सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले पकड़ाया फर्जी कालरी कर्मचारी

0

असली कर्मचारी ने ब्लैकमेल कर वसूले थे लाखों रुपए
लालच ने दोनो को अंत में हवालात का रास्ता दिखाया

शहडोल। जिले में धोखाधड़ी के अपराध पर एक ही नाम के दो व्यक्तियों को पुलिस ने दबोच कर एक रोचक किंतु गंभीर मामले का पर्दाफाश किया है। दोनो ही एसईसीएल सोहागपुर कालरी के कर्मचारी हैं। दोनो एक ही नाम से एक ही जगह वर्षोँ से नौकरी करते रहे और झांसा देकर भारी भरकम वेतन भी उठाते रहे। धरपकड़ के बाद चारो ओर बबोला चौधरी नाम की चर्चा छिड़ी हुई है। एक बबोला असली है जबकि इसी नाम का दूसरा कर्मचारी फर्जी है जो असली बबोला के नाम पर नौकरी कर रहा था। मजे की बात यह है कि फर्जी वाला बबोला 31 दिसंबर को रिटायर होने वाला था। लेकिन एक दिन पहले पकड़ लिया गया। हैरानी की बात यह है कि कालरी प्रबंधतंत्र ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। लेेकिन प्रबंधतंत्र की इस लापरवाही और खामोशी को असली वाले ने भुनाया। वह फर्जी बबोला को पकड़वा देने की धमकी देकर उससे लम्बी रकम ऐंठता रहा। इसी लालच के चलते दोनो हवालात पहुंच गए।
ऐसे करता था ब्लैकमेल
असल बबोला चौधरी यह जानता था कि फर्जी व्यक्ति उसके नाम का उपयोग कर एस.ई.सी.एल. की दामिनी कॉलरी में ड्रायवर की नौकरी कर रहा है। उसे धमकाने और नौकरी से निकलवाने का डर दिखा कर उससे पैसों की मांग करता रहा है और पैसों की पूर्ति हो जाने पर शिकायत पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं चाहने का शपथ पत्र प्रस्तुत कर देता था और कार्रवाई बंद कर दी जाती थी। यह खेल काफी दिनों तक चलता रहा। फर्जी बबोला चौधरी से प्रांरभिक पूछताछ में उसके द्वारा स्वयं को उड़ीसा के मलाजखण्ड का मूल निवासी होना ज्ञात हुआ है जिससे पूछताछ की जा रही है।
लालच ने मारा
असल बबोला चौधरी द्वारा तीन बार शिकायत पत्र प्रस्तुत कर ऐसा ही शपथ पत्र स्वयं के आर्थिक लाभ उपरांत दे दिया था। हाल ही में उसके द्वारा पुलिस अधीक्षक अनुपपूर को भी आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया जहां अनुविभागीय अधिकारी भालूमाडा के समक्ष दिये गये कथनों में उसके द्वारा स्वीकार किया गया कि, फर्जी बबोला चौधरी के 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने पर उसे 10 लाख की राशि मिलना थी, जिसके लिए उसने फर्जी बबोला चौधरी से सम्पर्क किया गया। जो उसके द्वारा पूर्व में लगभग 14 लाख रूपये की राशि देने की बात बोल कर सेवानिवृत्ति पर कोई राशि नहीं देने की बात कही। इसी बात से खफा होकर बबोला चौधरी द्वारा पुन: शिकायत की गई जिसकी बारीकी से जांच किये जाने पर असल आदमी के नाम पर फर्जी व्यक्ति द्वारा नौकरी करना पाया जाने से आवेदक बबोला चौधरी एवं अनावेदक बबोला चौधरी दोनो के विरूद्व धारा 419,420,467, 468,471 भादवि का अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में दोनो आरोपियों को गिरफतार किया जाकर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
शिकायत के बाद हो गई कार्रवाई
बताया गया कि बबोला चौधरी पिता स्व. रामशरण चौधरी निवासी ग्राम मझौली जिला अनुपपुर के द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन शहडोल को एक लेखी शिकायत प्रस्तुत कर स्वयं के नाम का उपयोग कर एस.ई.सी.एल. में नौकरी करने वाले फर्जी बबोला चौधरी के विरूद्व कार्यवाही किये जाने के लिये अनुरोध किया गया था। प्राप्त शिकायत को प्रभावी तौर पर जांच किये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा थाना प्रभारी खैरहा दिलीप सिंह एवं सायबर सेल प्रभारी सहायक उप निरीक्षक (अ) अमित दीक्षित को विशेष रूप से ध्यान देने एवं सूक्ष्मता से जांच कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। थाना खैरहा को प्रेषित उक्त शिकायती आवेदन पत्र की जांच के दौरान एस.ईसी.एल के अन्तर्गत दामिनी बंकर खदान में कार्यरत कर्मचारी बबोला चौधरी के बारे में जानकारी एसईसीएल से प्राप्त करते उसके द्वारा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजो की सत्यापित प्रतिया प्राप्त हुई जिनके प्रथम दृष्टिया अवलोकन से ही प्रस्तुत किये गये दस्तावेजो का कूटरचित होना पाया गया।
इन दस्तावेजों की भी जांच हुई
कार्यालय तहसीलदार सोहागपुर जिला शहडोल के कार्यालय से जारी फोटो चस्पायुक्त निवास प्रमाण पत्र जिसमें स्वयं को ग्राम बोडरी तहसील सोहागपुर में पुश्तैनी निवासरत होना लेख किया गया है, नायब तहसीलदार सोहागपुर के द्वारा जारी चमार जाति का होकर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र, शिव मन्दिर हाई स्कूल विवेक नगर से कक्षा 9 वीं की परीक्षा उत्र्तीण करने की सत्यापित अंकसूची एवं  कार्यालय ग्राम पंचायत निमहा जिला शहडोल के प्रमाण पत्र में बबोला चौधरी को अनपढ़ होना प्रमाणित किया गया था। जांच के दौरान आवेदक बबोला चौधरी से जानकारी प्राप्त करते उसके द्वारा ग्राम निमहा के सरपंच द्वारा प्रमाणित स्वयं का सजरा विवरण प्रस्तुत किया गया, जिसमें उसका बोडरी सोहागपुर जिला शहडोल का निवासी होना नहीं पाया जाकर अनपढ़ होना तथा अंग्रेजी में हस्ताक्षर करना नहीं जानना पाया गया। प्रकरण के पर्दाफाश करने में अनुविभागीय अधिकारी धनपुरी अभिनव मिश्रा के मार्गदर्शन में दिलीप सिंह थाना प्रभारी खैरहा, का. सहयक उप निरीक्षक अजय कुमार, प्रधान आरक्षक नरेन्द्र, आरक्षक सतीश कुमार, महिला आरक्षक आज्ञावती और अमित दीक्षित, सहायक उप निरीक्षक (अ) प्रभारी सायबर सेल शहडोल की उल्लेखनीय भूमिका रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed