गुणवत्तायुक्त कार्य के लिए ठेकेदार को 30 दिन का समय नही दिला पाया जिला प्रशासन

Shrisitaram Patel-9977922638
गुणवत्तायुक्त कार्य के लिए ठेकेदार को 30 दिन का समय नही दिला पाया जिला प्रशासन
ओपीएम प्रबंधन के आगे नतमस्तक हुआ लोक निर्माण विभाग (पुल) निर्माण
निर्माण स्थल तक पहुंचा नदी का पानी, सेटरिंग दबने से हो पुल हो सकता है खराब
ठेकेदार के पत्रों का नही हुआ निदान, आज भी बंद है ओपीएम डेम के गेट
ओपीएम प्रबंधन के आगे नतमस्तक जिला प्रशासन
सोन नदी में निर्माणाधीन पुल गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए ठेकेदार ने लोक निर्माण विभाग (पुल) निर्माण, संभाग रीवा व शहडोल को पत्र लिखकर 30 दिन के लिए समय मांगा था, तांकि ओरिएंटल पेपर मिल्स लिमिटेड (ओपीएम) के डेम का गेट खुले और पानी नदी में कम हो, जिससे वह पुल का निर्माण कर सके, लेकिन किसी ने नही सुनी, जिससे ठेकेदार मिट्टी की परत चढाकर सेटरिंग का उपयोग कर रहा है जो कभी भी दब सकता है।
अनूपपुर। जिले की विकास में जिला प्रशासन का योगदान महज औपचारिकता के लिए दिखाई पडती है, राजनीतिक मंचो से योजनाओं का झुनझुना पकडाने व नेताओं के साथ आगे-पीछे चलने का प्रावधान ढंढने के बाद अब जिम्मेदार अधिकारी मौन साधना में नजर आ रहे है। तभी तो अम्फाह इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा लोक निर्माण विभाग (पुल) निर्माण को कई बार पत्र लिखने के बाद भी निराकरण नही किया गया। कुल मिलाकर जिला प्रशासन गुणवत्तायुक्त निर्माण में ठेकेदार का साथ नही देना चाहती, तभी तो 30 दिन का समय निर्माण के लिए नही दिया गया और ओपीएम के डेम का गेट नही खुला। जिससे प्रतीत होता है कि प्रशासन ओपीएम प्रबंधन के आगे नतमस्तक हो चुकी है।
एसडीओ है लापरवाह
लोक निर्माण विभाग (पुल) निर्माण, संभाग शहडोल के एसडीओ डी.एस. मरकाम शुरू से लापरवाह रहे है। इनके कार्यो और निरीक्षण में कमीशन की झलकिया बनी रहती है, किसी कार्य में गुणवत्ता प्रदान करने के लिए किस स्तर का कार्य निष्पदान करना चाहिए इनके समझ के परे है, यही कारण है कि ठेकेदार कई बार पत्र के माध्यम से अवगत कराया, परंतु इनके द्वारा कोई निराकरण नही किया गया, जिसके फलस्वरूप ठेकेदार के द्वारा रेत में मिट्टी की परत डालकर सेटरिंग लगा दिया और स्लैब ढालने का कार्य प्रारंभ कर दिया।
दब सकता है पुल
ओरिएंटल पेपर मिल्स लिमिटेड (ओपीएम) द्वारा अपने स्थायी बांध के सभी दरवाजे बंद किये हुए है, जिसके कारण बाबाकुटी से बकेली रोड पर सोन नदी पर निर्माणाधीन सबमर्सिबल पुल के नीचे पानी भराव की मात्रा ज्यादा हो गई है, पानी का भराव सेटरिंग तक पहुंच गया, लेकिन मजबूरी में ठेकेदार द्वारा मिट्टी से पानी को रोककर कार्य कर रहा है, अगर ओपीएम के द्वारा गेट जल्द ही नही खोला गया तो कभी भी पुल सेटरिंग सहित नीचे दब जायेगा और टूटने की संभावना बढ जायेगी।
होना चाहिए 21 दिन का समय
पुल निर्माण के दौरान ढलने वाला स्लैब या छत को कम से कम 21 दिन का समय पूर्ण होने में लगाता है, इसके पहले अगर सेटरिंग आगे-पीछे या ऊपर नीचे हुआ तो कई जगहों से पुल दरारे नजर आने लगेगी। ग्रामीणों व आगवामन में शामिल साधनों को गुजरने में दुर्घटनाओं का सामना करना पडेगा। पुल गुणवत्तायुक्त निर्मित हो एवं सुदृढ तरीके से निर्मित हो जिसके लिए प्रतिष्ठित राज एक्सप्रेस ने 3 दिसंबर के अंक में शीर्षक ‘ब्रिज निर्माण में फिर बाधा बना ओपीएम’ के नाम से खबर का प्रकाशन किया था, उसके बावजूद भी जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों ने इसकी सुध नही, अगर आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो निश्चित ही ग्रामीणों व राहगीरों को इसका परिणाम भुगतना पडेगा।
ठेकेदार को नही मिला 30 दिन
ठेकेदार के द्वारा कई बार पत्र लिखकर महज 30 दिन का समय मांगा गया, तांकि स्लैब का कार्य पूर्ण रूप से निर्मित कर दिया जाये। लेकिन ओरिएंटल पेपर मिल्स लिमिटेड (ओपीएम) द्वारा उन्हे एक माह का समय भी नही दिया गया। जबकि उन्होने पत्र लिखते हुए बताया 6 से 8 मीटर ऊंचा कोफर बांध निर्माण के कारण अपस्ट्रीम में जल स्तर में वृद्धि हुई है। अब उन्होंने बांध के सभी दरवाजे बंद कर दिए और जल स्तर फिर से बढऩे लगा। ठेकेदार ने बताया कि हमारी पिछली दो स्लैब की शेटरिंग चल रही है, जिसके लिए हमने मिट्टी भराई की थी, अगर फिर से पानी भर गया तो शेटरिंग के गिरने की संभावना हो सकती है, लेकिन ओपीएम अपने मनमानी रवैया पर आज भी चल रहा है।
इनका कहना है
ओपीएम प्रबंधन से हमारी बात चल रही है, थोडा समय तो लगता ही है, जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा।
डी.एस. मरकाम, एसडीओ
लोक निर्माण विभाग (पुल) निर्माण, संभाग शहडोल