पहले रैकी, फिर हथियार, और गोलियों की गूंज अंत मे मौत.नीलू रजक मर्डर केस में हथियार सप्लाई से लेकर रैकी तक की साजिश बेनकाब 5 आरोपी गिरफ्तार, 3 अभी भी फरार,दो दिन में रचा गया कैमोर का खूनी खेल..ठेकेदारी के विवाद ने रच थी मौत की स्क्रिप्ट दो माह पुरानी रंजिश ने लिया था खूनी रूप, मैहर से खरीदे गए हथियार,अकरम खान बना खून की साजिश का मास्टरमाइंड

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पहले रैकी, फिर हथियार, और गोलियों की गूंज अंत मे मौत.नीलू रजक मर्डर केस में हथियार सप्लाई से लेकर रैकी तक की साजिश बेनकाब 5 आरोपी गिरफ्तार, 3 अभी भी फरार,दो दिन में रचा गया कैमोर का खूनी खेल..ठेकेदारी के विवाद ने रच थी मौत की स्क्रिप्ट

दो माह पुरानी रंजिश ने लिया था खूनी रूप, मैहर से खरीदे गए हथियार,अकरम खान बना खून की साजिश का मास्टरमाइंड

जिले के कैमोर क्षेत्र में हुए नीलू रजक हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। हत्या के पीछे दो माह पुरानी रंजिश और लेबर सप्लाई के धंधे में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की कड़वी दुश्मनी सामने आई है। हत्या की साजिश बेहद योजनाबद्ध तरीके से रची गई, जिसमें हथियारों की सप्लाई से लेकर रैकी तक हर कदम सोच-समझकर उठाया गया। मुख्य आरोपी अकरम खान सहित पाँच लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें दो आरोपी पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए थे।
कटनी।। जिले के चर्चित कैमोर हत्याकांड ने पूरे जिले को झकझोर दिया था। अब पुलिस ने इस बहुचर्चित हत्या की गुत्थी अंततः सुलझा ली है। हत्या की साजिश आपसी रंजिश और लेबर सप्लाई के धंधे की प्रतिस्पर्धा से उपजी थी, जिसमें अकरम खान ने मुख्य भूमिका निभाई। जानकारी के अनुसार, घटना से करीब दो माह पूर्व डीएवी स्कूल के सामने अकरम खान और नीलू रजक के बीच तीखा विवाद हुआ था। दोनों ही लेबर सप्लाई का काम करते थे। धंधे में वर्चस्व की लड़ाई और पुरानी दुश्मनी इस हत्या की असली वजह बन गई। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हत्या से दो दिन पहले पूरी योजना अमरैयापार निवासी आरिफ उर्फ मानू खान (26) ने रची। उसी ने हत्या की रूपरेखा तैयार की और साथियों को जिम्मेदारी बाँटी जिसमें सलीम खान उर्फ चच्चा (45) और मोहम्मद जैद अजहरी (21) को नीलू की रैकी और निगरानी का काम सौंपा गया। वहीं हर्ष सिंह (23) निवासी लालपुर, अमरपाटन, जिला मैहर से पिस्टल और कारतूस खरीदे गए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अक्टूबर की रात कैमोर क्षेत्र में नीलू रजक की दो नकाबपोश बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने कई टीमें गठित कीं और आरोपियों की गिरफ्तारी पर 30,000 का इनाम घोषित किया गया।
मुखबिर की सूचना पर ग्राम कजरवारा बहोरीबंद के पास पुलिस ने जब अकरम खान (28) और इमेनुअल जोसेफ उर्फ प्रिंस (19) को घेरा, तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों पैरों में गोली लगने से घायल हो गए। दोनों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। पुरे मामले मे रिपोर्ट पर अप.क्र. 302/25 धारा 103(1), 3(5) बीएनएस और 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गिरफ्तार आरोपियों मे
1️⃣ अकरम खान (मुख्य आरोपी) – हत्या का मास्टरमाइंड
2️⃣ इमेनुअल जोसेफ उर्फ प्रिंस (19) – हत्या में सक्रिय सहभागी
3️⃣ आरिफ उर्फ मानू खान (26) – योजनाकार
4️⃣ सलीम खान उर्फ चच्चा (45) – रैकी और निगरानी
5️⃣ हर्ष सिंह (23) – हथियार सप्लाई करने वाला
सभी आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
अमन खान, लकी अंसारी और छोटू सिंह अब भी फरार हैं, जिनकी सघन तलाश जारी है।

पुलिस की बहुआयामी टीम ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में कार्रवाई करतें हुए जज़्बा दिखाया जिसमें थाना प्रभारी आशीष शर्मा (कैमोर), अखिलेश दाहिया (बहोरीबंद), रीतीश शर्मा (विजयराघवगढ़), अरुणपाल सिंह (रंगनाथ नगर), रूपेन्द्र राजपूत (एनकेजे) समेत साइबर सेल, तकनीकी टीम और फोर्स के जवानों ने बेहतर समन्वय और फुर्ती से आरोपियों को गिरफ्तार किया। टीमों ने अभूतपूर्व समन्वय से अपराधियों को बेनकाब किया। कैमोर गोलीकांड अब एक साधारण विवाद से योजनाबद्ध हत्या का उदाहरण बन चुका है। जहाँ धंधे की रंजिश, रैकी की रणनीति और हथियारों की सप्लाई ने मिलकर एक जान ले ली। पुलिस की सतर्कता और तत्परता से मामला सुलझ गया है, पर इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा जब व्यक्तिगत द्वेष बन जाती है, तो उसका अंजाम कितना भयावह होता है।

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