मुख्य मार्गों पर कचरा वाहन और वार्ड बनें कचरा घर

शहडोल में औंधे मुंह गिरा स्वच्छ सर्वेक्षण 2021
होर्डिंग्स-कचरा वाहन और कागजी कोरम में सिमटा अभियान
्रशहडोल। केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार शहरों की स्वच्छता को लेकर बीते कई वर्षों से स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, शासन की मंशा है कि शहरों को गंदगी और गंदगी के मार्फत फैलने वाली बीमारियों से पूरी तरह मुक्ति दिलाई जाये, जिले के विभिन्न निकायों में यह अभियान इन दिनों चरम पर है, नपा शहडोल ने भी शहर के दर्जनों होर्डिंगों को स्वच्छता अभियान के नाम पर पाट दिया है, लेकिन होर्डिगों के आसपास ही जब कचरे के ढेर नजर आये तो, हजारों रुपयों की ये होर्डिंग्स बेमानी साबित होती दिख रही हैं, नगर पालिका में सत्ताधारी दल या फिर विपक्ष कोई भी स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर हो रहे खेल पर सवाल न खड़ा करें, शायद इसलिये मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने नपा के पक्ष व विपक्ष दोनों गुटों को होर्डिंग्स में मैंनेज करने का खेल भी खेला है।
सड़कों पर वाहन, अंदर गंदगी के ढेर
पालिका द्वारा शहर के प्रमुख मार्गों और खास कर जिन मार्गों पर जिले और संभाग के मुखिया व अन्य अधिकारियों के निवास व कार्यालय हैं, वहां पूरे दिन, बीते कुछ दिनों से कचरा वाहन स्लोगन बजाते हुए घुमवाये जा रहे हैं, यही नहीं अधिकारियों के आवाजाही वाले मार्ग को भी कचरा मुक्त करने के लिये ताकत झोंकी गई है, लेकिन शहर के विभिन्न हिस्सों में फैले दर्जनों वार्डों की आंतरिक स्थिति बद से बदहाल होती जा रही है, राजएक्सप्रेस द्वारा ग्राउंड पर जाकर जब आम लोगों से इस बारे में राय ली गई तो, उन्होंने घर के समीप कचरे के ढेर और कई दिनों से चोक पड़ी नालियों का हवाला दिया।
सर्वेक्षण में लाखों का अपव्यय
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में शासन द्वारा भेजे गये लाखों के बजट को नपा में बैठे जिम्मेदारी कागजी कोरम पूरा कर निपटाने के फेर में हैं, हालात इतने बदतर हैं कि शहर की मुख्य सब्जी मंडी और उसके आसपास की नालियों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं, इन नालियों में जाम पानी ने आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। नगरपालिका द्वारा हर वर्ष शहरी विकास के नाम पर लाखों रूपए खर्च किया जाता है, लेकिन शहर की साफ-सफाई जस की तस बनी हुई है। शहर में लाखों रूपए खर्च कर लगभग वार्डों में रोड, नाली सहित विभिन्न कार्यों में खर्च कर दिया गया, लेकिन शहर में सभी वार्डों के घरों से निकलने वाले कचरे को रोज उठाने की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।
बदहाल है पार्क की स्थिति
नगर पालिका परिसर के सटे रविन्द्र नाथ टैगोर पार्क में ही कचरे का अम्बार लगा हुआ है, वातानुकूलित कक्षों में बैठे नगर पालिका के सीएमओ और उनके मार्गदर्शन में काम कर रही सैकड़ा भर से अधिक सफाई कर्मचारियों की टीम, अधिकारियों और नेताओं के घर पर झाडू़ लगाना तो नहीं भूलती, लेकिन परिसर के ठीक सामने स्थित टैगोर पार्क में फैला कचरा और उससे सटे क्षेत्र में हो रहा अतिक्रमण शायद जिम्मेदारों को नजर नहीं आया।
यह है वार्डों का हाल
शहर के प्रमुख घरौला मोहल्ला वार्ड नम्बर-14 के साथ ही इतवारी मोहल्ला वार्ड नम्बर-07 तथा सब्जी मंडी वार्ड नम्बर-09 सहित अन्य वार्डों के भ्रमण के दौरान वहां कचरे के ढेर और बजबजाती नालियां बीमारियों को आमंत्रण दे रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर न तो, सर्वेक्षण के हिसाब से सफाई हो रही है, सिर्फ होर्डिंग्स और बैनर, पोस्टरों में स्वच्छता की मुनादी सीएमओ अमित तिवारी नपा में बैठे-बैठे ही करवा रहे हैं। कुछ साल पहले लाखों रूपए खर्च कर कन्टेनर की खरीदी की गई थी, लेकिन लगभग कंटेनर महज दिखावा साबित हो रहे हैं।
खण्डित हो रही शासन की मंशा
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020-2021 का मुख्य उदेश्य देश में फैले गीले, शुष्क और खतरनाक अपशिष्ट द्वारा फैली बिमारियों से देश को मुक्त कराना है। इसके लिए देश में फैले पुनर्चक्रण, निर्माण मलबा का निस्तारण, कचरा स्थल पर फेंके जाने वाले कचरा की मात्रा और शहरों की सफाई की स्थिति पर गौर किया जाएगा, जिससे की देश को स्वच्छ रखा जा सके, लेकिन नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों ने शासन की मंशा पर ही ग्रहण लगाकर रख दिया है।