9 दिन के अंदर हुई चौथे तेदुएं की मौत

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प्रोटोकाल से हुआ अंतिम संस्कार

उमरिया। बांधवगढ़ में तेंदुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, बुधवार को हुई तेंदुए की मौत ने प्रबंधन पर सवाल खड़ा कर दिया है। पनपथा बफर क्षेत्र अंतर्गत बुधवार को फिर एक तेंदुए के शव को गश्ती दल ने देखा, बांधवगढ़ के पनपथा बफर क्षेत्र की करौंदिया बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ 609 से लगे राजस्व क्षेत्र की सीमा के पास तेंदुए का शव पाया गया, मृत तेंदुए की उम्र लगभग 7 से 8 माह बताई गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक तेंदुए की मौत हो गई है, 21 नवंबर से महज 9 दिन में चार तेंदुओं को बांधवगढ़ ने खो दिया है।

तेंदुआ के मौत के मामले में बताया गया कि प्रथम दृष्टया तेंदुए की मौत होने की वजह किसी बाघ के हमले से होना प्रतीत होता है। मृत तेंदुआ के गले एवं शरीर के अन्य हिस्सों में बाघ के दांतो के निशान भी देखे गए हैं। घटना स्थल के आस-पास बाघ के पग चिन्ह भी पाए गए हैं। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि तेंदुए की मौत की वजह बाघ का हमला ही है।

वन विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गश्ती दल ने तेंदुए को मृत अवस्था में देखा था। गश्ती दल के द्वारा तत्काल प्रबंधन को सूचना दी गई, जिसके बाद प्रबंधन और डॉक्टर मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और उसका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। शव को चिकित्सीय परीक्षण उपरांत वन्य प्राणी के निर्धारित प्रोटोकाल के तहत वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार कराया गया है।

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