किसानों की चेतावनी : अनिश्चितकालीन बंद करेंगे रामपुर बटुरा प्रोजेक्ट

शहडोल। लंबे अरसे से समस्याओं को झेल रहे हैं रामपुर के किसान शर्त तो यह हुआ था डीआरसीसी के बाद 3 महीने के अंदर मुआवजे का भुगतान उसके तुरंत बाद 1076 रोजगार रामपुर 261 रोजगार बेलिया के किसानों को उपलब्ध
कराया जाएगा, लेकिन ऐसी समस्या में किसान उलझे हुए हैं अपनी पुस्त दर पुस्त की संपूर्ण संपत्ति को सहजता के साथ एसईसीएल एवं जिला प्रशासन के लालच में आकर सौंप दिया, जैसे आज 78 साल से गांव के सहज जनता किसान मजदूर लूटने आए हैं उसी तर्ज में एक बार रामपुर के किसानों के साथ आंख मिचौली खेला गया और किसानों को खुलेआम कागजी कार्यवाही में लूट लिया गया यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी, जिस तरह से 2010-11 में अधिग्रहण की गई रामपुर बेलिया गांव और फिर शासन और एसईसीएल के कागजी कार्यवाही में खेलते-खेलते 2016 में मुआवजे का प्रथम भुगतान किया गया, फिर नाटक शुरू हुआ रोजगार देने का तो उसके बाद लगातार ग्रामीणों के अथक प्रयास से लड़ाई लड़ते-लड़ते 2022-23 से रोजगार की प्रक्रिया प्रारंभ की गई, बस इतना ही कहेंगे कि थोड़ी कृपा एसईसीएल और जिला प्रशासन के हुई तो ढाई सौ रोजगार रामपुर और बेलिया के किसानों को दी गई। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सर्व सेवा संघ के युवा सेल के राष्ट्रीय संयोजक किसान नेता भूपेश शर्मा ने बताया कि हम किसानों के साथ लगातार छलावा किया जा रहा है और केवल एसईसीएल दोषी नहीं हैं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा जिला प्रशासन भी दोषी है, कोयला खदान खोलकर तेजगति से कोयले का भंडारण एवं डिस्पैच का काम हो रहा है और किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है, कुछ मुख्य मुद्दे हैं जिनको लेकर किसान अब एकजुट होकर 15 दिसंबर से आवाहन कर दिया है, किसी तरह से सुनवाई नहीं होते देख कल से बंद करेगें। खदान अब हम आश्वासन पर बात नहीं मानेंगे मौके पर आए किसानों की समस्या का समाधान करें और खदान चालू करें समस्या का समाधान नहीं होगा तो खदान अनवरत बंद रहेगा, जिसकी समस्त जवाबदारी एसईसीएल और जिला प्रशासन की होगी। धारा 9, 1 अन्तिम नोटिफिकेशन 21 जनवरी 2016 आदेश की प्रति उपलब्ध कराया जाए और उसके कारण रुके फाइल में तत्काल रोजगार उपलब्ध कराई जाए, आर. एंड आर. की राशि 10 लाख प्रति परिवार के हिसाब से भुगतान किया जाए, पुनर्वास हेतु जमीन चिन्हित कर कार्यवाही शुरू किया जाए, रोजगार की रूकी फाइल जैसे गुप्ता परिवार को 2वर्षो से रोका गया है, इसके साथ अन्य रोजगार में समय निश्चित किया जाए, क्वारी कम से कम निकाला जाए, देरी करने वाले अधिकारियों को उपास्थित कर राजस्व विभाग के जिमेदार अधिकारियों के साथ बैठक कर निराकरण किया जाए, प्राइवेट कंपनियों जो रामपुर बटूरा प्रोजेक्ट में काम कर रहें उन्हें 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देते हुए तत्काल भर्ती कराया जाए, रुके मुआबजा पेड़, पौधे, जमीन, मकान अन्य परिसंपत्ति का भुगतान किया जाए, कोयले लोडिंग-अनलोडिंग से लगे आदि का काम स्थनीय ग्राम पंचायत समिति को दी जाए, छोटे-छोटे काम की जिम्मेदारी, रामपुर, खड़ा, बेलिया आदि गांव को दिया जाए ठेकेदार यहां भी है विसंगति में लंबे समय से किसने की जमीन के मुआवजे का भुगतान नहीं हो सका उसे तत्काल कराया जाए, बल्कि मुआवजा न देकर किसानों के शेष जमीन बची को दवाब बना कर शफत के माध्यम से सरेंडर कराया जा रहा उसे वापस कराया जाए, कुछ किसानों को मुवाबज़ मिल गया जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ अधिग्रहण करते हुए रोजगार उपलब्ध कराई जाए। उक्तशाय की जानकारी देते हुए श्री शर्मा ने बताया कि जीएम, सबेरिया मैनेजर अनुरुद्र सिंह, टीआई अमलाई सहित किसानों से बात करने पहुंचे लेकिन किसान अपने मांगो पर अड़े रहे, इसी जगह पर मांग पूरा हो तभी उठेगा नहीं तो आन्दोलन प्रारम्भ रहेगा। आंदोलन में सरपंच ग्राम पंचायत रामपुर श्रीमती परेमिया बैगा, जनपद सदस्य चंद्र कुमार तिवारी, उपसरपंच रजनीश मिश्रा, सांसद प्रतिनिधि भाजपा के वरिष्ठ नेता राजकमल, आनंद त्रिपाठी, ओमप्रकाश द्विवेदी,राघवेंद् शर्मा, उमेश शर्मा, किसान नेता आदित्य त्रिपाठी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती संती मनमोहन चौधरी, जुगल किशोर, पूर्व सरपंच झोले बैगा, पंच प्रमोद बैगा, विजय विश्वकर्मा, मनोज त्रिपाठी, पूर्व सरपंच राजकुमार शर्मा, पूर्व जनपद सदस्य, नेमसाय रठोर, मूलचंद गुप्ता, पूर्व उप सरपंच राजू सोनी, सुनील जायसवाल, रमाकांत, हीरामनी, बाबूलाल साहू, शंकर साहू, रमेश साहू, सुनील गुप्ता,भगवान दास बैगा, लवकुश साहू, नारायण गुप्ता, धनी बैगा, अशोक द्विवेदी, विनोद, बृजेश गुप्ता, नन्नू गुप्ता, विजय मिश्रा, रणधीर, मुरली साहू, शंकर, मुन्नी बाई, श्री गुप्ता, अशोक, रत्ना बैगा, नर्वद गुप्ता, भूपेश शर्मा सहित समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक उपस्थित रहे।