जिले की मातृ मृत्यु दर मे कमी लाने जिला प्रशासन का प्रयास जिला चिकित्सालय मे बनाये गये हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के बर्थ वेटिंग रूम मे हर दिन पहुंचेंगे कलेक्टर कलेक्टर की अपील जच्चा -बच्चा की जिंदगी अनमोल डॉक्टर की सलाह पर प्रसूता को अस्पताल में अवश्य भर्ती कराये
जिले की मातृ मृत्यु दर मे कमी लाने जिला प्रशासन का प्रयास
जिला चिकित्सालय मे बनाये गये हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के बर्थ वेटिंग रूम मे हर दिन पहुंचेंगे कलेक्टर
कलेक्टर की अपील जच्चा -बच्चा की जिंदगी अनमोल डॉक्टर की सलाह पर प्रसूता को अस्पताल में अवश्य भर्ती कराये
कतनी।। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कर जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के प्रति कलेक्टर अवि प्रसाद ने कार्ययोजना आधारित रणनीति बनाकर ठोस और गंभीर प्रयास की पहल की है। इसके तहत हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव हेतु प्रसव की संभावित तिथि के 4 से 7 दिन पूर्व ही जिला चिकित्सालय और सिविल अस्पताल विजयराघवगढ़ में बनाये गये अत्याधुनिक बर्थ वेटिंग रूम में भर्ती कर उपचार किया जायेगा और जरूरत के अनुसार प्रसूता को खून भी चढ़ाया जायेगा। कलेक्टर अवि प्रसाद ने जिला चिकित्सालय में बने 10 बिस्तरीय बर्थ वेटिंग रूम में भर्ती होने वाली उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव हेतु किये जाने वाले उपचार और व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अब वे स्वयं हर दिन जिला चिकित्सालय जायेंगे और हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के बर्थ वेटिंग रूम पहुंचेंगे। कलेक्टर श्री प्रसाद गुरूवार को जिला चिकित्सालय पहुंचकर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के बर्थ वेटिंग रूम मे उपचाररत 4 प्रसूताओं से चर्चा कर उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को बताया गया कि यहां भर्ती दो एनेमिक गर्भवती महिलाओं को खून चढ़ाया गया है। कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय में विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी, सीएमएचओ, और सिविल सर्जन सहित सभी वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों से मातृमृत्यु दर में कमी लाने के लिए सुझाव मांगा। चिकित्सकों से प्राप्त अच्छे सुझावों की कलेक्टर ने सराहना की और इन पर त्वरित अमल के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने गर्भवती महिलाओं के परिवारजनों से अपील की है कि डॉक्टर्स और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविर में चिन्हित अपने परिवार की हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञों की परामर्श के अनुसार अस्पताल में भर्ती कराने में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करें। प्रशासन के लिए जच्चा और बच्चा दोनों की जिंदगी अमूल्य है। इसलिए डॉक्टर्स की सलाह माने और अमल करें, इससे हाई रिस्क मामलों में बेहतर इलाज से जिंदगी बचाई जा सकती है। इसलिए जिंदगी बचाने के नेक अभियान में सहभागी बने।
बढ़ायें स्वास्थ्य शिविरों की संख्या
स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर माह की 9 एवं 25 तारीख को विकासखंड स्तर पर आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविरों की संख्या बढायें। यहां चिन्हित होने वाली हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव हेतु एएनएम की देखभाल में आशा कार्यकर्ता के साथ 108 एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय या सिविल अस्पताल विजयराघवगढ़ के बर्थ वेटिंग रूम में भर्ती कराये।
विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ मोहंती ने बताया कि हाईरिस्क गर्भवती महिलाओ को केवल उपचार मिलने से ही वे शत- प्रतिशत जोखिम मुक्त नहीं हो जाती। बल्कि कई काम्प्लीकेशन्स आते है जिससे प्रसूता की जान तक जा सकती है। इसलिए संस्थागत प्रसव करायें उन्होंने बताया कि हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं मे खून की कमी, प्रसव के पुराने सिजेरियन आपरेशन, गर्भवती महिला का कम हाईट का होना, पीलियाग्रस्त होना, उच्चरक्तचाप की समस्या होना मुख्य है जिसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख जरूरी है।