शहडोल रेलवे स्टेशन का डीआरएम ने किया निरीक्षण
समस्याओं के निराकरण के लिये रेलवे मजदूर कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
शहडोल। बिलासपुर मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय एक दिवसीय दौरे पर 30 नवंबर शहडोल पहुंचे, बिलासपुर से शहडोल तक विशेष ट्रेन विंडो से निरीक्षण करते हुए आगमन हुआ, निरीक्षण के दौरान कैरिज विभाग शहडोल के कर्मचारी की कार्य के दौरान अमलाई स्टेशन में हार्ट अटेक से मृत्यु होने की सूचना मिलते ही अमलाई पहुंच कर संवेदना व्यक्त किया, मृतक कर्मचारी परिवार को तत्काल मदद करने का निर्देश दिया। लगभग 10 बजे सुबह शहडोल वापस आकर सभी विभागों की समीक्षा बैठक कर उचित दिशा-निर्देश जारी किया गया।रेलवे मजदूर कांग्रेस शाखा द्वारा ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि रेलवे हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी दूर करने एवं अन्य सुविधाएं बढ़ाने की मांग की गई, रेलवे कर्मचारियों का बिजली किराया मासिक बिल रीडिंग करने की मांग की गई, रेलवे कॉलोनी के खराब सडक़ पानी के समस्याओं को दूर करने, रेलवे आवासों में पोताई रंगाई काम तत्काल करने, रेलवे कॉलोनी की सफाई व्यवस्था हेतु नई व्यवस्था चालू कर ट्रैक्टर प्रतिदिन संचालित करने, रेलवे खेले मैदान में तत्काल स्टेट ड्रेस चेंजिंग रूम बनाने, शहडोल रेलवे टीटी स्टाफ के कर्मचारियों के वर्तमान रोस्टर के कारण टीटी स्टाफ को 3 दिन के बाद हेड क्वार्टर आने पर मजदूर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज की जिस पर मंडल रेल प्रबंधक में तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी किया, बैकुंठपुर, बिजुरी, शहडोल, अनूपपुर, कोतमा मौहरी, उमरिया रेल कॉलोनी के खस्ताहाल सडक़ों को तत्काल बनाने का मांग उठाई गई, महिला रेल कर्मचारियों के लिए है हर कार्यालय में महिला टॉयलेट बनाने, ट्रैकमेंटेनर स्टाफ के लिए स्टोर टूल बॉक्स बनाने, रेलवे कॉलोनी के आवासों की खिडक़ी दरवाजे एवं मरम्मत के कार्य कराने, रनिंग स्टाफ के लिए साइकिल स्टैंड का विस्तार करना या बनाने, कमर्शियल विभाग के पार्सल कर्मचारियों के 8 घंटा रोस्टर की मांग उठाई ट्रेन लाइटिंग व लोकों मेंटेंनेंस स्टाफ के लिए कार्यालय की नवीनीकरण की मांग उठाई गई, साथ ही अन्य कई महत्वपूर्ण मांगों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।एकल मान्यता प्राप्त संगठन रेलवे मजदूर कांग्रेस शाखा शहडोल के प्रतिनिधियों ने संयुक्त महामंत्री एवं सीआईसी प्रभारी लक्ष्मण राव एवं शाखा शहडोल के सचिव बालकृष्ण बंगारी के नेतृत्व में शाखा पदाधिकारी अध्यक्ष सी. एन. सिंह, एच. आर. शर्मा, दीपक बाक्ची, अनुप सोनटके, राममिलन यादव, अनील सिंह, सन्टू कुमार आदि के मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर को रेलवे कर्मचारी एवं रेलवे कालोनी के समस्या निराकरण हेतु 16 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया, डीआरएम बिलासपुर रेलवे मजदूर कांग्रेस के ज्ञापन तत्काल बिंदुबार चर्चा कर निराकरण का आदेश दिया। रेल प्रबंधक ने रेलवे स्टेशन में एक-एक कार्यालय एवं कालोनी में जाकर निरीक्षण किया, जहां कमी दिखी उसको लेकर मौके पर ही संबंधित विभागों के अधिकारियों की क्लास ली और चेतावनी देते हुए कहा कि सुविधाओं को ठीक करें। आपका काम ही यही है कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखें। अमलाई से आने के बाद सभी विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर दिशा निर्देश जारी किया गया। डीआरएम के आने के कारण स्टेशन परिसर स्वच्छ रहा।
डीआरएम ने पत्रकारों से कहा कि उपयोगिता के अनुसार हम सुविधाओं को ठीक कर रहे है। यात्री ट्रेनों से तीन गुना गुड्स ट्रेन चलती है और इनको निकालना जरुरी है, क्योंकि इस क्षेत्र में इनसे कोयला निकलता है। यहां अर्थव्यवस्था भी इस पर निर्भर है, तीसरी लाइन पर काम कर रहे हैं, काफी काम भी हो गया है। डीआरएम ने कहा कि दुर्घटनाएं कम हो और सुरक्षा बनी रहे इसकों ध्यान में रखकर काम करते हैं। ऐसे में कई बार यात्री गाडिय़ा लेट हो जाती हैं। आज से एक साल बाद यह स्थिति होगी कि और गुड्स ट्रेन या मेल ट्रेने चलेंगी और समय से चलेंगी। चीजे बन रही है, समय लगेगा। आवासों को मैं देखूंगा और जहां समस्या होगी सुधार किया जाएगा। शहडोल स्टेशन में लिफ्ट लगाने का प्रस्ताव बनाया है, जल्दी लगाने की तैयारी है। कोच शेड सहित अन्य सुविधाओं पर भी काम किया जाएगा। यहां जो भी समस्याएं हैं, उनको देखूंगा और बेहतर किया जाएगा।
आल इंडिया गार्डस काउसिंल के शाखा सचिव विनोद यादव के नेतृत्व में भी डीआरएम को तीन सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि शहडोल परिचालकों का लाइन बाक्स तीन वर्ष से बंद हैं। लगातार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी चालू नहीं किया जा रहा है। सुरक्षा के हिसाब से बाक्स चालू करना आवश्यक हैं। मांग की गई कि इस व्यवस्था को शीघ्र चालू कराया जाये, इसी तरह न्यू कटनी जंक्शन हेड क्वाटर में शहडोल के परिचालकों का विश्राम पूरा होने के बावजूद भी दिन के समय ड्यूटी या ओटी नहीं दिया जा रहा है। मांग की गई कि जैसे ही गार्ड का विश्राम पूरा हो जाय तो उसके बाद उनकी ड्यूटी लगाई जाये। इसके साथ ही ट्रेन में कार्य के दौरान वाकी-टाकी की उपलब्ध कराया जाए। अभी तक 40 से 50 प्रतिशत शहडोल चालक व परिचालक के पास वाकी-टाकी नहीं हैं।