शहडोल। सरकार की मंशा के विपरीत अधिकारी-कर्मचारी महिलाओं को परेशान करते हैं, सरकार करोड़ों रुपए की योजनाएं चलाकर महिला सशक्तिकरण करने की बात करती है, लेकिन जिन कार्यालयों में महिलाएं काम करती हैं, उनमें से कई महिलाओं को आए दिन अपमानित होना पड़ता है। 21वीं सदी में भी महिला बाल विकास विभाग में ही महिलाओं को महिला अधिकारी से जातिगत शब्दों से अपमानित होना पड़े यह विभाग सहित सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करने से कम नहीं है।
शिकायत को बीते 2 माह
जिले के गोहपारू जनपद में महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ परियोजना पर्यवेक्षक भावना चौधरी पति नरेश प्रसाद चौधरी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित आजाक थाना प्रभारी को शिकायत देते हुए अवगत कराया था कि परियोजना अधिकारी सतवंत कौर हूरा परियोजना अधिकारी गोहपारू द्वारा जाति सूचना शब्दों के साथ अश्लील गाली-गलौज करने की शिकायत 16 सितम्बर को की थी, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी आज दिनांक तक उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है।
अधिकारी का टेबल छूना पड़ा महंगा
परियोजना परिवेक्षक ने जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित आजाक थाना प्रभारी को लिखित शिकायत देते हुए अवगत कराया कि वह 16 सितम्बर को मेडिकल अवकाश के उपरांत अपनी उपस्थिति 1.10 पर कार्यालय में दी। कार्यालय में उपस्थित परियोजना अधिकारी मुझे बुलाकर पूछी की स्वस्थ्य हो गई, मैं अपनी स्वस्थता की जानकारी परियोजना अधिकारी को दे रही थी और अपनी कार्यालय की पावती उपस्थिति पत्रक को दिखाई,इतने में परियोजना अधिकारी जातिगत शब्दों से अपमानित करते हुए कहीं कि मैं खा रही हूं, मेरी टेबल छूने की हिम्मत कैसे कर ली।
मैं सभ्य परिवार की महिला
अधिकारी द्वारा मुझे कहा गया कि नीच जाति के लोगों को बुला क्या लिये सर में चढऩे लगी, तुम्हे पता नहीं कि मैं पंजाबी परिवार की सभ्य पढ़ी लिखी पीएचडी फाईट की वर्ग-2 की अधिकारी हूं। तुम नीच जाति के औरतों को क्या पता, मैं तुम्हें देखना पसंद नहीं करती हूं और खाना खाते समय मेरी टेबल को कैसे छू दी। इस तरह मुझे जातिगत अपमानित किया गया।
इनका कहना है…
मामले में विभागीय जांच चल रही है, पूरे मामले में फोन पर हम नहीं बता पायेगें, आप सामने आकर मिलिए तब कुछ बता पायेंगे।
मनोज लारोकर
जिला कार्यक्रम अधिकारी
महिला बाल विकास, शहडोल