कोविड-19 महामारी के कारण उनको नहीं मिल रही हैं आवश्यक जरूरी दवाएं मेडिकल संचालक भी हो रहे परेशान

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कोविड-19 महामारी के कारण उनको नहीं मिल रही हैं आवश्यक जरूरी दवाएं मेडिकल संचालक भी हो रहे परेशान

कटनी ॥ विश्व रूपी महामारी से कोई भी देश अछूता नहीं है अब इसकी चपेट में कटनी रिटेल मेडिकल एसोसिएशन भी आ चुका है! आज सुभाष चौक में संस्था के सभी सदस्यों ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया जिसमें कुछ महत्वपूर्ण समस्या जैसे आम लोगों को जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध ना होने के कारण हो रही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है! इन तमाम समस्याओं को लेकर पक्ष प्रशासन के सामने रखा है प्रशासन से समस्या को हल करने की गुहार कटनी रिटेल मेडिकल एसोसिएशन ने ही है! दवा बाजार कई दिनों से 95 फीसदी बंद है. इसकी खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है, जिसे समय पर दवाइयां नहीं मिल रही है.

कोरोना के कारण अन्य बीमारियों की दवा नहीं मिलने में लोगों को परेशानी
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में हर रोज इजाफा देखने को मिल रहा है. कोरोना संकट के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कई गतिविधियों पर ब्रेक लगा हुआ है. हालांकि जरूरी वस्तुओं और दवाइयों के साथ ही मेडिकल सुविधाएं जारी हैं. लेकिन इसके बावजूद अन्य बीमारियों की दवाइयों के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है, जिससे समय पर दवाइयां नहीं मिल रही हैं. व्यापारियों का कहना है कि कई जरूरी दवाइयों की कंपनियों से सप्लाई नहीं आ रही है और डिमांड ज्यादा होने से दिक्कतें आ रही हैं. वहीं अन्य सोर्स के माध्यम से दवाइयों के दुगुने तिग्ने दाम मरीजों से वसूले जा रहे हैं! कटनी रिटेल मेडिकल एसोसिएशन के सचिव बोनी जसवानी ने बताया कि केमिस्ट परिवार निरंतर लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है लेकिन अब उनके सामने भी समस्याएं खड़ी हो रही हैं जरूरी और आवश्यक दवाएं देने में भी मजबूरी का सामना करना पड़ रहा है!
हाई कोर्ट की अधिवक्ता डॉली सोनी ने बताया कि वह निरंतर 4 दिनों से फेवी फ्लू दवाई के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स पर भटक रही हैं परंतु किसी भी मेडिकल स्टोर में वह उनको जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं वहीं सोर्स के माध्यम से कई मेडिकल स्टोर संचालक उन्हें दवा ₹5000 में उपलब्ध कराने का दावा भी कर रहे हैं! अपने बहन के लिए दवाई लेने के लिए भटक रही ! 10-12 दुकानें भटक चुकी हूं. लेकिन दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं. कई दवाई दुकान वाले दवाई का पर्चा देखे बिना दवाई होने से मना कर देते हैं.! पिछले कुछ दिनों में, सोशल मीडिया ऐसी गुज़ारिशों से भर गया है जिनमें लोग कुछ जीवनरक्षक दवाओं के बंदोबस्त में सहायता माँग रहे हैं.पर स्थिति वाक़ई इतनी ख़राब है की दवाओं का बंदोबस्त नहीं कर पा रहा. हालांकि इस बात को मानना होगा कि सिस्टम में लीक है.!


 

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