खोदी गई नालियां बन रहीं ‘मौत का जाल’, जेल रोड पर फिर फंसी पिकअप,बड़ा हादसा टला
(अनिल तिवारी)शहडोल। शहर में पाइपलाइन और सीवर लाइन बिछाने के नाम पर खोदी गई नालियां अब लोगों के लिए भारी मुसीबत का सबब बनती जा रही हैं। निर्माण कार्य के बाद नियमानुसार की जाने वाली भराई और पैकिंग ठीक से न होने के कारण सड़कों पर मिट्टी धंसी हुई है, जिससे आए दिन वाहन फंस रहे हैं और दुर्घटनाएं हो रही हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब यह समस्या केवल असुविधा नहीं, बल्कि किसी बड़े हादसे की आहट बनती जा रही है।
बीते दिनों जेल रोड पर शिव हार्डवेयर के ठीक सामने तेरह पर रावतपुर नर्सिंग कॉलेज की बस गड्ढे में फंस गई थी। बस में छात्र-छात्राएं भी सवार थीं। गनीमत रही कि समय रहते बस को बाहर निकाल लिया गया और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इस घटना के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई जमीन पर नजर नहीं आई। रविवार को एक बार फिर उसी इलाके में सामान से लदी एक पिकअप वाहन गड्ढे में धंस गई, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग गया। काफी मशक्कत के बाद वाहन को बाहर निकाला जा सका। इस घटना में भी किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन लगातार दोहराई जा रही ऐसी घटनाएं व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पाइपलाइन बिछाने के बाद केवल मिट्टी डालकर औपचारिकता निभा दी जाती है। रोलर से दबाव देकर सड़कों को मजबूत नहीं किया जा रहा, जिससे कुछ ही दिनों में सड़क धंस जाती है। दिन में तो किसी तरह गड्ढे दिखाई दे जाते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में यही गड्ढे जानलेवा साबित हो सकते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों, ऑटो और भारी वाहनों को हो रही है।
नागरिकों का यह भी कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद न तो नगर पालिका गंभीरता दिखा रही है और न ही संबंधित ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई हो रही है। यातायात पुलिस भी केवल जाम हटवाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेती है, लेकिन समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में अब तक कोई प्रयास नहीं दिख रहा।
इधर शहरवासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों ने नगर पालिका प्रशासन, जिला प्रशासन और यातायात पुलिस से मांग की है कि सड़कों की तत्काल मरम्मत कराई जाए, नालियों की वैज्ञानिक ढंग से भराई की जाए और लापरवाह ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई हो। नागरिकों का साफ कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में कोई बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता।