कालरी के अंदर जहरीली गैस रिसने से चार की मौत

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कोयलांचल में मचा हडक़म्प, चोरी करने घुसे थे युवक

शहडोल। तात्कालिक कारण चाहे जो हो, प्रकारांतर से देखा जाए तो कालरी प्रबंधन की अमानवीय, अनुत्तरदायी व मतलबपरस्त कार्यशैली इस घटना के लिए जिम्मेदार है। कोयला खदान बंद हुई नहीं कि प्रबंधन का उससे सरोकार समाप्त हो जाता है। कोयला खाली हुआ नहीं कि उसके लिए धरती बेकार हो जाती है। जबकि उसकी जिम्मेदारी उसके आगे भी है। इसंानों के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए शासन ने उसके लिए प्रावधान किए हैं। बंद पड़ी खदान की व्यवस्था के लिए करोड़ों का बजट दिया जाता है। लेकिन प्रबंधतंत्र के लिए कोयला से कमाई और फिर बंद पड़ी खदान की भराई के नाम पर कमाई उसका शगल बन चुका है। कालरी के पैसा परस्त धन पिशाचों के लिए इंसानी जान और धरती की कोई कद्र हो भी कैसे सकती है। संवेदनाओं के लिए यहां जगह ही कहां है?

दीवार तोडक़र घुसे थे अंदर     

जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र की बंद कोयला खदान यूजीमाइंस में गुरुवार की रात में लगभग 10 बजे धनपुरी नंबर  4 निवासी पांच युवक एक साथ लोहा कबाड़ चोरी करने की नीयत से बंद खदान की पक्की कंक्रीट दीवार तोडक़र अंदर घुसे और खदान में जाने के लिए सुरंग बनाया। इनमें कपिल विश्वकर्मा उम्र 30 वर्ष, राहुल कोल 25 वर्ष, राज महतो 20 वर्ष, हजारी कोल 30 वर्ष और सिद्धार्थ महतो 20 वर्ष हैं। यह पांचो युवक एक साथ दीवार तोडक़र अंदर घुसे। जब सुरंग बनाकर खदान के अंदर गए तो वहां सिद्धार्थ को घुटन होने लगी। सिद्धार्थ घबराहट के कारण बाहर निकल आया लेकिन चार अन्य युवक अंदर घुसे रहे, जिनका शव सुबह मिला है। सुबह लगभग 4.30 बजे धनपुरी पुलिस को इसकी जानकारी लगी। इसके बाद कलेक्टर वंदना वैद्य और पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक तक बात पहुंची तो वह तत्काल घटनास्थल में आधे घंटे के अंदर पहुंच गए। खदान के अंदर फंसे चारों युवकों का शव निकलवाया गया और मेडिकल कालेज में पीएम भेज दिया गया । एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसमें इस तथ्य पर भी जांच होगी कि यह युवक किसके लिए कबाड़ चोरी का काम कर रहे थे।

जहरीली गैस से दम घुटा

पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने बताया की चारों युवकों की मौत बंद पड़ी कोयला खदान के अंदर से रिसी गैस के कारण हुई है। उन्होंने बताया कि खदान को दीवार से बंद कर दिया गया था। यूवको ने दीवार तोडक़र सुरंग बनाया और काफी गहराई तक अंदर गए। काफी दिनों से खदान बंद होने के कारण अंदर से गैस का रिसाव हुआ। जिसके कारण इनकी मौत हो गई है। खदान के अंदर लोहा भी पड़ा हुआ है और पूछताछ में भी यही बात सामने आई है कि यह युवक वहां लोहा कबाड़ चोरी करने के लिए अंदर घुसे थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 2018 में यह कोयला खदान बंद हो गई थी। जिसमें काली प्रबंधन के द्वारा सीमेंट की दीवार खड़ी करके बंद कर दिया गया है। जिस युवक की जान बच गई है उसने बताया कि सभी लोग लोहा और कबाड़ चोरी करने के लिए अंदर घुसे थे। एक घंटे उनको दीवार तोडऩे में लग गया था और उसके बाद फिर अंदर सुरंग बनाकर घुसे थे।

खदान की भराई नहीं कराई थी

नियमत: बंद पड़ी खदानों में सुरक्षा के उपाय करने के लिए पहले खदान की मिट्टी व  बालू से भराई कराई जानी चाहिए। इसके बाद उसके चारो ओर ऊंची कांक्रीट की दीवार  बनवाई जानी चाहिए। इसके अलावा यह व्यवस्था की जानी चाहिए कि इससे आबादी के लोग  प्रभावित नहीं हों। लेकिन खदानों की भराई नहीं कराई जाती केवल कांक्रीट की दीवार बनवा कर छुट्टी पा ली जाती है। जो कि पर्याप्त इंतजाम नही माना जा सकता। इसीलिए एसईसीएल सुहागपुर क्षेत्र में बंद पड़ी कोयला खदानों से लगातार कोयला चोरी हो रहा है। इसके पहले भी इन बंद पड़ी कोयला खदानों में दर्दनाक घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन कालरी प्रबंधन की अनदेखी के कारण इस पर रोक नहीं लग पा रही है। कालरी प्रबंधन द्वारा बंद कोयला खदानों को पूरी तरह से मिट्टी डालकर बंद भी नहीं किया जाता है जिसके कारण यहां लोग कोयला कबाड़ चोरी करने के लिए अक्सर घुसते रहते हैं।

एसआईटी की टीम करेगी जांच

जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र की बंद कोयला खदान में गैस रिसाव के कारण 4 लोगों की मौत हो गई है। मृतक बंद पड़ी खदान में कबाड़ निकालने के लिए घुसे थे। एसईसीएल की बंद पड़ी धनपुरी यूजी माईनस में कबाड़ निकालने दौरान इन लोगों की मौत हुई। गैस रिसाव मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। एडीजीपी डीसी सागर ने एसपी को निर्देश दिए हैं। मामले की पांच सदस्यीय समिति जांच करेगी। शहडोल गैस रिसाव मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है। यह

जांच की जा रही है कि घटना किस कारण से हुई है।

पीएम रिपोर्ट के बाद बढ़ेगी कार्यवाही

एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसमें इस तथ्य पर भी जांच होगी कि यह युवक किसके लिए कबाड़ चोरी का काम कर रहे थे। चारों युवकों के शव मेडिकल कालेज में पीएम के लिए रखवा दिए गए हैं और आगे की कार्यवाही की जा रही है। यह सभी युवक धनपुरी के एक ही मोहल्ले के आसपास के रहने वाले हैं। सामूहिक रूप से कबाड़ चोरी करके कुछ कमाई करने के उद्देश्य से खदान में घुसे जो इस दुनिया से ही विदा हो गए।

तत्काल किया रेस्क्यू

शव को रेस्क्यू कराने में जीएम पी.श्रीकृष्णा के नेतृत्व में रेस्क्यू इंचार्ज आर. डी.पटेल, कैप्टन अमरजीत सिंह, फरहाद अली, जय सिंह, रजनीश खरे, संतोष चौरसिया, मुकेश राय, मिथलेष संगतिया, विनीत दुबे, मो. सुभान, राहुल माली सहित अन्य की भूमिका रही।

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