“जमीन पर विवाद, ट्रक पर वार, पुलिस लाचार”
सूरज श्रीवास्तव
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जमीनी विवाद पर दो पक्षों ने थाने में दिखाया दम, कबाड़ माफियाओं की हरकतों से पुलिस की साख पर उठे सवाल
शहडोल।
जिले के सिंहपुर और सोहागपुर थाना क्षेत्रों में बीते दिन सामने आए दो अलग-अलग मामलों ने कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सिंहपुर: थाना परिसर में हंगामा और गाली-गलौज
सिंहपुर थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद ने उग्र रूप ले लिया। दो पक्ष पहले बस्ती में झगड़ते रहे और बाद में थाने में पहुंचकर जमकर गाली-गलौज और धमकियां दीं। यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ। वायरल वीडियो में थाना प्रभारी निरीह खड़े नजर आए जबकि दोनों पक्ष पुलिस और प्रशासन पर भी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, यह विवाद कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जमीनी मसले को लेकर हुआ। मौके पर मौजूद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन घटना ने पुलिस की छवि को सवालों के घेरे में ला दिया है।
सोहागपुर: ट्रक कटवा रहे कबाड़ माफिया
सोहागपुर थाना क्षेत्र में कबाड़ माफिया के इरादे पुलिस ने नाकाम कर दिए। मुन्ना सोनी और शंभूनाथ मिश्रा नामक व्यक्तियों पर आरोप है कि उन्होंने चोरी किए गए 12-चक्का ट्रक को टुकड़ों में कटवाकर बेचने की साजिश रची।
यह ट्रक अमलाई थाना क्षेत्र से चोरी हुआ था। समय पर शिकायत मिलने पर पुलिस ने अधकटे ट्रक को जब्त कर लिया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने खुलासा किया है कि जिले में कबाड़ माफिया बड़े पैमाने पर वाहनों को चोरी कर काटकर जबलपुर और रायपुर की मंडियों में बेच रहे हैं।
जमीनी विवाद का कारण और एफआईआर का विवरण
सिंहपुर निवासी अमरेन्द्र तिवारी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके घर पर निर्माण कार्य संबंधी कार्रवाई के दौरान पांडेय परिवार के सदस्यों ने गाली-गलौज और लाठी-डंडों से हमला किया। मारपीट के इस घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। पुलिस ने अमरेन्द्र की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस की छवि पर सवाल
सिंहपुर थाने की घटना और सोहागपुर में कबाड़ माफियाओं के कारनामों ने पुलिस की साख पर गंभीर चोट पहुंचाई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस की लाचारी साफ देखी जा सकती है। जिले में लगातार बढ़ते ऐसे मामलों से कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लाजिमी हैं।
शहडोल जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को अपनी कार्यशैली पर पुनर्विचार करना होगा। अपराधियों के बढ़ते हौसले और पुलिस की कमजोर पकड़ ने आम जनता को असुरक्षा का एहसास कराया है।