी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार 1 से 15 नवंबर तक जिले में विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की गईं  चित्रकला, निबंध, भाषण, क्विज, लोकगीत-नृत्य, शिल्पकला प्रदर्शन, रंगोली, मेहंदी जैसी गतिविधियों में बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया।
12 से 14 नवंबर तक तीनों विधानसभा क्षेत्रों में जनजातीय गौरव यात्रा निकाली गई, जिसका ग्रामों में कलश व लोकनृत्य के साथ स्वागत हुआ। स्थानीय सभाओं में जनजातीय नायकों के त्याग व बलिदान की गाथाएं भी सुनाई गईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed