भारतीय संविधान में सभी को सामान अधिकार : कमिश्नर

सेंट्रल एकेडमी स्कूल मऊ में हुआ संविधान जागरूकता कार्यक्रम
शहडोल। कमिश्नर राजीव शर्मा ने कहा कि है कि हमारा संविधान हमारी संस्कृति से उपजा है, भारतीय संस्कृति से
उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने संविधान की मूल प्रत्यासा देखी है, जिन महान चित्रकारों ने संविधान की सुंदर
पुस्तक का चित्र बनाया है वो राम, बाल्मीक, कबीर, तुलसी, साम्राट अशोक के आदर्शों को नहीं भूले। भारतीय संस्कृति
का जो मूल आधार है वह सबके सब हमारे संविधान की नींव में है। उन्होंने कहा है कि 15 अगस्त को आजादी जरूर
मिली किन्तु हम 25 जनवरी 1950 तक स्वंतत्र नही थें, ब्रिटेन का बैठाया आदमी हमारा वायसराय था। 26 जनवरी
1950 को हमारा संविधान लागू हुआ तक जाकर स्वराज प्रारंभ हुआ। कमिश्नर ने कहा कि अच्छे संविधान के कारण
आज हम दुनिया की 5वीं बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने सभी को सामान अधिकार दिये है, सभी
को मताधिकार प्राप्त है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हमारा संविधान हमारे आदर्शों से पैदा है, हमारी संस्कृ्ति से
उपजा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान 1949 में और 1950 में लागू हुआ किन्तु इसके बहुत पहले हमारे
ऋषि-मुनियों ने अपने तरीके से जीवन पद्धति बनाया था। कमिश्नर राजीव शर्मा ने गुरूवार को सेंट्रल एकेडमी स्कूल
मऊ में आयोजित संविधान जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थें।
कमिश्नर ने कहा कि भारत का संविधान केवल अधिकारियों, राजनेताओं के लिये नही है, भारत का संविधान सभी के
लिये है जिसको सामान अधिकार दिये गये है और जिसमें गलत को गलत कहने का अधिकार भी दिया गया है।
कमिश्नर ने कहा है कि संविधान जिस देश में किताब में सो जाता है, वहां जनतादार बन जाती है, हमें संविधान के
प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है, अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा
कि हमारे लिये यह आवश्यक है कि सेवाओं में आने से पहले संविधान के बरीकियों को समझना चाहिए। उन्होंने
विद्यार्थियों को समझाइश देते हुए कहा कि वह संविधान के संबंध में जानकारी रखें, प्रशासनिक सेवा परीक्षा के लिये
जो विद्यार्थी तैयारी कर रहें है उनके सिलेबस में है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एडीजी दिनेश चंद्र सागर ने कहा कि विद्यार्थियों को अनुशासित होकर शिक्षा ग्रहण
करना चाहिए, दुव्र्योसनों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल अवधारणा को छात्र-छात्राओं एवं
युवाओं तक पहुंचाना अच्छी पहल है, स्कूल द्वारा अच्छे, विषय पर संगोष्ठीं आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि
सभी छात्र-छात्राएं संविधान को पढ़े तथा संविधान की अवधारणा में उन्हेें क्या अधिकार दिये गये है और उनके क्या
दायित्व और कर्तव्य हैं इस पर मनन करें और देश और प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। संगोष्ठी
को संतोष उपाध्याय, रवि मिश्रा, विमल यादव सहित अन्य लोगों ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर बड़ी संख्या में
छात्र-छात्राएं उपस्थित थें।